पृथक स्थानों (isolating places) के रूप में देखे जा रहे गेटेड समुदाय (gated communities)

नगरीकरण- शहर व शक्ति
07-04-2020 05:00 PM
पृथक स्थानों (isolating places) के रूप में देखे जा रहे गेटेड समुदाय (gated communities)

कोरोना विषाणु (corona virus) के संक्रमण से बचने के लिए राष्ट्रीय तालाबंदी (National lockdown) की घोषणा, भारतीय इतिहास का एक अभूतपूर्व निर्णय बन गया है। हालांकि स्वास्थ्य सुरक्षा जोखिम के जवाब में यह आपातकालीन उपाय किया गया है, किंतु यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने एक भयावह स्थिति का सामना करने के लिए इस प्रकार का असाधारण उपाय करने का फैसला लिया है। लॉकडाउन (lockdown) पूरे मानव इतिहास में विभिन्न रूपों में और विभिन्न कारणों से मौजूद रहा है, चाहे वह एक महामारी को रोकने के लिए हो, या फिर आतंकवाद या तकनीकी आपदाओं से लड़ने के लिए। जहां कोविड-19 (COVID-19) जैसी महामारी के खतरों से बचने के लिए डॉक्टरों, नर्सों, फार्मासिस्टों (pharmacists) और राज्य संस्थानों की मदद ली गयी है, वहीं आइसोलेशन (isolation), क्वारेंटीन (quarantine) और लॉकडाउन (lockdown) जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का भी लंबे समय से उपयोग किया जाता रहा है। स्वास्थ्य और शुद्धता के मद्देनजर ही आधुनिक समय में सीमाओं (boundaries), क्वारेंटीन और गेटेड समुदायों (gated communities) के निर्माण को मंजूरी दी गयी तथा प्रशासित किया गया। एक गेटेड समुदाय, नियंत्रित पहुंच वाला एक आवासीय क्षेत्र है, जिसका उपयोग निवासियों की गोपनीयता और सुरक्षा की रक्षा के लिए किया जाता है। उनका उपयोग अक्सर मशहूर हस्तियों और अमीर लोगों द्वारा किया जाता रहा है, ताकि वे अपने घरों की रक्षा कर सकें तथा स्वयं को प्रेस (press) आदि की नज़रों से बचा सकें। नवंबर 2002 में चीन में सार्स (SARS) के प्रकोप ने लगभग 5,300 से अधिक लोगों को संक्रमित किया, जिसमें 349 लोग मारे गए। इससे निपटने के लिए चीनी सरकार ने गांवों, अपार्टमेंट (apartment) परिसरों और विश्वविद्यालय परिसरों को बंद करने और हजारों लोगों को कारावास में डालने जैसे कठोर उपाय किये। 2003 में एक व्यापक महामारी नियंत्रण योजना के तहत उन्होंने लॉकडाउन नीति को अपनाया, जिसका प्रयोग आज 2020 में कोरोना विषाणु के प्रकोप से बचने के लिए भी किया जा रहा है। इसके अलावा आइसोलेशन, क्वारेंटीन जैसे उपायों को भी अपनाया गया है।

जहां पहले गेटेड समुदायों का अन्य स्थानों और समुदायों के साथ संबंधों पर ही विचार किया जाता था, वहीं अब गेटेड समुदायों पर बढ़ते शोध ने उनके अन्य स्थानों और समुदायों के साथ संबंधों पर विचार करने के बजाय उन्हें एक बड़े पैमाने पर पृथक (isolated) और पृथक स्थानों (isolating places) के रूप में देखा या माना है। गेटेड समुदाय विशाल घेरों (enclosure) के माध्यम से बाहरी दुनिया से खुद को अलग कर सकते हैं। अपने स्वयं के अन्तःक्षेत्र के भीतर ये निवासी अपनी स्वयं की शासन प्रणाली के अंतर्गत रहते हैं, जो उन्हें 'असुरक्षित' बाहरी दुनिया से बचने में सक्षम बनाता है। इस प्रकार से इन क्षेत्रों में संक्रमण की सम्भावना बहुत कम हो सकती है। यदि इन उच्च और मध्यम वर्ग के निवासियों को ऐसा आवास या स्थान उपलब्ध न हो तो उनकी असुरक्षा की भावना बढ़ती जाती है। सुरक्षा की कमी या असुरक्षा की तीव्र भावना सुरक्षा प्रौद्योगिकी और गार्ड (guard) के लिए एक बाजार बनाकर निजी क्षेत्रों की मदद करता है। गेटेड समुदायों में रहने वाले निवासियों का यह नुकसान है कि वे सामाजिक-सांस्कृतिक रूप से अलग हो जाते हैं। एक स्थायी विश्ववादी पर्यावरण (sustainable cosmopolitan environment) के लिए अलग-अलग समुदायों के सम्पर्क में आना आवश्यक होता है, किंतु गेटेड समुदायों में रहने वाले निवासी, ऐसे लोगों के सम्पर्क में नहीं आ पाते जो उनसे अलग हैं। गेटेड अंतः-क्षेत्रों से बाहर की दुनिया को यहां के निवासियों द्वारा गैर, अप्रत्याशित और असुरक्षित माना जाता है। गेटेड समुदायों में यदि निवासियों की संख्या बढ़ती है, तो इस बात की संभावना भी बढ़ जाएगी कि शहरी नीति निर्माता और शहरी सरकारी नौकरशाह भी ऐसे अंतः-क्षेत्रों में रहने लगेंगे। जब उन्हें शहरी गतिशीलता जहाँ विभिन्न जाति और आय समूह शामिल होते हैं, में अंतर्दृष्टि की कमी होती है तो यह उनके स्वयं के मध्य और उच्च-श्रेणी के मानकों में उनके विश्वास को मजबूत करेगा। यह संभव है कि अगर इन मानकों को शहरी नीतियों में शामिल किया जाए, तो उन्हें समाज के अन्य वर्गों, जैसे कम आय वाले और जातीय समूहों की गतिशीलता के साथ जोड़ा जा सकेगा। शहरी शासन के ढांचे के भीतर, ‘अपने आप स्वयं करो दृष्टिकोण’ (फेंसिग- fencing, स्व-शासन) अच्छी तरह से फिट (fit) बैठता है, लेकिन शहरों को अलग करने के खतरे को वहन करता है।

गेटेड समुदाय को एक सक्रिय शहरी एजेंट्स (agents) के रूप में देखा जाता है, जो स्थानीय राजनीतिक अभिनेताओं के साथ अन्योन्याश्रित संबंध स्थापित करके शहरी स्थान और राजनीति या शासन को बदल सकते हैं। वे बड़े सामाजिक-राजनीतिक संघर्ष के प्रतिबिंब भी हैं, जो स्थानीय राजनीति में हस्तक्षेप करते हैं। गेटेड समुदायों की मुख्य विशेषता यह है कि सुरक्षा की दृष्टि से ये क्षेत्र अत्यंत उपयोगी हैं। भारत में ऐसे कई बड़े अपार्टमेंट्स हैं, जहां के निवासी एक दूसरे को मुश्किल से जानते हैं। किंतु कोरोना महामारी के लॉकडाउन ने उन्हें एक निर्बाध अनुभव सुनिश्चित करने के लिए एक साथ ला दिया है। इन समुदायों में किसी भी चिकित्सा, कानूनी मुद्दों को ध्यान में रखने के लिए डॉक्टरों, कानूनी पेशेवरों आदि की टीम का गठन किया गया है, जो संक्रमण से बचाव में निवासियों की सहायता करेगी। संक्रमण के भय को कम करने हेतु सुरक्षा गार्ड, रखरखाव सहायकों की संख्या को कम करने के साथ-साथ सभी गैरजरुरती वस्तुओं की डोरस्टेप डिलीवरी (doorstep delivery) को भी रोक दिया गया है।

संदर्भ:
1.
https://www.livemint.com/news/india/life-lessons-from-the-history-of-lockdowns-11585312953744.html
2. https://bit.ly/2yHEaMR
3. https://bit.ly/2Ri8Pa0
4. https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S0016718511002089
चित्र सन्दर्भ:
1.
Prarang Archive(दिया गया दृश्य सीताराम द्वारा बनाया गया रामपुर के राजसी द्वार का चित्र है।)
2. 99acres.com - Rampur Estate
3. Prarang Archive

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.