ई कॉमर्स और किराना

संचार एवं संचार यन्त्र
25-07-2020 06:40 PM
ई कॉमर्स और किराना

ई कॉमर्स एक बेहद ही नया शब्द है, जिसको प्रचलित हुए अभी जुम्मा जुम्मा दो दशक ही हुए होंगे। ई कॉमर्स (E Commerce) एक ऐसा प्लेटफार्म (Platform) है, जहाँ से व्यक्ति अपने घर बैठे ही कई प्रकार के सामानों को मंगा सकता है तथा उसे खुदरा दुकान पर जाने की आवश्यकता भी नहीं होती। भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर इन्टरनेट (Internet) का प्रचलन अभी हाल ही दशक में ज्यादा हुआ है और आज भी यहाँ की एक बड़ी आबादी ई कॉमर्स पर विश्वास नहीं करती है और यही कारण है कि आज भी ई कॉमर्स भारत के गावों और काफी हद तक छोटे शहरों में नहीं घुस पाया है। विभिन्न ई कॉमर्स के दिग्गजों ने इस खुदरा क्षेत्र में अपनी बढ़त बनाने के लिए अनेकों प्रयोजन किये हैं। आइये खुदरा और ई कॉमर्स के आंकड़ों पर नजर डालते हैं।
अगर हम सभी आंकड़ों की बात करें तो ई कॉमर्स पर सबसे ज्यादा बिकने वाले सामानों में कंप्यूटर (Computer), इलेक्ट्रोनिक्स (Electronics) आदि हैं, इनके अलावा परिधान अन्य वस्तु है, जो ई कॉमर्स प्लेटफार्म पर बेचे जाते हैं। इनको यदि प्रतिशत में देखा जाए तो ये 30.2% और 27.4% है। बाकी अन्य और भी कई वस्तुएं हैं, जिन्हें ऑनलाइन (Online) मंगाया जाता है। किराने के सामान की बात की जाए तो यह मात्र 3% ही है, जो ऑनलाइन खरीदा जाता है। बाकी लोग किराने की दुकान से ही किराने का सामान खरीदना पसंद करते हैं। अभी ई कॉमर्स व्यापार को किराने में सेंध लगाने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है। हाल में आई वैश्विक महामारी कोविड 19 कोरोना वायरस (Covid 19, Corona Virus) के चलते भारत ही नहीं अपितु विश्व बाजार में ई कॉमर्स में किराना के सामान की खरीद में एक अप्रतिम उछाल देखने को मिला है। भारत से सम्बंधित आंकड़ों के अनुसार इस साल भारत में ऑनलाइन किराना बाजार 3 बिलियन डॉलर (3 Billion Dollar) की वृद्धि दर्ज कर सकता है। यह उछाल गत वर्ष की तुलना में करीब 76% है। जैसा कि कोरोना के चलते पूरे देश में लॉकडाउन(Lockdown) की प्रक्रिया चालू थी, अतः लोगों ने ऑनलाइन ही किराना मंगाना उचित समझा। फोरेस्टर (Forrester) की रिसर्च के अनुसार इस साल भारत में ई कॉमर्स उद्योग करीब 6% तक बढ़ सकता है, जो अभी तक करीब 35.5 बिलियन डॉलर के बराबर है। विभिन्न ई कॉमर्स साईट के हवाले से जो खबर आई उसके अनुसार ई कॉमर्स के व्यापार में अच्छा उछाल देखने को मिला है।
बिगबास्केट (Big Basket) और ग्रोफर्स (Grofers) के अनुसार लॉकडाउन के शुरूआती चरणों में 5 गुना ज्यादा वृद्धि देखने को मिली है। बिगबास्केट के अनुसार लॉकडाउन के पहले उनको दिन के करीब एक लाख पचास हजार तक आर्डर मिला करते थे, जो कि लॉकडाउन के दौरान 3 लाख के करीब पहुँच गए हैं। किराना की खुदरा दुकाने इस समय ई कॉमर्स के बराबर गति से नहीं चल पा रही हैं और इस वायरस के कारण आज ई कॉमर्स मुख्य धारा में सम्मिलित हो चुका है।

चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र में ई-कॉमर्स (E-commerce) वेबसाइट का सांकेतिक चित्रण है। (Pngtree)
दूसरा चित्र ई-कॉमर्स (E-commerce) वेबसाइट पर खरीददारी करती हुई महिला को दर्शाता है। (publicdomainpictures)
अंतिम चित्र में ई-कॉमर्स (E-commerce) वेबसाइट और पेमेंट गेटवे (Payment Gateway) को दिखाया गया है। (Prarang)
सन्दर्भ :
https://www.forbes.com/sites/neilstern/2020/04/27/e-commerce-and-grocery-this-time-its-real/#42edb47e5d65
https://the-ken.com/story/flipkart-grocery-hyperlocal/#_=_
https://www.visioncritical.com/blog/grocery-wars
https://blog.hubspot.com/news-trends/ecommerce-online-grocery-shopping
https://tech.economictimes.indiatimes.com/news/internet/indias-online-grocery-market-may-clock-3-billion-sales-in-2020/75875861

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