मांण्डी थर्सडे के दिन समानता का संदेश दिया प्रभु यीशु मसीह ने।

विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)
02-04-2021 09:29 AM
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मांण्डी थर्सडे के दिन समानता का संदेश दिया प्रभु यीशु मसीह ने।
ईसाई धर्म का अनुसरण करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए गुड फ्राइडे (Good Friday) दिवस बेहद खास और महत्वपूर्ण होता है। प्रतिवर्ष यह दिन बेहद भावुकता और आनंद के मिश्रित क्षणों के साथ आता है। सदियों पहले आज (गुड फ्राइडे) ही के दिन परमपिता परमेश्वर के पुत्र येशु मसीह को देशद्रोही होने के आरोपों के साथ असहनीय दर्द दिया गया। और उन्हें कोड़े मारकर बड़ी ही निर्ममता के साथ सूली पर चढ़ा दिया गया। सम्पूर्ण मानवता के कल्याण के लिए दी गयी सबसे बड़ी कुर्बानी के अभार में प्रतिवर्ष इस दिन को गुड फ्राइडे (पवित्र शुक्रवार) के रूप में मनाया जाता है।
ईसाई समुदाय में गुड फ्राइडे के पहले दिन मांण्डी थर्सडे (Maundy Thursday) पवित्र गुरुवार दिवस मनाया जाता है। इस दिन को ग्रेट एंड, होली गुरुवार, पवित्र और ग्रेट गुरुवार, वाचा बृहस्पतिवार, शीर गुरुवार और रहस्यों का गुरुवार, जैसे नामों से भी संबोधित किया जाता है। यह दिन ईसाई समुदाय की प्रचुरता वाले राज्यों जैसे तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल आदि राज्यों में मनाया जाता है। देश के अन्य राज्यों में भी इस दिन चर्च में इस ख़ास प्रथा का पालन किया जाता है। यह दिन यीशु मसीह द्वारा अपने अनुयायियों के साथ अंतिम भोज के रूप में याद किया जाता है। जब बात भोजन की आती है तो यह दिन खान-पान मे संयम रखने और उपवास करने का होता है। अन्य कई लोग इस दिन केवल समुद्री भोजन खाते हैं। वे इस दौरान मांस, चिकन और सूअर का मांस खाने से परहेज करते हैं। साथ ही कई लोग पूर्ण रूप से शाकाहारी भोजन करते हैं। वे केवल मांस रहित भोजन का सेवन करते हैं।

मान्यताओं के अनुसार यीशु मसीह द्वारा अपने एक अनुयायी द्वारा विश्वासघात किये जाने की भविष्यवाणी उनके सूली पर चढ़ाए जाने के पूर्व दिवस पर ही कर दी गयी थी। जिसे देखते हुए यीशु के साथ मांण्डी थर्सडे को अंतिम भोज का आयोजन किया गया। यीशु मसीह द्वारा अपने अनुयायियों के साथ बैठकर किये गए अंतिम भोजन को " लास्ट सपर"(Last Supper) के नाम से जाना जाता है।
मान्यताओं के अनुसार तत्कालीन समय में किसी भी गढ़मान्य व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति के पैर छूना एक बेहद तुच्छ स्तर का काम समझा जाता था। इस तरह के काम प्रायः नौकरों से करवाये जाते थे। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन यीशु ने अपने 12 शिष्यों के पैर धोये थे। प्रभु येशु ने यह काम मानव सभ्यता को यह दर्शाने के लिए किया। उन्होंने संदेश दिया कि उनकी नज़रों में समाज के हर वर्ग का व्यक्ति समान स्तर का होता है। इस परंपरा का पालन करते हुए आज भी चर्चों के पादरी 12 लोगों को पैर धोते हैं।
'माउंडी थर्सडे' ईसाई कैलेंडर में पवित्र शुक्रवार से एक दिन पहले और पूरे पवित्र हफ्ते के पांचवे दिन पड़ता है।
यह दिन उत्तर प्रदेश के रामपुर शहर के लिए भी बेहद खास है। 2011 की जनगणना के अनुसार यहाँ 789 ईसाई परिवार रहते हैं। इस दिन मेथोडिस्ट और कैथोलिक चर्चों (Methodist and Catholic churches) में यीशु मसीह की प्रार्थना की जाती है। अधिकांश देशों में 'माउंडी थर्सडे के दिन पूर्ण अवकाश रहता है। भारत में केरल के साथ-साथ कुछ अन्य राज्य इस दिन पूर्ण अवकाश घोषित करते हैं। इस खास मौके पर यीशु के सात अमरवाणियों का चिंतन किया जाता है। और अंतिम भोज तथा पैर धोने जैसी परंपरा को निभाया जाता है।


संदर्भ:
https://bit.ly/3fyed5O
https://bit.ly/3drOiKe
https://bit.ly/2OaLcSe
https://bit.ly/3rJsxe5

चित्र संदर्भ:
मुख्य तस्वीर लास्ट सपर की तस्वीर दिखाती है। (पिक्साबे)
दूसरी तस्वीर पवित्र सीपुलर के चर्च के अंदर दिखाई देती है। (प्रारंग)
तीसरी तस्वीर यीशु मसीह की अंतिम यात्रा के रास्ते को दिखाती है। (प्रारंग)
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