जानिए वे तरीके जिनके माध्यम से हम एसी के बिना भी अपनी कार को गर्मियों में ठंडा रख सकते हैं

य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला
14-03-2023 10:34 AM
जानिए वे तरीके जिनके माध्यम से हम एसी के बिना भी अपनी कार को गर्मियों में ठंडा रख सकते हैं

आज कल ज्यादातर हर मध्यमवर्गीय परिवार में एक कार होना आम बात हो गई है। दुनिया तथा हमारे देश में भी पिछले कुछ वर्षों में कारों की संख्या बहुत बढ़ गई है। वास्तव में आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में एक कार होना आवश्यक भी हो गया है, तथा यह हमारे प्रवास को आरामदायक भी बनाती है। परंतु क्या आपको पता है कि महज़ एक कार भी हमारे पर्यावरण के लिए घातक साबित हो सकती है। आमतौर पर हम मानते है कि कारों से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide) गैस ही वातावरण को दूषित करती हैं। लेकिन कारों से निकलने वाली केवल कार्बन डाइऑक्साइड गैस ही नहीं है, जो हमारे वातावरण को नुकसान पहुंचा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, आपकी कार के एयर कंडीशनिंग (Air conditioning) यानी कि एसी में उपयोग की जाने वाली रेफ्रिजरेंट गैसें कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की तुलना में 1400 गुना अधिक हानिकारक हैं। और यही गैसें वातावरण को नुकसान पहुंचा रही है।
1990 के दशक से कार निर्माताओं द्वारा एच एफ सी-134 ए (HFC-134a) के रूप में जानी जाने वाली ग्रीनहाउस गैस (Greenhouse gas) को कार के एयर कंडीशनिंग सिस्टम में उपयोग में लाया गया है। तब से यह गैस पृथ्वी के वायुमंडल के लिए एक शक्तिशाली प्रदूषक का कार्य कर रही है। और इसी वजह से यह गैस संयुक्त राज्य अमेरिका United States of America) और यूरोप (Europe) में प्रतिबंधित है। हालांकि अब कुछ देशों में एच एफ सी-134 ए के स्थान पर एच एफ ओ-1234 वाइ एफ (HFO-1234yf) गैस का भी उपयोग किया जा रहा है जो तुलनात्मक रूप से पर्यावरण के लिए कम हानिकारक है। किंतु यह गैस महंगी होने के साथ-साथ ज्वलनशील भी है जिसके कारण इसका बहुत ज्यादा उपयोग नहीं किया जाता है। तो कई लोगों के मन में प्रश्न उठ सकता है कि क्या हमें अपनी कारों में एसी के उपयोग को बंद कर देनाचाहिए ? और यदि हां, तो ऐसे कौन से विकल्प है जिनसे हम अपनी कार में एसी की कमी को पूरा कर गर्मी से निजात पा सकते हैं? आईए जानते हैं इसके बारे में । कार में एयर कंडीशनर के अलावा एक अन्य पोर्टेबल शीतलन विकल्प एक पोर्टेबल वॉटर कूलर है। इस तरह की ये इकाइयां वाष्पीकरण की शीतलन शक्ति का उपयोग करके कार को ठंडा बनाए रखती हैं। लेकिन अत्यधिक नमी वाले स्थानों में यह उतनी कारगर नहीं होती हैं। कार में ठंडा पानी भी कई तरह से आपकी मदद कर सकता है। आप एक कपड़े या छोटे तौलिये को ठंडे पानी में डुबोकर अपने सिर या गर्दन पर रख सकते है। एक विकल्प यह है कि आप एक स्प्रे बोतल को बर्फीले पानी से भरें और इससे स्प्रे करके खुद को गर्मी से बचाए।
क्या आपने कभी ऐसी कार देखी है जिसके शीशे पर फॉइल (Foil) चढ़ाई गई हो? ये फॉइल एक शेड (Shade) के रूप में कार्य करती हैं जो आमतौर पर एल्यूमीनियम (Aluminium) या किसी अन्य लचीले, परावर्तक सामग्री से बनी होती हैं। इनका काम सूरज की रोशनी को कार के आंतरिक भाग में आने से रोकना है। यह सूरज की रोशनी को परावर्तित कर देती है, जिससे कार के अंदर समग्र तापमान कम रहता है। हम कार के फर्श पर तापावरोधन के जरिए कार को इंजन की गर्मी से भी बचा सकते है। इसके लिए आप अपनी कार के फर्श पर लचीली पॉलीथीन की परत लगा सकते हैं जो आपकी कार के इंजन से उत्सर्जित होने वाली गर्मी को रोकने के लिए अच्छी साबित हो सकती है। यदि आप जल्दी में हैं, तो आप कुछ इंस्टेंट कोल्ड पैक (Instant cold pack) वाली पानी की थैलियां भी ले सकते हैं जिनके अंदर रसायनों की नलियां होती हैं। इन नलियों को तोड़ने से पानी तुरंत जम जाता है,और इससे आपको ठंडक मिल सकती है। ऐसे ही, ठंडक पहुंचाने वाले घटकों से भरा एक पूरा बनियान भी आप ले सकते है, जो आपके पूरे शरीर को ठंडक पहुंचाता है। आप अपनी कार की खिड़कियों पर कुछ पेंट भी करवा सकते है, जो कार में सूरज की रोशनी को प्रवेश करने से रोकता हैं। इस पद्धति को विंडो टिंट(Window Tint) कहते है। साथ ही जितना हो सके अपनी कार से सूरज के किरणों को बाहर रखें। जब संभव हो तो कार को छाया में पार्क करें और दिन के ठंडे काल में कार चलाए। अगर आप कार चलाते वक्त पीठ के पसीने से निपटना चाहते है तो, सीट कवर इसे दूर करने का एक शानदार तरीका है। ये कवर कुछ जालीनुमा सामग्री से बने होते हैं जो आपकी पीठ को सीट से इस तरह अलग करते हैं, जिससे हवा के प्रवाह को बढ़ावा मिलता है। अगर आपकी कार में चमड़े की सीटें हैं तो तौलिये पर बैठें। हम जानते हैं कि यह विचार थोड़ा पुराना लग सकता है, लेकिन यह काम करता है। इन तरीकों को अपनाकर आप अपनी कार को ठंडा रख सकते हैं; परंतु एक और समस्या भी कार के अंदर मौजूद है। और वह है कार के अंदर की हवा में कुछ घटक कणों का होना। इन कणों को हम पर्टिकुलेट मैटर (Particulate matter) कहते हैं। ये आमतौर पर बाहरी प्रदूषित हवा में होते है। ये छोटे कण इतने महीन होते हैं कि आसानी से आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अब प्रश्न है कि इन हवा के खलनायकों से खुद को बचाने का क्या उपाय है?
इसके लिए अत्यधिक प्रदूषित स्थानों के आसपास ड्राइविंग करते समय यह सुनिश्चित करें कि आप एयर कंडीशनिंग चालू करते समय र उस विकल्प का उपयोग करें, जो बाहरी हवा पर निर्भर रहने के बजाय कार के अंदर की हवा को ही पुन: प्रवाहित करता है। अपनी कार का रखरखाव करें और अपनी कार के एसी की नियमित रूप से सर्विस कराएं। अपनी कार को ठीक प्रकार के रखकर आप इन समस्याओं से दूर रह सकते हैं। सड़क पर एक भी कम कार आसपास की हवा में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को महत्वपूर्ण रूप से कम कर सकती है। इसलिए, हो सके तो अपनी कार का कम इस्तेमाल करें! लेख पढ़कर हम शायद ये बात सीख गए होंगे कि हमें गर्मियों में कार चलाते वक्त खुद को एवं कार को एसी के बिना कैसे ठंडा रखना है। ये उपाय न केवल पर्यावरण को राहत देंगे, बल्कि हमें भी गर्मी से राहत ही मिलेगी। साथ ही एक ध्यान देने योग्य बात यह है कि अपनी कार के भीतर घातक कणों को बढ़ने न दे। आइए, एक पर्यावरण तथा आरोग्य पूरक प्रवास की ओर कदम बढ़ाते हैं।

संदर्भ
https://bit.ly/41Obv1I
https://bit.ly/3YsgpOT
https://bit.ly/3ZqeYBZ
https://bit.ly/3L2fnpF

चित्र संदर्भ
1. कार के एसी डैशबोर्ड को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. CFC-12 suva134a को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. कार एसी को संदर्भित करता एक चित्रण (Hippopx)
4. जापानी वैगन आर इंजन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. कार चलाते भारतीय को दर्शाता एक चित्रण (PixaHive)

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.