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नए दशक में प्रवेश करते हुए हम सभी ने यही सोचा था कि पिछला वर्ष पर्यावरणीय आपातकाल में एक बदलाव या अंतराल का क्षण था। जिसको देखते हुए कई टिप्पणीकारों ने हमें विद्युन्यय, पुनरावृत्ति, सार्वजनिक वाहनों या पर्यावरण के अनुकूल किसी भी कदमों का उपयोग करने का आग्रह किया, ताकि इतने वर्षों से अत्यधिक उत्पादन और खपत के कारण होने वाली क्षति को ठीक किया जा सके। लेकिन हमारे द्वारा वर्षों से पर्यावरण को हो रही क्षति को अनदेखा किए जाने की वजह से प्रकृति को स्वयं ही हस्तक्षेप करना पड़ा, जिसका परिणाम आज हम देख सकते हैं। वैश्विक महामारी ने संपूर्ण विश्व के लोगों को घरों में बंद कर दिया, यात्रा को सीमित कर हानिकारक गैसों (Gas) के उत्सर्जन को भी कम कर दिया और हमें हमारे भविष्य की ओर प्रतिबिंबित करने का अवसर प्रदान किया है।
जैसा कि हम जानते हैं कि कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी से बचाव का सबसे महत्वपूर्ण विकल्प अपने आस पास और सार्वजनिक स्थानों की अच्छे से साफ-सफाई करना है। ऐसे में महामारी की वजह से फैलने वाले विषाणु के संक्रमण को कम करने में फर्नीचर (Furniture) भी एक अहम भूमिका निभाता है। हम में से बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि चमड़े और असबाब वाले फर्नीचर के जोड़, दरारों और सिलवट में रोगाणु इकट्ठे होने की अधिक संभावनाएं होती है। परंतु लकड़ी जैसी प्राकृतिक सामग्री का उपयोग करके इसे आसानी से टाला जा सकता है। लकड़ी में प्राकृतिक जीवाणुरोधी और रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो संभावित संदूषक को खत्म करते हैं।चूंकि लकड़ी की सतह जल्दी सूख जाती है; यह सूखापन जीवाणु के लिए हानिकारक होता है। इसलिए जहां वर्तमान समय में दैनिक संचालन में सफाई और रखरखाव प्रक्रियाओं को लागू करके, स्वास्थ्य को आसानी से प्राथमिकता दी जा सकती है।महामारी की वजह से हुए देशव्यापी तालाबंदी ने घर से काम कर रहे और आमतौर पर व्यस्त रह रहे लोगों को पर्यावरण में मानव के बढ़ते हस्तक्षेप और मानव कार्यों के उस पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव के बारे में सोचने का मौका दिया है। और यही कारण है कि वर्तमान समय में लोग फर्नीचर खरीदने से पहले पर्यावरण अनुकूल फर्नीचर लेने पर विचार कर रहे हैं।
‘हरित’फर्नीचर एक ऐसा चलन है जिसमें उद्योगों द्वारा पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल विभिन्न फर्नीचर बनाए जा रहे हैं। निर्माण से वितरण तक, फर्नीचर उद्योग उत्पादन और खपत का एक महत्वपूर्ण कारक होते हैं, और इस संचलन में वे एक प्रमुख वादक हैं। आपूर्तिकर्ताओं और खुदरा विक्रेताओं द्वारा स्थिति को भांपते हुए अपने व्यवसाय में स्थिरता बनाए हुए हैं, और संचालित करने के लिए बेहतर तरीके खोजने का प्रयास कर रहे हैं। उनके द्वारा हरित फर्नीचर को कई प्रकार के पदार्थों के पुनर्चक्रण से भी बनाया जाता है ताकि इनका पर्यावरण पर कम से कम दुष्प्रभाव पड़े। दरसल पुनर्चक्रण और सतत फर्नीचर का कई बार बदलाव कर के प्रयोग किया जा सकता है।एक अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदु यह भी है कि जो फर्नीचर पर्यावरण अनुकूल नहीं होते उनका घर के अंदर वायु गुणवत्ता पर भी फर्क पड़ता है। अधिकांशतः घर के अन्दर की हवा बाहरी वायु की तुलना में 2-5 गुना अधिक प्रदूषित होती है। अतः यह तो सिद्ध हो गया है कि घरेलू फर्नीचर ऐसे होने चाहिए जो कि पर्यावरण के अनुकूल हों।
कई उद्योग यह दावा करते हैं कि उनके फर्नीचर पर्यावरण के अनुकूल हैं परंतु एक कुशल ग्राहक होने के नाते हमको यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि आखिर एक पर्यावरण अनुकूल फर्नीचर की पहचान कैसे की जाएं? तो इसके लिए आप अवश्य ध्यान रखें कि जो फर्नीचर आप खरीद रहे हैं उसमें कौन सी सामग्री लगाई गई है, जिसमें उपयोग की गई लकड़ी से लेकर एलइडीबल्ब (LED Bulb) तक आते हैं। इसमें सबसे पहला और महत्वपूर्ण कदम लकड़ी की गुणवत्ता और उसके लाये गए स्थान आदि के बारे में जानकारी जुटाना है। यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि उस लकड़ी से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव तो नहीं पड़ता है। उसे तैयार करते समय पुनर्नवीनीकरण वस्तुओं का प्रयोग हुआ है या नहीं। पुनर्चक्रण की वस्तु पर्यावरण में प्रदूषण को फैलने से रोकती हैं तथा वे ज्यादा समय तक प्रयोग में लाई जा सकती हैं। यह जानना भी आवश्यक होता है कि आखिर उन फर्नीचर में किस प्रकार का गोंद या रंग प्रयोग में किया गया है। यदि वो गोंद या रंग ज़हरीला हुआ तो उसका आपके स्वास्थ पर बुरा प्रभाव तो पड़ेगा।
प्रकाश के लिए किस प्रकार के बल्ब का प्रयोग किया जा रहा है इसे जानना भी आवश्यक है। एलइडीबल्ब ऊर्जा बचाने का एक सुलभ उपाय है जिनका प्रयोग हम कर सकता है। इन बल्बों का जीवनकाल लम्बा होता है और ये करीब पारंपरिक बल्बों से 90% कम ऊर्जा का उपयोग करते हैं। हरितफर्नीचर स्वास्थ के लिए उत्तम होते हैं तथा इसका पर्यावरण पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ये ऐसी वस्तुओं के आधार या संयोग से बनते हैं जो कि आपके स्वास्थ्य और वायु पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। हरितफर्नीचर की बढ़ती मांग के साथ फ्लैट पैक फर्नीचर (Flat pack furniture) संयोजन और विनिर्माण उद्योग क्षेत्र भी संपन्न हो रहे हैं। ये हरितफर्नीचर का कई प्रकारों और रंगों में निर्माण करते हैं, साथ ही इसे एक व्यक्ति अलग अलग भागों में भी विभाजित कर सकता है और ये कहीं भी आसानी से भेजे जा सकते हैं। वहीं फ्लैटपैकफ़र्नीचर, गुणवत्ता वाली लकड़ी का दावा करने वाले फ़र्नीचर उद्योग के विपरीत सस्ती होती हैं, इसके लिए महंगे श्रम और बढ़ईगीरी कौशल की आवश्यकता नहीं होती है, और इन्हें बड़े पैमाने पर सस्ती सामग्री से मशीनों द्वारा उत्पादित किया जाता है। साथ ही यह परिवहन के लिए भी सस्ते होते हैं।
संदर्भ :-
https://bit.ly/3uej40c
https://bit.ly/32WoSQ3
https://bit.ly/3u1XZpU
https://bit.ly/3vjqnEe
https://bit.ly/3dYdNnR
https://bit.ly/3xsavkN
https://bit.ly/3eznJn0
चित्र सन्दर्भ
1.फर्नीचर का एक चित्रण(Unsplash)
2.प्रकर्ति का एक चित्रण(Unsplash)
3.घर में खड़ी युवती का एक चित्रण(Unsplash)
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