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हिंदुस्तान में आश्रम शब्द को प्रायः ऋषि मुनियों के रहने के स्थान के रूप में संदर्भित किया जाता है। यह
हिँदू धर्म के भीतर बेहद आम है, परंतु सनातन धर्म के अलावा, विशेष तौर पर ईसाई धर्म में इसका प्रचलन
और लोकप्रियता समय के साथ बढ़ी है। ईसाई समाज में इन्हे ईसाई आश्रम (Christian Ashrams) के नाम
से जाना जाता है। दुनिया के विभिन्न देशों में स्थापित यह आश्रम ईसाई और हिंदू धर्म की एकता का प्रतीक
माने जाते हैं। ईसाई आश्रम भारत से एक आंदोलन के रूप में उभरे, और पूरी दुनिया के विभिन्न देशों में
प्रसारित हुए।
भारत से शुरू हुए इन आंदोलनों को ईसाई आश्रम आंदोलन के नाम से जाना जाने लगा, यह आंदोलन मुख्य
रूप से भारतीय ईसाई समाज में प्रचलित रहा है, जिसमे ईसाई धर्म को हिंदू आश्रम मॉडल और ईसाई
मठवाद को हिंदू संन्यास परंपरा के साथ जोड़ने का प्रयास किया जाता है। इटालियन जेसुइट रॉबर्टो डी
नोबिली (Italian Jesuit Roberto De Nobili) को ईसाई आश्रम आंदोलन का जनक माना जाता है। यह
एक ईसाई धर्म के प्रचारक थे, जिन्होंने हिँदू संस्कृति को बेहतर समझने के लिए विभिन्न सन्यासी रूपों को
भी अपनाया। ईसाई आश्रम के प्रचार में उनका अनुसरण ब्रह्मबंधब उपाध्याय ने किया, जो एक मिशनरी
नहीं थे, बल्कि एक भारतीय ब्राह्मण थे, बाद में वे कैथोलिक धर्म में परिवर्तित हो गए थे। उन्होंने एक
आश्रम कस्थलिक मठ की भी स्थापना की, हालांकि यह लंबे समय तक नहीं चला।
सत्रहवीं सदी के अंत और अठारहवीं सदी की शुरुआत में, पी. चार्ल्स फ्रांकोइस डोलू (P. Charles François
Dolu) और जीन-वेनेंस बुचेट(Jean-Venence Bouchet) ने हिंदू परंपराओं को एकीकृत करने वाले
कैथोलिक समारोहों का आयोजन भी किया। इस दौरान उन्होंने हिंदू पोशाक, तपस्वी प्रथाओं और यहां तक
कि शाकाहार को भी अपनाया।
भारत में आज भी कई ईसाई आश्रम मौजूद हैं। हमारे शहर रामपुर के पास निचले हिमालय से सटे,
सातताल में ईसाई आश्रम की स्थापना, अमेरिकी ई॰ स्टैनले जोन्स (E. Stanley Jones) द्वारा की गई, जो
गांधीजी से भी प्रेरित थे। 2004 तक भारत में इनकी संख्या लगभग 50 थी, जिनमे सकियानंदा आश्रम,
कुरीसुमाला आश्रम, क्रिस्टुकुला आश्रम(Christukula Ashram) , क्रिस्टा प्रेमा सेवा आश्रम (Krista
Prema Seva Ashram), ज्योतिनिकेतन आश्रम (बरेली में), और क्रिस्टी पेंटी आश्रम (वाराणसी में) आदि
प्रमुख हैं। भारत में ईसाई आश्रम आंदोलन को विशेष रूप से हिँदू धर्म के अनुयाइयों के विरोध का सामना भी
करना पड़ा है। साथ ही इनकी आलोचना ईसाई पक्ष से भी की गई है, जहां कैथोलिक चर्च के भीतर रूढ़िवादी
समूहों ने कुछ संदेह के साथ ईसाई आश्रमों पर हिंदू प्रभावों को माना है।
प्रिटिंग तकनीक के आगमन के साथ है ईसाई आश्रम आंदोलन ने जोर पकड़ लिया। जब जोन्स द्वितीय
विश्व युद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका में फंसे हुए थे, तो उन्होंने ईसाई आश्रम को संयुक्त राज्य और
कनाडा में प्रत्यारोपित किया, जहां यह एक मजबूत आध्यात्मिक विकास केंद्र के रूप में उभर कर सामने
आए। मूलतः भारतीय धार्मिकता को ईसाई आध्यात्मिकता से जोड़ने के प्रयास में कई ईसाई आश्रमो का
निर्माण कराया गया, जिनमे से कुछ निम्नवत हैं।
1.सातताल में ईसाई आश्रम
हमारे शहर रामपुर के पास निचले हिमालय से सटे, सातताल में ईसाई आश्रम की स्थापना, अमेरिकी ई॰
स्टैनले जोन्स (E. Stanley Jones) द्वारा की गई, जो गांधीजी से भी प्रेरित थे। 1963 में स्टेनली जोन्स को
गांधी शांति पुरस्कार से भी नवाजा गया। अपने जीवन में इन्होंने गांधी जी से बहुत कुछ सीखा। ये गांधी जी
से बहुत प्रभावित थे तथा उनकी मृत्यु के बाद इन्होंने उनके जीवन पर जीवनी भी लिखी, जिसने मार्टिन
लूथर किंग (Martin Luther King) को अमेरिका के नागरिक अधिकार आंदोलन में अहिंसा के लिए प्रेरित
किया। चूँकि एक आश्रम गुरु के बिना अधूरा होता है, इसलिए स्टेनली जोन्स ने आश्रम में गुरु के संबंध में
कहा कि वे आश्रम में एक मानव गुरु नहीं रखेंगे, इस जिम्मेदारी को केवल दिव्य कंधे ही उठा सकते हैं
इसलिए उन्होंने तय किया कि "ईसा मसीह इस आश्रम के गुरु हैं"।
2. कुरीसुमाला आश्रम
कुरीसुमाला आश्रम भारत के केरल में सहया पर्वत में स्थित है। भारतीय ईसाई आश्रमों के विशेषज्ञ, फादर
पॉल पट्टथु (Father Paul Pattuthu) के अनुसार पहाड़ों में स्थित कुरीसुमाला आश्रम ने शुरू से ही
दुनिया भर के लोगों को आकर्षित किया है। यहाँ ईसाई और अन्य धर्मों के लोग प्रार्थना और ध्यान के
माध्यम से आश्रम में "सत्य का एक तरीका और जीवन के अभिविन्यास" की खोज करते हैं। एक स्थानीय
कैथोलिक द्वारा दान की गई इस 40 हेक्टेयर पहाड़ी भूमि पर निर्मित इस आश्रम में एक चर्च, भिक्षुओं के
लिए कक्षों के साथ सामुदायिक क्वार्टर और बाइबिल, मठवासी आध्यात्मिकता, धर्मशास्त्र और तुलनात्मक
धर्म पर पुस्तकों के साथ एक पुस्तकालय शामिल है।
संदर्भ
https://bit.ly/36N7jny
https://bit.ly/3Bp4Ihz
https://bit.ly/3eYm8bB
https://bit.ly/3iCD6NI
https://vidyavanam.net/
https://bit.ly/2Uwoh7a
चित्र संदर्भ
1. सातताल में ईसाई आश्रम का एक चित्रण (nainital.org)
2. ई. स्टेनली जोंस द्वारा लिखी गयी पुस्तकों के आवरण पृष्ठ का एक चित्रण (Prarang)
3. विद्यावनम आश्रम बैंगलोर का एक चित्रण (vidyavanam)
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