क्या है मोर के पंखों के रंगीन होने के पीछे का कारण?

पंछीयाँ
31-12-2020 10:49 AM
क्या है मोर के पंखों के रंगीन होने के पीछे का कारण?

पंख फैलाए हुए मोर को देख कर हम में से अधिकांश का मन प्रफुल्लित हो जाता है, मोर के पंख धात्विक नीले-हरे रंग के होते हैं जो बहुत चमकदार दिखाई देते हैं। यह पक्षी पावो (Pavo) और एफ्रोपावो (Afropavo) वंश की प्रजातियां हैं जो फेसिअनीडे (Phasianidae) परिवार से सम्बंधित हैं। मुख्य रूप से मोर की तीन प्रजातियाँ हैं जिनमें भारतीय मोर (भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले), ग्रीन पीकॉक (Green Peacock –दक्षिण पूर्व एशिया में पाए जाने वाले) और कोंगो मोर (Congo peacock - अफ्रीका में पाए जाने वाले) शामिल हैं। ये तीनों प्रजातियां एशिया की मूल निवासी हैं, लेकिन इन्हें अफ्रीका (Africa) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) के कुछ हिस्सों में भी पाया जा सकता है।
मोर बड़े और रंगीन (आमतौर पर नीले और हरे) होते हैं जिन्हें विशेष रूप से अपनी इंद्रधनुषी पूंछ के लिए जाना जाता है। इनके इंद्रधनुषी रंग की पहचान 1634 में चार्ल्स प्रथम के चिकित्सक सर थिओडोर डी मायर्न ने की थी। उन्होंने देखा कि मोर के पंखों में आँख रुपी संरचना इंद्रधनुष के समान चमकती है। प्रत्येक पंख में हज़ारों समतल शाखाएँ होती हैं। जब पंख पर प्रकाश पड़ता है, तो हज़ारों झिलमिलाते रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। सामान्य तौर पर, मोर के पंखों की रंगों की विविधता को केवल दो कारकों द्वारा समझाया जा सकता है: रंगद्रव्य और पंख में सरल संरचनाएं जो आकस्मिक प्रकाश के साथ हस्तक्षेप करती हैं। रंगद्रव्य के कण नए विकसित पंखों में सन्निहित होते हैं। वे कुछ तरंग दैर्ध्य के प्रकाश को अवशोषित करते हैं, या परावर्तित प्रकाश को तितर-बितर कर देते हैं, और इसलिए पंख के रंग में योगदान करते हैं। मोर के पंखों का प्रयोग विभिन्न प्रयोजनों विशेष रूप से सजावट के लिए किया जाता है, जिसका एक अद्भुत उदाहरण लेडी कर्जन (Lady Curzon) की मोर पोशाक है। लेडी कर्जन की मोर पोशाक सोने और चांदी के धागे से बनी है, जिसे 1903 में दूसरे दिल्ली दरबार में किंग एडिशन VII (King Edward VII) और क्वीन एलेक्जेंड्रा (Queen Alexandra) के 1902 राज्याभिषेक का जश्न मनाने के लिए जीन-फिलिप वर्थ (Jean-Philippe Worth) द्वारा मैरी-कर्जन, बैरोनेस कर्जन (Mary Curzon, Baroness Curzon of Kedleston) के लिए डिजाइन किया गया था। इस गाउन (Gown) को महीन शिफॉन (Chiffon) की पट्टी से संकलित किया गया था, जो दिल्ली और आगरा के कारीगरों द्वारा कढ़ाई और अलंकृत किया गया था, जिसमें दिल्ली में चांदनी चौक पर किशन चंद की पेड़ी सहित, ज़र्दोज़ी (सोने के तार की बुनाई) विधि का उपयोग किया गया था। फिर इसे पेरिस भेज दिया गया, जहां हाउस ऑफ वर्थ (House of Worth) ने सफेद शिफॉन गुलाब के साथ एक लंबी श्रृंखला के साथ पोशाक को स्टाइल (Style) किया। स्टाइल की गई पट्टियाँ मोर के पंखों से भरी हुई थी, जिनके केंद्र में एक नीली / हरी बीटलविंग (Beetlewing) है। समय के साथ, पोशाक में धातु के धागे धूमिल हो गए हैं लेकिन बीटलविंग ने अपनी चमक नहीं खोई है।
इस पोशाक को शिकागो ट्रिब्यून (Chicago Tribune) लेख में चित्रित किया गया था क्योंकि लेडी कर्जन शिकागो से थीं। कलाकार विलियम लॉग्सडेल (William Logsdail) को राज्य के चित्रों को बनाने का आदेश दिया गया था, लेकिन लेडी कर्जन का चित्र 1909 में उनकी मृत्यु के बाद 1909 में पूरा हुआ। मोर की पोशाक को केडलस्टर हॉल (Kedleston Hall) में लॉग्सडेल द्वारा बनाई गई चित्र के साथ संरक्षित किया गया है। केडलस्टन हॉल में इसके प्रवेश के अनुसार, मोर के गाउन का वजन 10 पाउंड (Pound) है। मोर के धात्विक नीले-हरे रंग के शानदार पंखों का उपयोग विभिन्न शिल्प कलाओं और ज्योतिषियों द्वारा भी किया जाता है।

संदर्भ :-
https://en.wikipedia.org/wiki/Peafowl
http://www.webexhibits.org/causesofcolor/15C.html
https://en.wikipedia.org/wiki/Lady_Curzon%27s_peacock_dress
चित्र सन्दर्भ:-
मुख्य चित्र मोर को दर्शाता है। (Unsplash)
दूसरी तस्वीर में मोर पंख दिखाया गया है। (Unsplash)
आखिरी तस्वीर मोर की पोशाक में लेडी कर्जन को दिखाती है।
पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.