खाद्य फोटोग्राफी का इतिहास और महत्व

द्रिश्य 1 लेंस/तस्वीर उतारना
06-10-2020 02:01 AM
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खाद्य फोटोग्राफी का इतिहास और महत्व

रामपुर का मुगलई भोजन पूरे भारत में ही नहीं, दूरदराज के देशों में भी बहुत मशहूर है। विदेश में इसकी शोहरत की दो वजह है- एक तो इतिहास में इसके बारे में बहुत सारी किताबों में जानकारी दी हुई है, दूसरे डिजिटल (Digital) माध्यम में खाने को लेकर जो फोटोग्राफी (Photography) का चलन बढ़ा है, उसने भोजन के उद्योग में अपरिहार्य रूप से ब्रांडिंग (Branding) को एक जरूरत बना दिया है। आज सारी दुनिया में खाने पीने की रेसिपी (Recipe) और उसे बनाने की प्रक्रिया को फोटोग्राफी के माध्यम से दिखाना बहुत लोकप्रियता हासिल कर रहा है। लोग खाने-पीने की फोटोग्राफी में एक व्यवसाय तलाश रहे हैं।


प्रमुख बिंदु:
जब भी किसी स्वादिष्ट भोजन की तस्वीर देखते हैं, तो मुंह में पानी आ जाता है। दिलचस्प है कि यह जानना कि इस फोटो के पीछे प्रशिक्षित व्यवसायिक फोटोग्राफर का कौशल होता है, जिससे मुंह में पानी आ जाने वाले फोटो तैयार किए जाते हैं। इसलिए अगर खाने- पीने की चीजों की फोटोग्राफी को कैरियर (Career) बनाना है और इंस्टाग्राम (Instagram) पर दिलफेक फोटो डालने हैं, तो इसके लिए शौकिया नहीं, व्यवसाय प्रशिक्षण की जरूरत है। निश्चित रूप में आज के दौर में यात्रा फोटोग्राफी, लैंडस्केप( भू दृश्य) फोटोग्राफी की तरह ही फूड( भोजन) फोटोग्राफी बहुत आकर्षित कर रही है।

इतिहास
विलियम हेनरी फॉक्स टैल्बॉट (William Henry Fox Talbot) ने 1845 में एक फोटो खींचा था, जिसमें आडू और अनानास दिखाई दे रहे थे। यह सबसे पहला फोटोग्राफ था, जिसने खाने पीने को एक विषय बना दिया, बहुत दिनों तक खाने की मेज पर भोजन सजाकर उसके फोटो लिए जाते थे। बाद में इसमें रोमांटिक लाइटिंग, खास कोण और कई तरह की सजावटी सामग्री का साथ में प्रयोग होने लगा। फूड स्टाइलिस्ट( भोजन सजाने वाले) का काम होता है कि अंतिम रूप से तैयार फोटो में खाना आकर्षक लगे।


भोजन का इतिहास हड़प्पा और मोहनजोदड़ो सभ्यताओं के समय में प्रचलित भोज्य पदार्थों से भी जुड़ा हुआ है। उस जमाने में दाल और अनाज रोज के भोजन में शामिल होते थे। वैदिक काल में सब्जियां, दूध से बने पदार्थ, फल, शहद, मांस और मसाले जुड़ गए। आर्य मध्य एशिया से आए थे उनका खान-पान थोड़ा भिन्न था और मौर्य काल में मांस पर प्रतिबंध हो गया। मुगल काल में नान (Naan) और तरह-तरह की रोटियों का चलन शुरू हुआ।


फूड फोटोग्राफी के लाभ

तस्वीरों की कोई भाषा नहीं होती, जब जब शब्द साथ छोड़ने लगते हैं, तस्वीरें आगे आकर बचाव करती हैं, चाहे मूल्यांकन का मामला हो, मेनू (Menu) तय करने का या ब्रांडिंग ( खास पहचान देने का), एक अच्छा खींचा गया फोटो ग्राहक आधारित व्यवसाय में शब्दों से ज्यादा बोलता है। रेस्टोरेंट व्यवसाय इस समय अपना 70% व्यापार ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से कर रहा है। इसलिए फूड फोटोग्राफी एक प्रकार की व्यावसायिक फोटोग्राफी है, जो भोजन के आकर्षक फोटो के जरिए उसके विज्ञापन, पैकेजिंग और किताबों के लिए सामग्री भी जुटाती है।

सन्दर्भ:
https://www.superprof.co.in/blog/pictures-of-food/
https://en.wikipedia.org/wiki/Food_photography
https://www.tgcindia.com/food-photography-career-opportunities-and-requirements/
https://www.spyne.ai/blogs/indian-food-photography
https://limetray.com/blog/importance-of-professional-food-photography-for-your-restaurant/

चित्र सन्दर्भ:
पहली छवि रामपुर लोकल स्ट्रेट फूड फोटोग्राफी को दर्शाती है, जो भोजन पर केंद्रित है।(prarang)
दूसरी छवि रामपुर स्थानीय लस्सी की खाद्य फोटोग्राफी दिखाती है।(prarang)
तीसरी छवि भोजन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मंद प्रकाश में भारतीय खाद्य फोटोग्राफी को दिखाती है।(canva)
चौथी छवि भोजन की तस्वीर को प्रभावशाली बनाने के लिए अलग-अलग कोणों का उपयोग करके भोजन फोटोग्रापी दिखाती है।(prarang)
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