एक बीते युग को जीवंत करती हैं, एडविन लॉर्ड वीक्स की चित्रकला

द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य
30-05-2020 09:20 AM
एक बीते युग को जीवंत करती हैं, एडविन लॉर्ड वीक्स की चित्रकला

चित्र किसी भी याद को सहेज कर रखने के एक अत्यंत ही अहम् साधन के रूप में कार्य करते हैं। आज के इस डिजिटल (Digital) युग में चित्र सहेजना बहुत ही आसान कार्य हो चुका है। हम कहीं भी जाते हैं तपाक से अपने मोबाइल का कैमरा खोल के सेल्फी या फिर अन्य चित्र खींच लेते हैं चित्र के प्रति इस दीवानगी को इस लिए भी देखा जा सकता है कि लोग अपनी यादों को ज्यादा से ज्यादा संभाल के रखना चाहते हैं।

प्राचीन समय में जब मोबाइल इत्यादि का आविष्कार नहीं हुआ था अतः लोग चित्रकारी आदि के माध्यम से चित्रों को सहेजने का कार्य करते थे। ऐसे में भारत देश में अनेकों कलाकार आयें जिन्होंने यहाँ पर कई चित्रकारियां की जिसे आज वर्तमान समय में देखकर हमें कई जानकारियाँ प्राप्त हो जाती हैं। अमेरिकी (American) कलाकार एडविन लार्ड वीक्स (Edwin Lord Weeks) एक ऐसे कलाकार थे जो करीब 150 वर्ष पहले भारत में आये और उन्होंने यहाँ से जुडी कई चीजों को अपने पेंट ब्रश (Paint Brush) से संवारा।

वीक्स का जन्म बोस्टन (Boston) में सन 1849 में हुआ था, अपने जीवन के शुरूआती समय से ही वीक्स घूमने के शौक़ीन थे और यही कारण है कि वे दक्षिण अमेरिका (South America), सूरीनाम (Surinam) आदि देशों को बहुत ही अल्पायु में घूम आये थे। वीक्स की सबसे पुरानी चित्रकारी सन 1867 की है। यह सन 1871 था जब वीक्स की चित्रकारी ने निपुड़ता को प्रदर्शित करना शुरू किया था।

वीक्स को घूमने का बहुत शौक था और यही शौक उनको भारत लाया भारत आने से पहले वे मिश्र (Egypt), फारस (Persia), मोरक्को (Morocco) आदि देशों की यात्रा कर चुके थे। उनके भारत आने का समय सन 1882 से 1883 था।

वीक्स ने सन 1895 में फारस और भारत पर काले सागर की यात्रा पर एक चित्रित पुस्तक लिखी। उन्होंने पर्वतारोहण आदि पर भी सचित्र किताबें लिखी। वीक्स ने अपनी किताब में घोड़ों के निर्यात से लेकर सिल्क रूट आदि के विषय में जानकारी प्रस्तुत की, उन्होंने घोड़ों के निर्यात के लिए प्रयोग में लाये जा रहे नावों को तैरते हुए अस्तबल के रूप में लिखा। उनके द्वारा बनाये गए चित्रों को भारतीय विक्टोरिया (Victorian) काल के सबसे महत्वपूर्ण चित्रों की संज्ञा दी गयी।

वीक्स एक शानदार चित्रकार होने के साथ साथ एक अत्यंत ही शानदार लेखक भी था जिसको उनकी पुस्तकों में देखा जा सकता है। वीक्स के चित्र में सामान्य और राजसी दोनों प्रकार के लोगों का चित्रण दिखाई देता है जैसा कि उनके चित्र कैनवास (canvas) पर आयल कलर से बनाए गए हैं तो वे अपनी सजीवता का प्रमाण प्रस्तुत करते हैं।

उनके दैनिक जीवन के चित्र के विषय में बात करें तो लाहौर के सड़क को दर्शाती हुयी चित्र दैनिक दिनचर्या को दिखाता है तो वहीँ जोधपुर के राजसी ठाट और जयपुर के लिए गुलाबी संरचनाओं की खूबसूरती तीनों उन्होंने बड़ी ही बारीकी से दिखाया है।

अहमदाबाद में सड़क के किनारे के दुकान का चित्र आम लोगों की दिनचर्या को प्रस्तुत करता है और यह भी बताता है कि उस समय वहां के लोगों की दिनचर्या कैसी थी तथा पहनावा कैसा था, जोधपुर के राजा के हाथी (चित्र में हाथियों को किस प्रकार से सजाया जाता था) का भी चित्रण सुन्दर है। उनके द्वारा बनाए गए चित्र से ही यह पता चलता है कि ताज के समीप किस प्रकार से बाजार सजा करता था।

वीक्स ने अपनी रचना में सामाजिक और राजनैतिक दोनों की घटनाओं का सटीक विश्लेषण किया तथा उसे अपनी चित्रकारी के जरिये प्रस्तुत किया। आज वर्तमान समय में उनके द्वारा बनाया गया हर एक चित्र हमें इतिहास बयां करता है।

चित्र (सन्दर्भ):
1. मुख्य चित्र वीक्स द्वारा बनाया गया, दिल्ली (भारत) में महान मस्जिद से लौटते हुए एक मुगल और उनका राज टुकड़ी चित्र है। (Wikipedia)
2. दूसरा चित्र वीक्स द्वारा सन 1883 में बनाया गया मथुरा के घाटों के साथ नामक चित्र है। (Wikipedia)
3. बनारस नदी पर नामक शीर्षक के साथ सन 1883 में वीक्स द्वारा बनाया गया चित्र। (Wikipedia)
4. वीक्स द्वारा एक धरातल पर उकेरा गया एक मराठा शिकार दल नामक चित्र। (Wikipedia)
5. एडविन लॉर्ड वीक्स अपने स्टूडियो में। (Wikipedia)
6. क्रमश: वीक्स द्वारा बनाये गए "मस्जिद में प्रवेश (सन 1885), एक मराठा सड़क पर सैर, मथुरा जामा मस्जिद के प्रवेश द्वार पर शाही हाथी, ग्वालियर के मराठा राजा अपने महल में" चित्र हैं। (Wikipedia)
7. वीक्स ने एक मराठा को ग्वालियर किले से शिकार के लिए निकलते हुए का चित्रण किया है। (Wikipedia)
8. सन 1888 में वीक्स द्वारा आमेर के किले में महाराजा का चित्रण भी किया गया है। (Wikipedia)
9. सन 1883 में वीक्स द्वारा चित्रित बनारस के महाराजा का बैज। (Wikipedia)
10. वीक्स द्वारा सन 1883 में वीक्स द्वारा ताजमहल का भी चित्रण किया गया था जो अब द वाल्टर्स आर्ट म्यूज़ियम (माउंट वर्नोन-बेल्वेदेरे, बाल्टीमोर, मैरीलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका, Mount Vernon-Belvedere, Baltimore, Maryland, United States) में स्थापित है। (Wikipedia)
सन्दर्भ:
1. https://scroll.in/article/756751/the-cow-issue-and-lost-heritage-notes-from-the-finest-painter-of-victorian-india
2. https://www.edwinlordweeks.org/biography.html
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Edwin_Lord_Weeks

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