वायु प्रदूषण से निपटने तथा अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति में पेड़ों का महत्वपूर्ण योगदान

पेड़, झाड़ियाँ, बेल व लतायें
20-11-2021 10:48 AM
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वायु प्रदूषण से निपटने तथा अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति में पेड़ों का महत्वपूर्ण योगदान

वायु प्रदूषण एक वैश्विक संकट है‚ जो हमारे वातावरण में हानिकारक गैसों और कणों की उच्च सांद्रता के रूप में मौजूद होकर मनुष्यों‚ जानवरों और पौधों के स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इसका मुख्य कारण औद्योगिक मानवीय गतिविधियाँ हैं‚ जैसे कि ग्रीनहाउस गैसों का जलना‚ जहरीले रसायनों और कणों को हवा में छोड़ना आदि। इसके कारण तापमान में भी वृद्धि होती है‚ जिससे जलवायु परिवर्तन तेज होता है। भीड़-भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों और विशाल विनिर्माण उद्योगों वाले देशों जैसे चीन‚ भारत और बांग्लादेश में सांद्रता और भी बदतर है। वाहनों से निकलने वाला धुआं भी वायु की गुणवत्ता को खराब करता है।
विकासशील देशों में‚ वनों की कटाई और ईंधन के लिए लकड़ी का कोयला तथा लकड़ी जलाना एक प्रेरक कारक है। पेड़ों का कटान‚ न केवल CO2 की उत्पत्ति का कारण बनता है‚ बल्कि वनों को हमारी हवा को शुद्ध करने से भी रोकता है। पेड़ वायुजनित रसायनों को अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन मुक्त करके पृथ्वी की शुद्धि प्रणाली के रूप में कार्य करते हैं। वैश्विक वायु प्रदूषण से निपटने के लिए‚ हमें वनों की कटाई को रोकने और अरबों पेड़ लगाने की जरूरत है। यही वायु प्रदूषण के वैश्विक संकट से बचाव का एकमात्र प्राकृतिक उपचार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार‚ दस में से नौ लोग प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं। हर साल लगभग सात मिलियन मौतें खराब वायु गुणवत्ता के कारण होती हैं‚ जिससे स्ट्रोक‚ फेफड़ों के कैंसर और हृदय रोग जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सांस लेने वाली गंदी हवा से प्रतिरक्षा प्रणाली को भी नुकसान पहुंचता है। वायु प्रदूषण के कारण अम्लीय वर्षा भी होती है‚ जो पेड़ों को नुकसान पहुंचाती है और मिट्टी तथा जलमार्ग को अम्लीय बना देती है। ब्लैक कार्बन का उच्च स्तर और जमीनी स्तर पर ओजोन‚ फसल की पैदावार‚ बिगड़ते अकाल और निर्धनता को नुकसान पहुंचा सकता है। पेड़ हवा को साफ करने और हानिकारक वायुजनित कणों और गैसीय प्रदूषकों को अवशोषित करने में सक्षम हैं। ये हवा की गुणवत्ता में सुधार करते हैं और समग्र रूप से एक स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण में योगदान देते हैं। पेड़ हमारे वातावरण में हानिकारक कार्बन डाइऑक्साइड को भी सोख लेते हैं। एक वर्ष में एक एकड़ के परिपक्व पेड़‚ कार्बन मोनोऑक्साइड की उतनी ही मात्रा को अवशोषित कर लेते हैं‚ जितनी 26‚000 मील की कार यात्रा से उत्पन्न होती है। हमारे लिए हवा को साफ करने के अलावा‚ पेड़ हमें सांस लेने के लिए ताजा ऑक्सीजन की आपूर्ति भी करते हैं। दुनिया के जंगल हर साल वैश्विक उत्सर्जन का एक तिहाई हिस्सा अवशोषित करते हैं। कण‚ गंध और प्रदूषक गैसें जैसे: नाइट्रोजन ऑक्साइड (nitrogen oxides)‚ अमोनिया (ammonia) और सल्फर डाइऑक्साइड (sulfur dioxide) पेड़ की पत्तियों पर बस जाते हैं। पेड़ इन जहरीले रसायनों को अपने रंध्र‚ या ‘छिद्रों’ के माध्यम से अवशोषित करते हैं‚ इन रसायनों को हवा से प्रभावी ढंग से छानते हैं। पेड़ गर्मी में ग्रीनहाउस गैस के प्रभाव तथा जमीनी स्तर पर ओजोन के स्तर को भी कम करते हैं। प्राचीन जंगलों को बरकरार रखना बहुत आवश्यक है‚ क्योंकि वे कार्बन सिंक हैं और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ सबसे बड़ी सुरक्षा में से एक हैं। शहर आमतौर पर हरित क्षेत्रों की कुर्बानी देकर बनाए जाते हैं। प्रागैतिहासिक काल से ही मनुष्यों ने बस्तियों के लिए रास्ता बनाने के लिए जंगलों को साफ किया है। वनों को काटकर ही मनुष्य अपने लिए आवास का निर्माण करता है। वनस्पति‚ शहरों को वन्यजीवों और लोगों के लिए बेहतर आवास बनने में मदद करती है। पेड़ों में कई तरह के लक्षण होते हैं जो शहरी वायु प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकते हैं लेकिन फिर भी दुनिया भर के शहर उनका दोहन करने की कोशिश कर रहे हैं। आम तौर पर पेड़ वायु प्रदूषण को कम करने में प्रभावी होते हैं‚ लेकिन शहरी क्षेत्रों यह उतना आसान नहीं है। घनी बस्तियों और जमीन के अभाव में शहरों में पेड़ों की सीमित मात्रा ही पाई जाती है। शहरी क्षेत्र में जितने पेड़ होंगे‚ हवा उतनी ही बेहतर होगी। कुछ पेड़ दूसरों की तुलना में हवा से प्रदूषकों को छानने में अधिक प्रभावी होते हैं। भारत‚ जहरीले धुएं और कणिक तत्व के मिश्रण से घुट रहा है‚ जिसके लिए शोधकर्ता वायु प्रदूषक-गोबलिंग पौधों की प्रजातियों की खोज कर रहे हैं‚ जिनका उपयोग सड़कों के किनारे हरित पट्टी के विकास‚ ताप विद्युत संयंत्र और शहरी जंगलों को प्रदूषित हवा से बचाने के लिए किया जा सकता है। पौधों की विभिन्न प्रजातियां प्रदूषण के लिए अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया करती हैं। कुछ पौधे काफी उच्च स्तर के प्रदूषण‚ निलंबित कण पदार्थ‚ धूल और गैसों को सहन कर सकते हैं‚ जबकि कुछ पौधे संवेदनशील होते हैं। वायु प्रदूषण के प्रति पौधों कीप्रतिक्रिया मौजूद प्रदूषक के प्रकार‚ उसकी सांद्रता और उसके संपर्क की अवधि पर निर्भर करती है। हिमाचल प्रदेश में हाल के एक अध्ययन में‚ सीएसआईआर-हिमालयन संस्थान जैव संसाधन प्रौद्योगिकी (आईएचबीटी) (CSIR-Institute of Himalayan Bioresource Technology (IHBT)) के वैज्ञानिकों ने‚ राष्ट्रीय राजमार्ग-21 के 243 किलोमीटर के क्षेत्र में 26 प्रजातियों की जांच की‚ जिसमें पर्यटकों के पसंदीदा रोहतांग दर्रे सहित मैदानी इलाकों से लेकर ऊंचाई वाले दर्रे तक शामिल हैं। यह अध्ययन पौधों की प्रजातियों की पहचान करने के लिए किया गया था‚ जिन्हें सड़क के किनारे हरियाली वाले क्षेत्रों में शामिल किया जा सकता है ताकि वाहनों से निकलने वाले प्रदूषकों के हानिकारक प्रभावों को कम से कम किया जा सके। यह मूल रूप से सड़कों के किनारे हरित पट्टी विकास के लिए प्रजातियों को प्राथमिकता देने के लिए था। अध्ययन की गई पौधों की 26 प्रजातियों में से‚ रेशम ओक (silk oak) या सिल्वर ओक (silver oak)‚ अखरोट का पौधा (walnut plant)‚ होली ओक (Holly oak)‚ अंजीर (fig) और लाल देवदार (red cedar) सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले पाए गए। भारत ने‚ ‘हरित राजमार्ग (वृक्षारोपण‚ प्रत्यारोपण‚ सौंदर्यीकरण और रखरखाव) नीति 2015’ (Green Highways (Plantation‚ Transplantation‚ Beautification & Maintenance) Policy‚ 2015) शुरुआत की‚ जिसके तहत सभी राजमार्ग परियोजनाओं की कुल परियोजना लागत का एक प्रतिशत‚ राजमार्ग वृक्षारोपण और इसके रखरखाव के लिए अलग रखा जाएगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) (Central Pollution Control Board (CPCB)) मानव पर्यावरण‚ विशेषकर औद्योगिक और शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए‚ हरित पट्टी स्थापित करने के लिए दिशा-निर्देश सुझाता है।

संदर्भ:
https://bbc.in/3x4XqOl
https://bit.ly/327IC68
https://bit.ly/3x39Eac
https://bit.ly/30KlI4v

चित्र संदर्भ   
1. वृक्षों को संदर्भित करता एक चित्रण (twitter)
2. दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति को दर्शाता एक चित्रण (pbs)
3. वन लैंडस्केप इंटीग्रिटी इंडेक्स (Forest Landscape Integrity Index) शेष वन के मानवजनित संशोधन को दर्शाता वन लैंडस्केप इंटीग्रिटी इंडेक्स (Forest Landscape Integrity Index) का एक चित्रण (wikimedia)
4. वृक्षारोपण को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. यूरोपीय लार्च (लारिक्स डिकिडुआ), एक शंकुधारी वृक्ष जो पर्णपाती भी है, जिसको दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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