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दशकों पहले एक अमेरिकी गेम शो प्रसारित हुआ था, जिसका नाम था ‘लेट्स मेक अ डील’ (Let's Make a Deal), जो सन 1963 में शुरू हुआ था। यह विश्व भर में काफ़ी प्रचलित हुआ और कई देशों में इसका रूपांतरण होने के बाद, इस शो का हालिया सीज़न 2014 में प्रसारित हुआ था। खुलजा सिम सिम (Khullja Sim Sim) इसी गेम शो का भारतीय रूपांतरण है, जिसका प्रीमियर (Premiere) 27 जुलाई 2001 में स्टार प्लस चैनल पर किया गया था। इसकी मेज़बानी भारतीय कलाकार अमन वर्मा ने की थी। 3 सीज़न के साथ, यह शो 2001 से 2013 तक चला। खुलजा सिम सिम गेम शो का विवरण सन 2003 में लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Limca Book of World Records) में भी किया गया था। सालों तक ‘लेट्स मेक अ डील’ गेम शो की मेज़बानी (Hosting ) मोंटी हॉल (Monty Hall) ने की थी। इसी गेम शो के आधार पर बनी है, एक विश्व विख्यात पहेली जिसको ‘मोंटी हॉल समस्या’ के नाम से जाना जाता है। इस नाम की कल्पना सांख्यिकीविद् स्टीव सेल्विन (Steve Selvin) ने की थी, जिन्होंने 1975 में अमेरिकी विशेषज्ञ को लेट्स मेक अ डील गेम के आधार पर, संभावित समस्या का वर्णन करते हुए इस शीर्षक का इस्तेमाल किया था। तत्पश्चात एक साप्ताहिक पत्रिका में प्रस्तुत होने के बाद इसे और अधिक लोकप्रियता प्राप्त हुई।
विरोधाभास एक ऐसी परिस्थिति होती है, जिसमें दो निष्कर्ष निकलते हैं और दोनों ही निष्कर्ष एक-दूसरे को ग़लत सिद्ध करते हैं। मोंटी हॉल समस्या में भी विरोधाभास जैसी स्थिति उत्पन्न होती है। इसमें एक परिस्थिति का निर्माण किया जाता है, जिसमें आप हैं और एक मेज़बान है, जो आपके सामने तीन दरवाज़े रखता है और कहता है कि इन तीन दरवाज़ों में से दो दरवाज़ों के पीछे बकरी है और एक दरवाज़े के पीछे एक शानदार कार है। यदि आप कार वाला दरवाज़ा चुनते हैं, तो वह नई चमचमाती हुई कार आपको ईनाम के तौर पर दे दी जाएगी यदि आपने गलत दरवाज़ा खोला तो आप उस कार को प्राप्त नहीं कर पाएंगे। आप एक दरवाज़े को चुनते हैं, अब मेज़बान जो जानता है कि किस दरवाज़े के पीछे क्या है, वह शेष दो दरवाज़ों में से एक दरवाज़ा खोल देता है, जिसके पीछे कार या ईनाम नहीं है। अब समस्या वहां उत्पन्न होती है, जब मेज़बान आपसे कहता है कि अब आपके सामने दो दरवाज़े शेष रह गए हैं, क्या आप अपने पहले चुने हुए विकल्प को बदलना चाहेंगे या उसी विकल्प पर अड़िग रहना चाहेंगे?
आप अपना विकल्प बदलें या न बदलें दोनों ही स्थिति में आपको सही दरवाज़े के बारे में नहीं पता है परन्तु यदि आप अपना विकल्प बदल कर दूसरा विकल्प चुनते हैं, तो आपके जीतने की संभावना दोगुनी हो जाती है, यही है मोंटी हॉल समस्या। अब आप सोचेंगे कि क्या ही फ़र्क पड़ता है यदि हम अपने पहले चुने हुए विकल्प पर ही स्थिर रहेंगे।
आइये इस समस्या को और अधिक गहनता से समझने का प्रयास करते हैं:
मान लेते हैं कि ऊपर दी गयी तीनों स्थितियों में आपने पहला दरवाज़ा चुना था। पहली स्थिति में एक गलत दरवाज़ा खुलने के बाद यदि आप विकल्प नहीं बदलते हैं, तो जीत जाएंगे और यदि बदलते हैं तो हार जाएंगे। किन्तु यह सिर्फ एक संभावना है शेष दोनों स्थितियां होने की भी समान संभावनाएं हैं, दूसरी और तीसरी परिस्थितियों में सबसे पहले आपके जीतने की संभावना 1/3 (33.33%) है, विकल्प बदलने पर वह बढ़कर 1/2 (50%) हो जाएगी और न बदलने पर पहले जितनी 1/3 ही रहेगी, यही इस खेल का विरोधाभास है। इस पहेली पर वोस सवांट (Vos Sevent) का तर्क यह था कि प्रतियोगी को अपना पहला विकल्प बदल कर दूसरे दरवाज़े का चयन करना चाहिए। परन्तु यह पहेली पूरी तरह से प्रतियोगी के मनोवैज्ञानिक स्थिति पर निर्भर करती है कि वह किस विकल्प का चयन करता है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3hHPNF6
https://en.wikipedia.org/wiki/Monty_Hall_problem
https://en.wikipedia.org/wiki/Khullja_Sim_Sim
https://bit.ly/2QzQKmQ
चित्र सन्दर्भ :
मुख्य चित्र में मोंटी हॉल की पहेली का कलात्मक चित्र है। (Prarang)
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