मन को शांत करने के लिए रामपुर में भी ले सकते हैं, ब्रह्माकुमारी द्वारा प्रदत्त राजयोग की दीक्षा

विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा
18-03-2022 11:26 PM
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मन को शांत करने के लिए रामपुर में भी ले सकते हैं, ब्रह्माकुमारी द्वारा प्रदत्त राजयोग की दीक्षा

आश्चर्य की बात है कि आज, जबकि पूरी दुनिया हर गुजरते दिन के साथ अधिक संसाधन संपन्न बन रही है, तथा लोगों के लिए जीवन में सुलभता और आराम से जीवन जीने की संभावनाएँ भी बढ़ रही हैं। अतः अपेक्षा तो यह की जानी चाहिए की, लोग पहले की तुलना में अधिक सुखी और मानसिक रूप से स्वस्थ होंगे। लेकिन द अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेस "The American Institute of Stress" के अनुसार वहाँ के लगभग 33 प्रतिशत लोग अत्यधिक तनाव महसूस करने की रिपोर्ट करते हैं। तथा तनाव के कारण 48 प्रतिशत लोगों को सोने में परेशानी होती है। इस तनावपूर्ण स्थिति से उभरने के लिए सभी लोग दवाइयों का सेवन करने लगते हैं। हालांकि ऐसी दवाइयाँ केवल कुछ समय के लिए ही कारगर होती हैं, लेकिन तनाव से पूरी तरह उभरने का एक कारगर उपाय भारत के पास है, जिसे "योग" के नाम से सम्बोधित किया जाता है और विश्व में योग की महत्ता का विस्तार करने का बड़ा श्रेय ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा प्रचारित किये गए "राज योग" को दिया जाता है। राज योग ध्यान का एक रूप माना जाता है, जो सभी वर्गों और पृष्ठभूमि के लोगों के लिए सुलभ है। यह बिना कर्मकांडों या मंत्रों के एक ध्यान का अभ्यास है और इसका अभ्यास कहीं भी कभी भी किया जा सकता है। अन्य योगिक क्रियाओं के विपरीत राज योग ध्यान का अभ्यास 'खुली आँखों' से किया जाता है, जो ध्यान की इस पद्धति को बहुमुखी, सरल और अभ्यास में आसान बनाता है। राज योग के बल पर प्राप्त आध्यात्मिक जागरूकता, हमें नकारात्मक और बेकार के विचारों पर अच्छे और सकारात्मक विचारों को चुनने की शक्ति देती है। हम सद्भाव के साथ रहना शुरू करते हैं, बेहतर और खुशहाल, स्वस्थ सम्बंध बनाते हैं और अपने जीवन को सबसे सकारात्मक तरीके से बदलते हैं। राज योग ध्यान आधुनिक समस्याओं के प्राचीन समाधानों में से एक माना जाता है। प्रत्येक सदी के दौरान इसने दुनिया भर में बहुत लोकप्रियता हासिल की है। राज योग ध्यान न केवल मानसिक शांति प्राप्त करने का एक तरीका है, बल्कि अज्ञान से छुटकारा पाने का एक शक्तिशाली तरीका भी है। यह जीवन-निर्माण, चरित्र-निर्माण के विचारों को आत्मसात करने पर जोर देता है। राजयोग ध्यान केवल बैठकर प्रकाश पर निगाहें देखना नहीं है। राज योग ध्यान, एक व्यक्ति को वास्तविक और मूल स्व में स्थिर करता है और उसे अपने दिव्य मूल्य और गरिमा को प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। इसमें कुछ नैतिक अभ्यास भी शामिल हैं। इन नैतिक प्रथाओं को नैतिक, आध्यात्मिक, सामाजिक, व्यावसायिक और पारिवारिक मूल्यों के रूप में जाना जाता है। राज योग ध्यान मन की शांति, शारीरिक आराम और हर स्थिति में सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करता है तथा एकाग्रता में सुधार करता है। यह विचारों की स्पष्टता बढ़ाता है, सकारात्मक सम्बंधों को विकसित करता है, स्थिरता की भावना देता है और यह अच्छा स्वास्थ्य, खुशी और जीवन में समृद्धि भी प्रदान करता है। प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, राज योग शिक्षा और अनुसंधान के प्रचार प्रसार में अपना अहम् योगदान दे रहे हैं। दरअसल प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्‍वरीय विश्‍वविद्यालय एक आध्यात्मिक संस्‍था है, जिसकी स्थापना लेखराज कृपलानी जी के द्वारा की गई थी।
इसकी विश्‍व के 37 देशों में 8, 500 से अधिक शाखाएँ मौजूद हैं। इस संस्था का बिजारोपण 1930 के दशक में अविभाजित भारत के सिन्ध प्रान्त के हैदराबाद नगर में हुआ। इस संस्था में स्त्रियों की मुख्य भूमिका होती है। इस संस्‍था के संस्थापक लेखराज कृपलानी जी को यह संस्था प्रजापिता ब्रह्मा मानती है। देहावसान के पश्चात् दादा लेखराज को 'प्रजापिता ब्रह्मा' नाम दिया गया। जो लोग आध्‍या‍त्मिक शांति को पाने के लिए 'प्रजापिता ब्रह्मा' द्वारा उच्‍चारित सिद्धांतो पर चले, वे ब्रह्मकुमार और ब्रह्मकुमारी कहलाए तथा इस शैक्षणिक संस्‍था को 'प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्‍वरीय विश्‍व विद्यालय' नाम दिया गया।
इस विश्‍वविद्यालय की शिक्षाओं (उपाधियों) को वैश्विक स्‍वीकृति और अंतर्राष्‍ट्रीय मान्‍यता प्राप्‍त हुई है। आज ब्रह्माकुमारी महिलाओं द्वारा चलाई जाने वाली विश्व में सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्था है। पिछले 80 वर्षों से इनके नेतृत्व ने लगातार हिम्मत, क्षमा करने की क्षमता और एकता के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता को विकसित किया है।
ब्रह्माकुमारी की मूल शिक्षाएँ एवं सिद्धांत उन के 'राजयोग कोर्स' द्वारा प्राप्त किए जा सकते हैं। यह कोर्स आत्मा और तत्वों के बीच के आपसी सम्बंध की वास्तविक समझ प्रदान करता है। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्‍वरीय विश्‍वविद्यालय द्वारा राजयोग का विस्तार करने का मुख्य उद्देश्य स्वस्थ, समृद्ध, सुखी और मूल्य आधारित समाज का निर्माण करना है। ऐसा समाज जहाँ हर कोई स्वाभाविक रूप से अपने जीवन का सबसे अधिक मूल्य और गरिमा और सभी प्रकार की स्वतंत्रता के साथ आनंद ले पायेगा। राजयोग का उद्देश्य माया के बंधन अर्थात अज्ञानता, दोषों और उनसे होने वाले कष्टों से मुक्ति प्राप्त करना और देवताओं की तरह प्रतिष्ठा, पवित्रता, स्वर्गीय स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि को फिर से प्राप्त करना है।
राज योग ध्यान समग्र उपचार के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है। इसे कई तरह से परिभाषित किया जा सकता है। "योग" शब्द का सीधा अर्थ है "संघ" और "राजा" शब्द का अर्थ है "सर्वोच्च" , "राजा" या "गुरु" । राज योग सभी योगों का राजा है क्योंकि इसके द्वारा ही व्यक्ति प्रभुता प्राप्त कर सकता है। आध्यात्मिक शब्दावली में योग का अर्थ है परमात्मा के साथ स्वयं का मिलन। एक बार साम्य स्थापित हो जाने पर अभ्यासी को परम आत्मा से शांति, आनंद, पवित्रता, दया, दिव्य के सकारात्मक स्पंदन प्राप्त होते हैं। राज योग साधक के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण आध्यात्मिक नियमों का पालन करना अनिवार्य है। सभी नियमों में सबसे आवश्यक हैं ब्रह्मचर्य (निरंतरता) , मन, वचन और कर्म की पवित्रता और पूर्ण अहिंसा। जब तक मनुष्य ब्रह्मचर्य का पालन नहीं करता, वह योग में स्थिर नहीं हो सकता। क्योंकि काम-वासना (काम), योग के शत्रु हैं।
ब्रह्मचर्य और मन, वचन और कर्म की पवित्रता के अलावा आहार की शुद्धता भी आवश्यक है। मनुष्य जो भोजन करता है उसका उसके मन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इसलिए जो एक अच्छा योगी बनने की इच्छा रखता है, उसे केवल सही या सतोगुणी भोजन करना चाहिए, अर्थात् ऐसा भोजन जो आध्यात्मिक उन्नति के लिए अनुकूल हो और अशुद्ध विचारों को जन्म न दे और मनुष्य के क्रोध को न भड़काए। सही भोजन वह है जो उचित रूप से कमाया गया हो और योग का अभ्यास करने वाले और ब्रह्मचारी के व्रत का पालन करने वाले व्यक्ति द्वारा तैयार किया गया हो।
इस योग का अभ्यास आधे मन से या दिन में केवल एक या दो बार ही नहीं करना चाहिए। यदि लगातार नहीं हो सकता तो बार-बार इसका अभ्यास करना चाहिए। इस दौरान, मनुष्य को अपने मन की स्थिति पर पूरा ध्यान रखना चाहिए और अपने सांसारिक कर्तव्यों को करते हुए भी अपने मन को बार-बार भगवान की याद में लगाना चाहिए। खुली आंखों से किये जाने वाले राज योग ब्रह्माकुमारी संगठनों द्वारा सिखाई जाने वाली ध्यान तकनीक हमारे देश दुनिया के साथ-साथ हमारे शहर रामपुर में भी सीखी जा सकती हैं।
रामपुर की ब्रह्माकुमारी संस्था का पता निम्नवत दिया गया है:
1.रामपुर सिविल लाइंस
पता - एच.नंबर: 1/8, एमआईजी, पुरानी आवास विकास कॉलोनी, एलआईसी कचेरी रोड, सिविल लाइन्स, रामपुर, उत्तर_प्रदेश 244901, भारत
फ़ोन - 9410466971, 0595- 2353562
ईमेल - Rampur@bkivv.org
2.रामपुर खारी कुआं
पता - एच.नंबर: 83, खारी कुआं, जैन इंटर कॉलेज रोड, रामपुर, उत्तर_प्रदेश 244901, भारत
फ़ोन - 9412507788, 0595- 2327872

संदर्भ

https://bit.ly/36mRerC
https://bit.ly/3tYwOxy
https://bit.ly/3JgG7zl
https://bit.ly/3KR5yrE
https://en.wikipedia.org/wiki/Brahma_Kumaris

चित्र सन्दर्भ

1. राज योगियों को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. राजयोग से प्राप्तियों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. राजयोग द्वारा अष्टशक्तियों की प्राप्ति को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. प्रजापिता ब्रह्मा कुमारिस ईश्वरीय विश्व विद्यालय, राजयोग ध्यान केंद्र, सेलम को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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