रामपुर का राजचिन्ह

उपनिवेश व विश्वयुद्ध 1780 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक
20-08-2020 10:40 AM
रामपुर का राजचिन्ह

किसी भी देश या राज्य की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता होती है, उसकी अपनी क्षमता और स्थिति। हमारा रामपुर हमेशा से ही एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रहा है, यहाँ पर शिक्षा, स्वतंत्रता, राजनीति आदि की संभावनाएं विकसित हुई और आगे बढ़ी। रामपुर का रज़ा पुस्तकालय पूरे विश्व में एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण पुस्तकालय के रूप में जाना जाता है। रामपुर के राजचिन्ह, कोट ऑफ़ आर्म्स (Coat of Arms) को हम सभी ने देखा है यह रज़ा पुस्तकालय से लेकर कोठी ख़ास बाग़ आदि स्थानों पर देखने को मिल जाता है। इसे हम यहाँ के रामलीला मैदान में भी देख सकते हैं। अब यह प्रश्न उठता है कि आखिर यह है क्या और इसपर लिखा क्या गया है? तथा यह चिन्ह इतना महत्वपूर्ण क्यूँ है? रामपुर, भारत का एक अत्यंत महत्वपूर्ण रियासत था, और यही कारण है कि इस राज्य को ब्रिटिश (British) शासन से 15 तोपों की सलामी का अधिकार प्राप्त था। यह रियासत 7 अक्टूबर 1774 को अवध राज्य के साथ की गयी एक संधि के परिणामस्वरूप ही अस्तित्व में आयी।

रामपुर रियासत की राजधानी वर्तमान समय का रामपुर शहर ही था। यह रियासत कुल 945 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई थी, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण और वृहत रियासत थी। मुग़ल सम्राट मोहम्मद शाह के द्वारा 1737 में रामपुर के अली मोहम्मद खान को नवाब की उपाधि से सम्मानित किया गया था और यहीं से जितने भी नए शासक आये उनको नवाब की उपाधि मिलती गयी। 1857 की क्रान्ति के बाद रामपुर रियासत संयुक्त प्रांत ( United Province) के अप्रत्यक्ष शासन में आ गया। 1936 के दौर में यह राज्य ग्वालियर रेजीडेंसी (Gwalior Residency) में शामिल हुआ तथा यह भारत की आजादी के बाद उत्तर प्रदेश राज्य का हिस्सा बना।

जैसा की पहले ही बताया जा चुका है कि इस राज्य को 15 तोपों की सलामी से नवाजा गया था। रामपुर के झंडे के ऊपर एक हाथ का दृश्य है, जिसमें एक तीर दर्शाया गया है, तीर के मुख भाग के नीचे एक कपड़ा भी प्रदर्शित किया गया है। इसके नीचे एक हेलमेट (Helmet) पहने हुए धड़ का चिर्त्रण है, इसमें दोनों ओर 12 सींगों का अंकन किया गया है तथा मध्य में दो तलवारों को दर्शाया गया है। इसी के साथ इसपर अल्लाह मुहम्मद का आदर्श वाक्य भी लिखा गया है। कालांतर में इस झंडे या प्रतीक चिन्ह को बदल कर एक अन्य प्रतीक चिन्ह बनाया गया, जो कि पुराने प्रतीक चिन्हों से बिलकुल अलग था। इस पर शील्ड (Shield) के स्थान पर मछली का अंकन किया गया, (मछलियों का अंकन हम अवध के राजचिन्ह में भी देखते हैं)। यह शील्ड दो शेरो द्वारा सुरक्षित दर्शाया गया है। इस प्रकार यह ब्रिटिश शासन से प्रभावित प्रतीत होता है। इसके ऊपरी भाग पर हेलमेट के साथ एक छतरी का अंकन भी किया गया है। जिस पर उर्दू में आदर्श वाक्य 'अल हुकुम लीला वल मुल्क लीला' लिखा हुआ है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है, "अल्लाह के साथ शासन का संचालन।" इसी के साथ एक और वाक्य भी लिखा है 'ला फता इला अली ला सयफ इला दू ऐ फिगर' जिसका शाब्दिक अर्थ है कि 'दुनिया में कोई अली सा वीर नहीं और कोई भी तलवार जुल्फिकार से मजबूत नहीं।'

सन्दर्भ
https://en.wikipedia.org/wiki/Rampur_State
https://www.hubert-herald.nl/BhaUttarPradesh.htm
https://www.royalark.net/India/rampur.htm

चित्र सन्दर्भ :
मुख्य चित्र में रामपुर का कोट ऑफ़ आर्म्स (Coat of Arms) दिखाया गया है। (Wikipedia)
दूसरे चित्र में रामपुर का शासकीय राजचिन्ह दिखाया गया है। (Flickr)

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.