समयसीमा 234
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 960
मानव व उसके आविष्कार 744
भूगोल 227
जीव - जन्तु 284
सार्स-कोव 2 (Sars-Cov 2), आर.एन.ए. वायरल की दर बदलाव की सहनशीलता की सीमा तक पहुंच गई है और इस घर में छोटी बड़ी बढ़ोतरी को म्यूटेशनल मेल्टडाउन (Mutational Meltdown) या एरर कटस्ट्रोफी (Error Catastrophe) के नाम से जाना जाता है। इसमें वायरल अनुकूलता अचानक गिर जाती है जिससे वायरल विलुप्तीकरण हो जाता है। एरर कटस्ट्रोफी से तात्पर्य है, अत्यधिक बदलावों के परिणाम स्वरूप एक जीव का विलुप्त हो जाना (अक्सर सूक्ष्मजीवों के संदर्भ में जैसे कि वायरस)।
एरर कटस्ट्रोफी की गणितीय प्रतिमानो में गणना की गई है और इसे अनुभव के आधार पर भी आंका गया है। पुनर्निर्माण के दौरान हर जीव की तरह वायरस भी गलतियां करते हैं या बदलाव करते हैं। इससे पैदा हुए परिवर्तन जैव विविधता बढ़ाते हैं और जीव के प्रतिरक्षा तंत्र को आगे होने वाले संक्रमण को पहचानने की शक्ति को प्रभावित करते हैं। पुनर्निर्माण के दौरान वायरस जितने ज्यादा बदलाव करता है, प्रतिरक्षा तंत्र उसको पहचानने में उतना ही ज्यादा चूकता है। हालांकि, अगर यह बहुत ज्यादा बदलाव करता है तो यह अपनी कुछ जैविक विशेषताएं खो देते हैं, यहां तक कि पुनर्निर्माण की अपनी क्षमता भी। यह आधार है कुछ एंटीवायरल दवाओं के निर्माण का जो कोविड-19 (Covid 19) के उपचार में प्रयुक्त होती हैं।
आणविक विकास के सिद्धांत में मौलिक रूप से एरर कटस्ट्रोफी का पहली बार जिक्र हुआ। इसके नाम का चलन विषाणुओं पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों के बीच काफी चर्चा में रहता है। हाल ही में छपे एक शोध पत्र में यह सुझाव दिया गया कि रायबावीरीन (Ryebavirin), जोकि एक आम वायरल रोधी दवा है, इसके कारण पोलियो विषाणु एरर कटस्ट्रोफी मोड (Error Catastrophe Mode) में चला जाता है, जिसकी वजह से संक्रमण फैलना बंद हो जाता है। इसी तरह के निष्कर्ष एड्स वायरस ( एचआईवी (HIV), फुट एंड माउथ डिजीज (fmdv) के बारे में भी निकाले गए। एरर कटस्ट्रोफी की एक स्पष्ट परिभाषा नहीं है बल्कि विवरणात्मक प्रकार की परिभाषा है।
चित्र सन्दर्भ:
1. कुछ दवा फ्लू वायरस को "एरर कटस्ट्रोफी" में मजबूर करती है। (Wikimedia)
2. दूसरे चित्र में एरर कटस्ट्रोफी के कारण नष्ट होता विषाणु। (Prarang)
सन्दर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Error_catastrophe
2. https://www.ft.com/content/de7df1ee-c566-4c79-9b3e-9b7d792d424c
3. https://www.pnas.org/content/99/21/13374
4. https://bmcevolbiol.biomedcentral.com/articles/10.1186/1471-2148-11-2
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.