इस वर्ष हज यात्रा में किया जाएगा विसंक्रमित कंकड़ों का उपयोग

खनिज
09-09-2020 03:33 AM
इस वर्ष हज यात्रा में किया जाएगा विसंक्रमित कंकड़ों का उपयोग

रामपुर की भौगोलिक स्थिति के कारण यहाँ काफी कम मात्रा में खनिज पदार्थ पाए जाते हैं। यहाँ केवल चुनिंदा स्थानों में कंकड़ और कुछ घास के मैदानों में रेत पाई जाती है। कंकड़ का मानव द्वारा बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है, साथ ही इसका एक महत्वपूर्ण उपयोग रेलवे के निर्माण में पटरियों की गिट्टी के रूप में भी किया जाता है। रेल की पटरियों में हमको जो कंकड़ दिखाई देते हैं दरसल उनका उद्देश्य लकड़ी के फट्टों (जो पटरियों को एक साथ स्थिर रखते हैं) को अपने स्थान पर मज़बूती के साथ स्थिर बनाए रखने का होता है। गिट्टी पटरियों पर पड़ने वाले भार को नींव में वितरित करती है तथा थर्मल (Thermal) विस्तार और भार विचरण के लिए अनुमति देती है।

केवल इतना ही नहीं, यह बारिश और बर्फ को हटाने में भी मदद करती है साथ ही झाड़ियों को उगने से रोकती है। वहीं पटरी की गिट्टी की एक परत की उपयुक्त मोटाई फट्टों के आकार और दूरी, मार्ग पर यातायात की मात्रा और विभिन्न कारणों पर निर्भर करती है। गिट्टी 6 इंच से कम मोटी नहीं होनी चाहिए, और तेज़ रफ्तारवाले रेलवे मार्गों के लिए 20 इंच तक की गिट्टी की आवश्यकता हो सकती है। गिट्टी की एक अपर्याप्त गहराई अंतर्निहित मिट्टी के अधिभार का कारण बनती है और प्रतिकूल परिस्थितियों में, मिट्टी को अधिक लादने से पटरी संपूर्ण रूप से ढक जाती है। 12 इंच से कम मोटी गिट्टी से आस-पास की संरचनाओं को नुकसान पहुंचाने वाले कंपन हो सकते हैं। वहीं दूसरी ओर 12 इंच से अधिक गहराई बढ़ाने से कंपन को कम करने में कोई अतिरिक्त लाभ नहीं होता है।

गिट्टी की मोटाई के साथ-साथ उसका आकार भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें तेज़ किनारों के साथ इसके पत्थर अनियमित होने चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि वे एक-दूसरे और फट्टे के साथ ठीक से जुड़े हुए हों ताकि वे ज़्यादा हिलें ना। वहीं दूसरी ओर गोलाकार पत्थर ऐसी सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकते हैं। मनुष्य द्वारा पत्थरों का उपयोग केवल रेल पटरियों में ही नहीं किया गया बल्कि जानवरों के बदले पालतू पत्थर के रूप में भी किया गया है। दरसल पालतू पत्थर एक संग्रहणीय खिलौना है जिसे 1975 में विज्ञापन प्रबंधक गैरी डाहल (Gary Dahl) द्वारा बनाया गया था। ये पालतू पत्थर मैक्सिको (Mexico) के रोसारिटो (Rosarito) तट के चिकने पत्थर हैं। केवल इतना ही नहीं इन्हें भूसे और श्वसन छिद्र के साथ डिब्बे में जीवित पालतू जानवरों की तरह विपणन किया गया था।

दिसंबर 1975 के क्रिसमस (Christmas) के महीने के दौरान इनकी बिक्री में थोड़ी वृद्धि देखी गई थी लेकिन बाद के छह महीने तक इसकी बिक्री में कमी को देखा गया। फरवरी 1976 तक इनकी कम बिक्री के कारण इनमें छूट दी गई। डाहल ने 10 लाख पालतू पत्थर को $4 प्रति पत्थर में बेचा, और करोड़पति बन गए। उनको पालतू पत्थर बनाने का विचार तब आया जब उनका दोस्त अपने पालतू जानवर के बारे में शिकायतें कर रहा था। तभी डाहल ने मज़ाक में पत्थर को पालतू बनाने का विचार दिया, और तर्क दिया कि उसे खिलाने और घुमाने का खर्चा भी नहीं होगा। वहीं पालतू पत्थर को 3 सितंबर 2012 को फिर से उपलब्ध कराया गया। साथ ही वर्तमान समय में रोज़बड एंटरटेनमेंट (Rosebud Entertainment) के पास पालतू पत्थर के संयुक्त राज्य ट्रेडमार्क (Trademark) का अधिकार प्राप्त है।

वहीं कोविड-19 (Covid-19) महामारी के चलते इस वर्ष पवित्र शहर मक्का में हज की यात्रा में केवल 1000 लोग ही जा पाएंगे। साथ ही इन तीर्थयात्रियों के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं, जैसे तीर्थयात्रियों को मक्का में ज़मज़म कुएं से पवित्र पानी पीने के लिए एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक (Plastic) की बोतलों का उपयोग किया जाएगा और शैतान के प्रतीक स्तंभों पर फेंकने के लिए तीर्थयात्रियों द्वारा आमतौर पर हज मार्गों से कंकड़ उठाए जाते हैं, उन्हें उन कंकड़ों को पहले से ही अच्छे से विसंक्रमित करके रखना होगा। तीर्थयात्रियों द्वारा अपने स्वयं के प्रार्थना आसनों को भी साथ लाना होगा।
सऊदी तीर्थयात्रियों का चयन स्वास्थ्य कर्मियों और सुरक्षा कर्मियों में से किया जाएगा, जो कोविद -19, विषाणु के कारण होने वाली बीमारी से उबर चुके हैं।
नए दिशानिर्देश यह भी कहते हैं कि सऊदी अरब में विदेशी निवासी जो इस वर्ष की तीर्थयात्रा में भाग लेना चाहते हैं, उनकी आयु 20 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए, और इससे पहले हज नहीं किया गया है। तीर्थयात्रियों को हज से पहले और बाद में संगरोध करना होगा, और कोरोनावायरस (Coronavirus) के लिए उनका परीक्षण किया जाएगा। मध्य पूर्व के सऊदी अरब में कोरोनावायरस का सबसे अधिक प्रकोप फैला हुआ है, वहाँ संक्रमण दर प्रतिदिन 3,000-4,000 मामलों से बढ़ रही है। राज्य में अब तक 213,000 से अधिक लोग इस महामारी की चपेट में आ गए हैं, जिनमें से 1,968 लोग मारे गए हैं।

संदर्भ :-
https://en.wikipedia.org/wiki/Pebble
https://en.wikipedia.org/wiki/Pet_Rock
https://gizmodo.com/why-you-always-see-crushed-stones-alongside-railroad-tr-1404579779 https://en.wikipedia.org/wiki/Track_ballast
https://www.hindustantimes.com/world-news/new-at-saudi-hajj-bottled-holy-water-sterilized-pebbles/story-FudGVDmoBLapbm8G2Z6XIO.html
चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र में हज यात्रा के दौरान विसंक्रमित कंकड़ों के सील पैक पॉलिथीन को दिखाया गया है। (Facebook)
दूसरे चित्र में रेल की पटरियों पर बिछाए गये कंकड़ों को दिखाया गया है। (Pickist)
तीसरे चित्र में रेल की पटरियों पर बिछाये गये कंकड़ों की मोटाई दिखने की कोशिश की गयी है। (Picseql)
चौथे चित्र में पेट रॉक (Pet Rock) को दिखाया गया है। (Amazon)
पांचवें चित्र में गैरी डाहल (Gary Dahl) और पेट रॉक (Pet Rock) को दिखाया गया है। (Prarang)
छठे चित्र में हज यात्रा के दौरान विसंक्रमित कंकड़ों के सील पैक पॉलिथीन को दिखाया गया है। (Facebook)
पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.