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बस चालक से लेकर व्यापारियों तक, कोरोनावायरस (coronavirus) की चपेट में आ रहे हैं और साथ ही इसकी चपेट में आने वाले लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे हैं। जिस वजह से यह कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस का रोग भेदभाव नहीं करता है। जैसा कि हम सब जानते ही हैं कि कोरोना वायरस एक निर्जीव विषाणु है जो भेदभाव करने में सक्षम नहीं है। लेकिन फिर भी ये विषाणु लोगों के विभिन्न समूहों पर अलग-अलग प्रभाव डाल रहा है। जी हाँ, ये विषाणु महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक जानलेवा साबित हो रहा है। उदाहरण के लिए भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बताया गया है कि कोरोना वायरस में हुई मृत्यु में से लगभग 73 प्रतिशत पुरुषों की संख्या है, जबकि महिलाओं की संख्या लगभग 27 प्रतिशत है। इसी तरह, पश्चिमी यूरोप में भी कोरोनोवायरस से होने वाली अधिकतम मृत्यु दर पुरुषों (69%) की है। इसी तरह का पैटर्न (pattern) चीन और अन्य जगहों पर भी देखा गया है।
हालांकि इस लिंग के अंतर का कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसके पीछे कई सिद्धांत पेश किये गए हैं। जिसमें से पहला यह बताता है कि विषाणु के प्रति महिलाओं की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पुरुषों से अधिक मजबूत है। दूसरे सिद्धांत में पाया गया है कि महिलाओं में दो एक्स (X) गुणसूत्र होते हैं, जबकि पुरुषों में केवल एक ही होता है जो कोरोनावायरस से लड़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खासतौर से, प्रोटीन जिसके द्वारा विषाणु जैसे कोरोनोवायरस को संवेदित किया जाता है, एक्स गुणसूत्र पर एनकोडेड (encoded) किए जाते हैं। नतीजतन, यह प्रोटीन (protein) पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कई प्रतिरक्षा कोशिकाओं पर दो गुणी मात्रा में व्यक्त किया जाता है और इसलिए कोरोनोवायरस के प्रति प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया महिलाओं में बढ़ जाती है। एक और संभावना यह सामने आती है कि लिंग-आधारित अंतर दोनों के जीवन शैली पर भी निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, महिलाओं की तुलना में अधिक पुरुष धूम्रपान करते हैं, साथ ही हम सब यह जानते ही हैं कि धूम्रपान करने से एक व्यक्ति कई बीमारियों (जैसे हृदय रोग, फेफड़ों के रोग और कैंसर) से प्रभावित हो जाता है। इसी वजह से कोरोना वायरस का खतरा पुरुषों में अधिक हो जाता है।
साथ ही जहां हम सभी ने सुना ही होगा कि इस कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु में बुजुर्गों की संख्या ज्यादा है, यानि 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में 63 प्रतिशत मृत्यु हुई है, जबकि 40 से 60 वर्ष की आयु के लोगों में 30 प्रतिशत मृत्यु को देखा गया है और 40 साल से कम उम्र के लोगों में सात फीसदी मृत्यु हुई हैं। लेकिन भारत में संक्रमित हो रहे रोगियों की आयु दूसरे देशों के रोगियों से कम है। जैसे इटली में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों कि औसत आयु 63 थी, वहीं भारत में कोरोनावायरस से हुई पहली मृत्यु में मृतक की आयु लगभग 39 थी। स्वस्थ्य मंत्री द्वारा बताए गए आँकड़े कुछ इस तरह है कि 8.61% मामले 0-20 वर्ष के बीच, 41.88% मामले 21 से 40 वर्ष के बीच, 32.82% मामले 41 से 60 वर्ष के बीच और 16.69% मामले 60 वर्ष से ऊपर के हैं। वहीं पुरुषों की तरह ही महिलाएं भी कोरोनावायरस के संक्रमण के भेदभाव से प्रभावित हो रही हैं। लॉकडाउन (Lockdown) के चलते महिलाओं पर बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल के साथ साथ घर के काम और घर से काम का बोझ भी बढ़ चुका है। साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते घर में काम करने वालों को भी नहीं बुलाया जा सकता है। भले ही पति और पत्नी दोनों घर से काम कर रहे हों, लेकिन भारत में घर के काम को लेकर मौजूदा भेदभाव की वजह से घर के कामों का सारा भार महिलाओं द्वारा पूरी तरह से वहन किया जाएगा। वहीं लोगों में बढ़ती घरेलू हिंसा को लेकर भी कई चिंताएँ उभर रही हैं। कोरोनावायरस की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण महिलाओं के लैंगिक और पुनस्र्त्पादक स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ प्रसवपूर्व और प्रसव के बाद की देखभाल बाधित हो रही है।
चित्र(सन्दर्भ):
1. इस लेख के मुख्य चित्र में महिला और पुरुषों के लिए प्रयुक्त होने वाले संकेत चित्र के मध्य कोरोना शेल्स को दिखाया गया है, जो पुरुष और महिलाओं में कोरोना के विभिन्न अनुपातों को प्रस्तुत कार रहा है।
2. इस लेख के दूसरे चित्र में हमारे डी.एन.ए. संरचना के अंतर्गत आने वाले X क्रोमोसोम को प्रदर्शित किया गया है।, Wikimedia Commons
3. इस लेख के अंतिम चित्र में एक महिला को मास्क के द्वारा कोरोना से संरक्षण हेतु मास्क के साथ दिखाया गया है।
संदर्भ :-
1. https://bit.ly/2VoXhUX
2. https://www.thelancet.com/journals/lancet/article/PIIS0140-6736(20)30823-0/fulltext
3. https://www.bbc.com/future/article/20200409-why-covid-19-is-different-for-men-and-women
4. https://bit.ly/34T54xq
5. https://www.livemint.com/news/india/who-are-india-s-covid-19-patients-11586241562779.html
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