समयसीमा 234
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 960
मानव व उसके आविष्कार 743
भूगोल 227
जीव - जन्तु 284
Post Viewership from Post Date to 16- Sep-2021 (5th Day) | ||||
---|---|---|---|---|
City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
2478 | 134 | 2612 |
इंसान की जिज्ञासा और बुद्धि के ज़बरदस्त समावेश ने, उसे आज धरती से कई
किलोमीटर दूर चंद्रमां तथा मंगल जैसे ग्रहों पर पहुंचा दिया है। आज इंसान मानव
निर्मित कृत्रिम उपग्रहों में रहने में सक्षम हो गया है, और दशकों से वहां रह भी रहा है।
हालांकि इन कुदरती तथा कृत्रिम उपग्रहों में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए भोजन धरती से
पहुंचाया जा रहा है, किंतु वह समय अब अधिक दूर नहीं है, जब अंतरिक्ष अथवा दूसरे
ग्रहों में उगाया गया भोजन धरतीवासियों का पेट भरेगा!
हम सभी जानते हैं की आज अंतरिक्ष यात्री, कृत्रिम उपग्रहों की सहायता से अंतरिक्ष में
रहने में सक्षम हो गए हैं। चूंकि मनुष्य प्रकृति के अनुकूल प्राणी है, जो की सीधे तौर पर
बिना किसी मशीनी सहायता के अंतरिक्ष में जीवित नहीं रह सकता। अतः वहां भी
समय-समय पर हवा (ऑक्सीज़न), पानी और भोजन जैसी मूलभूत आवश्यकताओं
की आपूर्ति करना ज़रूरी रहता है। इन खाद्य पदार्थों की आपूर्ति धरती से की जाती है,
उनके लिए भोजन या तो वे अपने साथ ले जाते हैं, अथवा समाप्त होने की स्थिति में
दूसरे कृत्रिम उपग्रहों से भेजा जाता है। किंतु आप इस भोजन की तुलना धरतीवासियों
के सामान्य भोजन से बिल्कुल न कीजियेगा, यह हमारे पारंपरिक भोजन से एकदम
अलग होता है, हालांकि धीरे-धीरे समानताएं बढ़ रही हैं।
अंतरिक्ष भोजन को विशेष तौर पर अंतरिक्ष में मिशन के दौरान उपभोग के लिए
बनाया और संसाधित किया जाता है। अंतरिक्ष यात्रियों के संतुलित पोषण के लिए
खाद्य पदार्थों की विशिष्ट आवश्यकताएं होती हैं, वही अंतरिक्ष यान में गुत्वाकर्षण के
अभाव में इस भोजन को संरक्षित करना, तैयार करना और ग्रहण करना भी एक
दूसरी चुनौती होती है। यहाँ पर खाद्य पदार्थों में लंबी शेल्फ लाइफ सुनिश्चित करने के
लिए अधिकांश अंतरिक्ष खाद्य पदार्थ फ्रीज-ड्राय (freeze-dried) होते हैं।
शुरू के
अंतरिक्ष अभियानों में प्रारंभिक अंतरिक्ष भोजन मुख्य रूप से मोटे तरल पदार्थों से
निर्मति भोजन के छोटे आकार के क्यूब्स और फ्रीज-सूखे पाउडर, एल्यूमीनियम ट्यूबों
में भरा जाता था, जिन्हे फिर बंद कर दिया जाता था। "चम्मच का कटोरा (spoon
bowls)" की शुरुआत के साथ, अंतरिक्ष यात्री पैकेज की सामग्री को खोलने और
चम्मच से साधारण भोजन खाने में सक्षम हो गए थे। अंतरिक्ष में पहली बार ठोस
भोजन जेमिनी 3 (Gemini 3) पर खाया गया था। अपोलो मिशन पर, अधिक परिष्कृत
जल प्रणाली ने भोजन तैयार करने के लिए गर्म और ठंडे पानी दोनों की व्यवस्था की
गई।अपोलो मिशन के लिए अधिकांश भोजन फ्रीज-ड्राईइंग (freeze-drying) नामक
प्रक्रिया के माध्यम से संरक्षित किया गया था। पैकेजिंग से पहले, भोजन को जल्दी से
जमाया जाता था और फिर एक निर्वात कक्ष में रखा जाता था। वर्ष 1961 में यूरी
गगारिन (Yuri Gagarin) द्वारा दोपहर के भोजन के लिए तीन 160 ग्राम (5.6 ऑउंस)
टूथपेस्ट-प्रकार की नलियों से खाया, जिनमें से दो में शुद्ध मांस और एक में चॉकलेट
सॉस था। इसी वर्ष अगस्त में सोगेरमन टिटोव (Sogerman Titov) वोस्तोक 2 पर
अंतरिक्ष बीमारी का अनुभव करने तथा उल्टी करने वाले पहले इंसान बने, जो अपने
आप में एक विश्व रिकॉर्ड था। इस घटना ने "अंतरिक्ष उड़ान में पोषण के महत्व की
नीवं रखी।
अंतरिक्ष में भोजन ले जाने की तैयारी लगभग उसी प्रकार की जाती है, जिस प्रकार
हम और आप लंबे समय के लिए किसी कैंपिंग जाने से पूर्व करते हैं। हम यह पहले ही
सुनिश्चित कर लेते हैं की, हमारे पास पर्याप्त मात्रा में भोजन और पकाने और खाने के
लिए आवश्यक उपकरण मौजूद हों। भोजन ऐसा हो जो अविनाशी हो, अथवा लंबे
समय तक संग्रहित किया जा सके। आखिर में अपने घर लौटने से पहले हम हम
(प्रतीकात्मक रूप से अंतरिक्ष यात्री) अपने कचरे का निपटान कर देते हैं। चूंकि
अंतरिक्ष में कोई रेफ्रिजरेटर (refrigerator) नहीं होता है, इसलिए विशेष रूप से लंबे
मिशनों पर खराब होने से बचने के लिए अंतरिक्ष भोजन को अच्छी तरह से संग्रहित
और तैयार किया जाना चाहिए। इसमें अंतरिक्ष यात्री अपने साथ केचप, सरसों और
मेयोनेज़ जैसे मसालों को रख लेते है। तरल रूप में नमक और काली मिर्च को भी रखा
जाता है, ऐसा इसलिए किया है क्योंकि अंतरिक्ष यात्री द्वारा इन्हे अंतरिक्ष में अपने
भोजन पर नमक और काली मिर्च छिड़कने पर वह अंतरिक्ष में तैरने लग जायेंगे, जो
की उपकरणों को ख़राब कर सकते हैं, या अंतरिक्ष यात्री की आंखों, मुंह या नाक में
फंस सकते हैं।
अंतरिक्ष में ले जाने वाले खाद्य पदार्थ हल्के वजन, कॉम्पैक्ट, स्वादिष्ट और पौष्टिक होने
चाहिए। अंतरिक्ष यात्री कई प्रकार के खाद्य पदार्थों जैसे फल, नट्स, पीनट बटर,
चिकन, बीफ, सीफूड, कैंडी, ब्राउनी आदिको चुन सकता है। अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा
प्रतिदिन 3 बार भोजन किया जाता है, नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना।
भोजन विशेषज्ञ यह ध्यान रखते हैं की उन्हें विटामिन और खनिजों की संतुलित
आपूर्ति प्रदान की जाए। यात्रियों के लिए दिनभर में कैलोरी ज़रूरतें भी अलग-अलग
होती हैं, जैसे एक छोटी महिला को एक दिन में केवल लगभग 1,900 कैलोरी की
आवश्यकता होगी, जबकि एक बड़े पुरुष को लगभग 3,200 कैलोरी की आवश्यकता
होगी। पेय पदार्थों के रूप में वे कॉफी, चाय, संतरे का रस, फलों के पंच और नींबू पानी
को शामिल कर सकते हैं। अंत में वे भी अपने भोज्य अवशेषों का बेहतर निपटारा कर
देते हैं।
भारत ने भी पहली क्रू स्पेसफ्लाइट (crew spaceflight), गगनयान के लिए तैयारियां
शुरू कर दी हैं, जिसके लिए भारतीय वायु सेना द्वारा चुने गए लड़ाकू पायलट रूस में
प्रशिक्षण ले रहे हैं। इस मिशन के लिए उनकी भोजन सूची में चिकन बिरयानी, चिकन
कोरमा, शाही पनीर, दाल- चटनी में चावल, आलू पराठा, संरक्षित चपाती, दाल
मखनी, खिचड़ी और बीन्स को शामिल किया जा सकता है। अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा ले
जाने वाली किट में पीने के पानी और इंस्टेंट कॉफी/चाय, फूड वार्मर और अपशिष्ट
निरोधक बैग के लिए विशेष स्ट्रॉ भी शामिल होंगे।
संदर्भ
https://go.nasa.gov/3l9ENTV
https://s.si.edu/2VtIn2l
https://bit.ly/3DZmsS6
https://en.wikipedia.org/wiki/Space_food
चित्र संदर्भ
1. अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भोजन को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. अंतरिक्ष भोजन को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. फ्रीज-ड्राईइंग बेकन बार्स को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. अंतरिक्ष स्टेशन में तैरते भोजन को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.