एमिली ईडेन (Emily Eden) : पेन और ब्रश का अद्भुत संयोग

द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य
01-10-2020 07:09 AM
एमिली ईडेन (Emily Eden) : पेन और ब्रश का अद्भुत संयोग

कैमरे के आगमन से पहले पेंटिंग्स और पोर्ट्रेट (Painting and Portrait) का ज़माना था। ऐसी ही एक दुर्लभ तस्वीर है, मुरादाबाद के रहने वाले व्यक्ति की, जो सन 1838 की जनवरी में बनाई गई थी। हम उस व्यक्ति का नाम तो नहीं जानते लेकिन यह पेंटिंग इंग्लैंड में सुरक्षित रही। इसे एमिली ईडेन (Emily Eden) ने बनाया था। वह ईस्ट इंडिया कम्पनी (East India Company) के लॉर्ड ऑकलैंड (Lord Auckland) की बहन थीं। एमिली ईडेन अपने भाई के साथ भारत की तत्कालीन दो राजधानियों - कलकत्ता से शिमला तक घूमने गई थीं।यह यात्रा नावों, हाथियों, घोड़ों से तय की गई। बीच-बीच में शाही तंबुओं में विश्राम होता था। एमिली को आम भारतीयों के रेखाचित्र और चित्र पेंट करने का शौक़ था। उनके पास हमेशा एक डायरी होती थी और वह इंग्लैंड में अपने परिवार को खुले पत्र लिखा करती थीं। अपनी डायरी में वह लिखती हैं कि कैसे बरेली, मुरादाबाद, अमरोहा में उनके दिन बीते, लेकिन वह रामपुर नहीं आयीं। एमिली ईडेन की किताब में एक बुज़ुर्ग सिपाही का ज़िक्र है, जिससे उनकी मुलाक़ात मुरादाबाद के बाज़ार में हुई और उन्होंने उसका चित्र बनाया।

'अप दि कंट्री (Up The Country) किताब में चिट्ठियाँ और लेख हैं, जो एमिली ईडेन ने अपनी बहन को 1837-1839 के मध्य लिखे। उस समय वह अपने भाई के साथ कलकत्ता से शिमला की ही यात्रा में थीं। पाठकों को पृष्ठभूमि बताने के लिए यह संदर्भ ज़रूरी है कि ईडेन इंग्लैंड के प्रमुख कुलीन परिवारों में से एक थे। बारोन ईडेन (Baron Eden) 1836-1842 के बीच भारत के गवर्नर जनरल रहे थे। इस दौरान उनकी बहनें एमिली और फ़ैनी भी उनके साथ थीं। भारत की दो राजधानियों का यह सफ़र लगभग 4200 किलोमीटर का था। सारी कैम्प सम्बंधी सामग्री हाथियों, ऊँटों और कैम्प के अनुचरों द्वारा ढोई जाती थी। तब रेलवे का आगमन नहीं हुआ था। उस युग में इस यात्रा में दो साल लगे। अपनी किताब में एमिली ईडेन ने सारी ख़ुशी, विडम्बना और त्रासदी के बारे में बारीकी से लिखा है। इस सफ़र में कैम्प में रुका जाता था। सारी राजसी व्यवस्थाएँ थीं, जो इंग्लैंड के राजा के भारत में प्रतिनिधि को मिलनी चाहिए। एमिली ईडेन का जन्म 1797 में इंग्लैंड के उच्च परिवार में हुआ था, जो इंग्लैंड की राजनीतिक ज़िंदगी का संचालन करता था। भारत में एमिली ईडेन छह साल रहीं और अपने पत्रों में बराबर 18वीं शताब्दी के भारत की सड़कों पर रोज़ होने वाले आश्चर्यजनक अनुभवों को विस्तार से लिखती थीं। मामूली दिखने वाले ये विवरण अक्सर इतिहास की बड़ी घटनाओं के गवाह हैं।

एमिली ईडेन : एक रचनात्मक परिचय
एमिली ईडेन अंग्रेज़ी की एक कवियत्री और उपन्यासकार थीं। उन्होंने 19वीं शताब्दी के आरम्भ के अंग्रेज़ों के जीवन के बहुत रोचक विवरण अपनी रचनाओं में दिए हैं। भारत में भ्रमण के बहुत विस्तृत संस्मरण लिखे। दो उपन्यास भी लिखे, जो ख़ूब बिके। लेखक- कवियत्री होने के साथ-साथ वह शौक़िया कुशल चित्रकार भी थीं। ईडेन के पत्र वायलेट डिकिंसन (Violet Dickinson) ने छापे, जो वर्जीनिया वुल्फ़ (Virginia Woolf) की नज़दीकी दोस्त थी। एमिली ईडेन ने अपनी पूरी ज़िंदगी लेखन किया।

सन्दर्भ:
1. https://www.watercolourworld.org/painting/pensioned-sepoy-tww013595
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Emily_Eden
3. https://www.gutenberg.org/files/46260/46260-h/46260-h.htm

चित्र सन्दर्भ :
1. मुख्य चित्र में एमिली ईडेन (Emily Eden) द्वारा चित्रित पेन्सनड सेपॉय (Pentioned Sepoy) नामक चित्र है। एमिली ने मुरादाबाद के बाजार में मिले सिपाही का चित्रण बहुत ही सहज ढंग से जलरंगों से किया है। (Prarang)
2. दूसरे चित्र में एमिली का चित्र दिखाया गया है। (Wikipedia)

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