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पूरी दुनिया में कोरोना महामारी बिजली की तेज़ी से फैली। जहां कुछ देश वायरस के अघात से अभी भी छटपटा रहे हैं,
वही कई देश ऐसे भी हैं, जिन्होंने रोग निगरानी (Disease surveillance) जैसी कुछ प्रमाणिक तरकीबें अपनाकर
वायरस के प्रभाव को कई गुना कम कर दिया।
आखिर रोग निगरानी है क्या ?
किसी भी महामारी से निपटने के लिए किए जाने वाले कुछ जरूरी वैज्ञानिक अभ्यास रोग निगरानी कहलाते हैं। इन
अभ्यासों के अंतर्गत निम्नलिखित बिंदु आ सकते हैं:-
1. रोगी की निगरानी करना।
2. महामारी के विस्तार का अवलोकन करना।
3. महामारी की स्थितियों से होने वाले नुकसान की भविष्यवाणी करना।
4. प्राप्त आंकड़ों के आधार पर रोग के विस्तार तथा प्रभाव को कम करना।
रोग निगरानी के संदर्भ में विज्ञानं और इंटरनेट बड़ी अहम् भूमिका निभा रहे हैं। इंटरनेट के विश्वव्यापी प्रसार से,
बीमारी के प्रकोप की रिपोर्ट तुरंत विश्वभर में जारी की जा सकती है। इजराइल, चीन और दक्षिण कोरिया समेत
विश्व के कई देश कोरोना महामारी से निपटने के लिए बढ़-चढ़ कर टेक्नोलॉजी की सहायता ले रहे हैं। चीनी सरकार ने
वायरस से ग्रस्त मरीजों के घरों के बाहर CCTV कैमरे लगा दिए हैं, ताकि वह 14 दिन के क्वारंटाइन (Quarantine0
समय में अपने घरों से बाहर न जा सकें।
हवा में उड़ते ड्रोन लोगों को कोरोना वायरस से सम्बंधित चेतावनी, अपडेट
अथवा मास्क पहनने के प्रति चेता रहे हैं। मोबाइल ऐप्स पर डिजिटल बारकोड, लोगो की स्वास्थ संबंधी स्थिति की
रिपोर्टिंग कर रहे हैं। चीन के अलावा वही दुनियां के दूसरे देश भी महामारी से लड़ने में तकनीक का भरपूर उपयोग कर
रहे हैं, सिंगापुर की सरकार ने ट्रेस टुगेदर (TraceTogether) नामक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जो ब्लूटूथ सिग्नल
(Bluetooth signal) का उपयोग यह देखने के लिए करता है कि, क्या कोरोनावायरस के संभावित मरीज अन्य
लोगों के निकट संपर्क में हैं? दूसरी ओर हांगकांग में, कुछ निवासियों को स्मार्टफोन ऐप से जुड़ा हुआ, एक रिस्टबैंड
पहनने के दिया गया है। ताकि यदि वायरस से ग्रस्त कोई व्यक्ति अपने क्वारंटाइन स्थान को छोड़कर किसी दूसरे
स्थान पर जाए, तो संबंधित अधिकारी सतर्क हो जाएँ। दक्षिण कोरिया में सरकार द्वारा क्रेडिट कार्ड लेनदेन,
स्मार्टफोन स्थान डेटा , सीसीटीवी वीडियो के साथ-साथ लोगों के साथ बातचीत के रिकॉर्ड सुनकर एक नक्शा तैयार
कर दिया गया।, जहां पुष्टि किए गए मामलों को ट्रैक किया गया, और एक नक़्शे का निर्माण किया गया, जो दूसरे
लोगों को संभावित व्यक्ति के पास जाने पर चेतावनी दे देता है। इस बीच, इज़राइल की सुरक्षा एजेंसी शिन बेट (Shin
Bet) भी नागरिकों के सेल फ़ोन लोकेशन डेटा का उपयोग यह ट्रैक करने के लिए कर रही है कि, वे कहाँ गए हैं ताकि वे
क्वारंटाइन नियंत्रण लागू कर सकें, और संक्रमित लोगों की गतिविधियों की निगरानी कर सकें। यूरोप में सुरक्षा के
लिए एक "होम क्वारंटाइन" ऐप जारी किया है, जहां उपयोगकर्ता यह साबित करने के लिए पुलिस को एक
जियोलोकेटेड तस्वीर भेजते हैं कि वे संगरोध (Quarantine)का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं।
भारत में भी महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए तकनीक कि सहायता ली जा रही है। देश के विभिन्न
राज्यों में अधिकारियों ने कोरोनोवायरस रोगियों के प्राथमिक और द्वितीयक संपर्कों को ट्रैक करने के लिए टेलीफोन
कॉल रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल फोन जीपीएस सिस्टम का उपयोग किया है। साथ ही सरकार ने ट्रेकिंग
के लिए अनेक मोबाइल एप भी लॉन्च किए हैं।
दुनिया भर की सरकारें बड़े पैमाने पर लोगों के व्यक्तिगत डाटा और
सूचना का प्रयोग कर रही हैं, ऐसे में यह लोगों कि निजता के परिपेक्ष्य में एक गंभीर समस्या बन सकती है, यह
सोचकर दुनिया भर में लोग असहज महसूस कर रहे हैं। हालाँकि यह सरकारों को महामारी के प्रभाव का आंकलन और
नियंत्रण करने में काफी मददगार साबित हो रहा है। विश्व के कई भागों में सरकारो द्वारा निजी डेटा संग्रहणं के संबंध
में सफाई दी गई है, जिनमे उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है की वे कौन सा डेटा एकत्र कर रहे हैं और समय सीमा कितनी
देर तक वे जानकारी रखेंगे? सिंगापुर ने कहा कि उसका ट्रेसटुगेदर ऐप स्थान डेटा रिकॉर्ड नहीं करता है, या फोन
उपयोगकर्ता की संपर्क सूची तक नहीं पहुंचता है। सरकार के अनुसार, डेटा लॉग को एन्क्रिप्टेड रूप में फोन पर
संग्रहीत किया जाता है। दक्षिण कोरिया ने कहा कि महामारी के प्रकोप समाप्ति के साथ ही सूचना संग्रह के प्रयास भी
समाप्त हो जायेंगे।
संदर्भ
https://bit.ly/3qXq54V
https://bit.ly/3xqpiMe
https://cnb.cx/2Vrnp3V
https://bit.ly/3htcMWC
https://bit.ly/36qN5jm
https://bit.ly/3htcIpQ
https://reut.rs/2VfkKtR
चित्र संदर्भ
1. निगरानी हेतु लगाए गए कैमरा का एक चित्रण (flickr)
2. लाउडस्पीकर लगे ड्रोन का एक चित्रण (youtube)
3. भारत में वायरस संक्रमण की जानकारी देने हेतु उपयुक्त एप्लीकेशन का चित्रण (youtube)
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