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शेयर मार्किट के जरिये लोग करोङो का मुनाफा अर्जित करते हैं, अधिकांशतः यह लाभ शुद्ध होते
हैं, अर्थात कानून की सीमा के भीतर रहकर बड़ी रकम बटोरी जाती है। हालाँकि कई बार यह लाभ,
कानून की सीमा से बाहर जाकर भी कमाए जाते हैं। पिछले वर्ष सिक्योरिटीज मार्केट रेगुलेटर
(Securities Market Regulator) ने इंफोसिस (Infosys) के दो कर्मचारियों को, इनसाइडर ट्रेडिंग
(insider trading) का दोषी पाया, क्यों की जुलाई 2020 में, दोनों ने स्पष्ट रूप से एफएंडओ
(F&O) बाजार में इंफोसिस के शेयरों में ट्रेड के जरिये संवेदनशील जानकारी अपनी पहचान के छह
लोगों को साझा की थी, जिसमे सभी ने मिलकर करोड़ों का मुनाफा कमाया था। बड़ी-बड़ी कंपनियां,
निवेशक और शेयर बाजार में मजबूत पकड़ रखने वाले लोग इनसाइडर ट्रेडिंग से भली भांति
अवगत तथा सतर्क रहते हैं। चलिए जानते हैं कि:-
इनसाइडर ट्रेडिंग क्या होती है?
किसी भी कंपनी के भीतर कई संवेदनशील जानकारियां, गैर-सार्वजानिक तथा अप्रकाशित होती हैं।
यह जानकारियाँ इतनी मूल्यवान होती हैं की, सीधे तौर पर कंपनी के स्टॉक की कीमत को भौतिक
रूप से प्रभावित कर सकती हैं। साथ ही कंपनी के शेयर धारकों के लाभ को भी प्रभावित कर सकती
हैं, अर्थात यह पूरी तरह आतंरिक होती हैं, जिसके लिए हम इनसाइडर (insider) शब्द का प्रयोग
कर सकते हैं। यदि कंपनी से जुड़ा कोई व्यक्ति जैसे कंपनी निदेशक, कर्मचारी या उनके करीबी
रिश्तेदार, कंपनी के कानूनी सलाहकार या बैंकर या यहां तक कि स्टॉक एक्सचेंजों के
अधिकारी या ट्रस्टी अथवा कंपनी के साथ बातचीत करने वाली संपत्ति प्रबंधन कंपनी के कर्मचारी
इत्यादि, इनमे से यदि कोई भी व्यक्ति जिसकी पहुँच कंपनी की गोपनीय सूचनाओं तक है, यदि वह
कंपनी की अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी को दूसरे निवेशकों और कंपनियों को बेचकर लाभ
कमाता है, अथवा प्राप्त जानकारी के आधार पर शेयरों को खरीदता या बेचता है, तो यह प्रक्रिया
इनसाइडर ट्रेडिंग (insider trading) कहलाती है।
अवैध इनसाइडर ट्रेडिंग का प्रभाव छोटे निवेशकों और बाजारों दोनों के लिए नकारात्मक माना
जाता है। यह निवेश प्रणाली निवेशकों के विश्वास को कमजोर करता है, और एक अनियंत्रित
अंदरूनी व्यापार में लोगों को पूंजी निवेश करने से रोक सकता है। साथ ही इसके संभावित रूप से
पूरी अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंच सकता है।
इनसाइडर ट्रेडों को सेबी (SEBI) द्वारा अपने 2015 इनसाइडर ट्रेडिंग विनियमों (Insider Trading
Regulations) के तहत नियंत्रित किया जाता है। इन नियमों का उल्लंघन करने पर सेबी भारी
जुर्माना लगा सकता है, तथा दोषी पाए गए व्यक्तियों/संस्थाओं को बाजार में व्यापार करने से रोक
लगा सकता है। हालाकि यह रोक सभी प्रकार की इनसाइडर ट्रेडिंग पर नहीं है। यदि ऐसे ट्रेडों का
खुलासा सेबी के नियमों के अनुसार निवेशकों को किया जाता है, तो यह अवैध नहीं है।
बाज़ार में इसी तर्ज पर एक और घोटाला कुख्यात है, जिसे फ्रंट-रनिंग (front-running) अथवा टेल
गेटिंग (tail gating) के नाम से जाना जाता है। फ्रंट-रनिंग किसी दलाल (Broker) द्वारा, स्टॉक
या किसी अन्य वित्तीय संपत्ति का किया जाने वाला व्यापार होता है। जहाँ ब्रोकर को भविष्य के
लेनदेन के बारे में जानकारी होती है। एक उदाहरण से समझते हैं:- माना किसी दलाल को, ABC
कंपनी के 300,000 शेयर खरीदने के लिए एक प्रमुख ग्राहक से ऑर्डर मिलता है। यहाँ दलाल
ग्राहक से मिली जानकारी के आधार पर अपने निजी पोर्टफोलियो के लिए कुछ ABC स्टॉक
खरीदता है। इसके बाद में क्लाइंट का आर्डर दिया जाता है। ब्रोकर तुरंत ABC शेयर बेचता है और
मुनाफा कमाता है। फ्रंट-रनिंग इनसाइडर ट्रेडिंग के समान ही है, इस मामले में ब्रोकर मामूली अंतर
के साथ कि क्लाइंट के बिजनेस के बजाय क्लाइंट के ब्रोकरेज के लिए काम करता है।
भारत में, इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए नियमों का पहला सेट 1992 में भारतीय प्रतिभूति और
विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा पेश किया गया था। जिसके अंतर्गत अघोषित संवेदनशील जानकारी
रखने वाले व्यक्ति द्वारा, उस जानकारी को कंपनी के बाहर किसी अन्य व्यक्ति के साथ साझा
करने से रोक दिया गया। इसके अंतर्गत दोषी को लगने वाला जुर्माना, इनसाइडर ट्रेडिंग से होने
वाले मुनाफे से तीन गुना अधिक रखा गया है। साथ ही सेबी (SEBI) को इनसाइडर ट्रेडिंग
अनियमितताओं की जांच करने और दोषी पाए जाने पर आपराधिक कार्यवाही शुरू करने का
अधिकार भी प्राप्त है। यदि आप भी एक निवेशक हैं, तो आपको इनसाइडर ट्रेडिंग घोटालों के
दलदल में फंसने से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए। कभी भी किसी ऐसी कंपनी या उद्योग में
निवेश न करें, जिसके बारे में आपने कभी नहीं सुना हो।
संदर्भ
https://bit.ly/3xA2wBx
https://bit.ly/3r0klYh
https://bit.ly/3r0pwqW
https://bit.ly/2T5xNxq
चित्र संदर्भ
1. शेयर बाजार सन्दर्भ के साथ इनसाइडर ट्रेडिंग का एक चित्रण (adobe)
2. कंपनी की गोपनीय सूचनाओं को साझा किये जाने का प्रकरण (Gadget Access)
3. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के लोगो का एक चित्रण (wikimedia)
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