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सावन और गीतों का एक बहुत पुराना रिश्ता है, और यही वजह है कि विभिन्न गीतों में सावन के आनंद को समाहित किया गया है। मानसून के लिए कई उपयुक्त राग भी बनाए गए हैं।रामपुर-सहसवान घराने का मेघ मल्हार राग गायन दुनिया भर में प्रसिद्ध है। रामपुर-सहसवान घराना हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का एक घराना (संगीत विरासत) है जो उत्तर-प्रदेश के रामपुर और सहसवान शहरों में केंद्रित है।उस्ताद इनायत हुसैन खान (1849-1919) इस घराने के संस्थापक थे। घराने की उत्पत्ति रामपुर राज्य के शाही दरबार में प्रमुख ख्याल गायक महबूब खान से हुई है।उनकी परंपरा का अनुसरण उनके बेटे इनायत हुसैन खान (1849-1919) ने किया और फिर इनायत के बहनोई हैदर खान, उस्ताद फिदा हुसैन खान और पद्म भूषण उस्ताद मुश्तक हुसैन खान। इस प्रकार सभी गायक एक दूसरे के साथ जुड़े हुए थे, और घराने का नाम उनके पैतृक स्थान “सहसवान”, वर्तमान बदायूं जिले के नाम पर रखा गया था। माना जाता है कि रामपुर-सहसवान घराने ने जो मेघ मल्हार राग गाया है, उसे गायक तानसेन ने सूखे स्थानों पर बारिश लाने के लिए गाया था। चूंकि यह समय मानसून का है, इसलिए राग को उसके शुद्ध रूप में सुनने के लिए यह सबसे उपयुक्त समय है। तो चलिए इन वीडियोज के जरिए रामपुर-सहसवान घराने के मेघ मल्हार राग का आनंद प्राप्त करें।
संदर्भ:
https://bit.ly/3BtFG3A
https://bit.ly/3oH7GJk
https://bit.ly/3OKZLoZ
https://bit.ly/3cS24ZU
https://bit.ly/3OKyPWg
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