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इस पृथ्वी पर अनेकों प्रकार के जीव जंतु पाए जाते हैं जो यहाँ की पारिस्थितिकी तंत्र आदि के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण हैं। ये जीव पृथ्वी पर पाताल से लेकर ज़मीन आसमान आदि तक पाए जाते हैं। इन तमाम स्थानों पर पाए जाने वाले जीवों का महत्व इस धरा पर अलग ही है। इस लेख में हम जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर उंचाई पर रहने वाले जीव जीवनयापन कैसे करते हैं। इस लेख में भारत में भी पाए जाने वाले उंचाई पर रहने वाले जीवों के बारे में भी चर्चा करेंगे।
जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण बिन्दुओं में से सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है जीवन जीने की कला। लाखों करोड़ों साल से हो रहे परिवर्तनों के कारण ये जीव अनेक परिस्थितियों में रहने के लिए एकदम सटीक रूप से विकसित हो चुके हैं। जीवों के मध्य में होने वाले परिवर्तनों से ये उंचाई, समतल, विभिन्न मौसम आदि में रहने के आदि हो गए हैं। उंचाई पर रहने वाले जीवों में कुछ ही स्तनधारी हैं जैसे कि याक (Yak), तिब्बती गज़ेल (Tibetan Gazelle), पर्वत बकरी आदि और वहीं कुछ पंछी भी ऐसे हैं जो इस माहौल में रहने के योग्य हो गए हैं।
जिस प्रकार से हम मनुष्यों में देखते हैं कि पहाड़ी पर रहने वाले मनुष्य समतल में रहने वाले मनुष्यों से शारीरिक रूप से भिन्न दिखाई देते हैं, वैसे ही पहाड़ी पर रहने वाले जीव कद काठी में समतल पर रहने वाले जीवों से भिन्न प्रतीत होते हैं। प्राकृतिक रूप से इन जीवों की बनावट भी इसी प्रकार से ढल चुकी है कि ये तमाम मौसम के अनुरूप शरीर को बदलते रहते हैं। उदाहरण के लिए याक को लिया जा सकता है जो कि पहाड़ी के ऊपर रहते हैं और साथ ही इनके शरीर पर बाल भी रहते हैं जो कि पहाड़ी के ऊपर ठण्ड से लड़ने के लिए उपयुक्त है।
उंचाई पर सूर्य की रोशनी, ठंडी हवाएं, ओक्सिजन (Oxygen) आदि की तीव्रता और कमी दोनों दिखाई देती है जो कि सांस लेने में भी बाधक होती है। तिब्बत की लम्बवत पठार एक ऐसा माहौल बनाती है जहाँ पर जीने की कल्पना करना एक अत्यंत ही कठिन कार्य है। हिमालय की तलहटी पर करीब 340 से अधिक जीवों और पंछियों की प्रजातियाँ पायी जाती हैं। बाघ भी भूटान की तलहटी में घूमते हुए दिखाई दे जाते हैं। यहाँ पर लाल लोमड़ी, जंगली बिल्लियाँ, बन्दर, तेंदुए और हिमालयी काले भालू, लाल पांडा आदि भी दिखाई दे जाते हैं। हिमालयी तेंदुए इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में पाए जाते हैं।
ये जीव हिमालय की तलहटी और अत्यंत उंचाई वाले क्षेत्रों में रहते हैं। अध्ययन से यह भी पता चला है कि इनकी शारीरिक संरचना में कुछ बदलाव भी देखा जा सकता है। याक एक ऐसा जीव है जो कि सबसे ऊँचे स्थानों पर पाया जाने वाला एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण जीव है। ये शारीरिक रूप से झबरीले होते हैं तथा ये पालतू गोजाती में गिने जाते हैं। ये जीव 6,000 मीटर की उंचाई तक पाए जाते हैं। ये जीव पहाड़ी इलाकों में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं जिनका दूध आदि यहाँ के लोग पीते हैं। ये जीव अपनी शारीरिक कार्य शैली के लिए जाने जाते हैं।
संदर्भ:
1. http://www.bbc.com/earth/story/20150428-secrets-of-living-high-in-the-sky
2. https://www.discoverwildlife.com/animal-facts/mammals/whats-the-highest-living-land-animal/
3. https://www.earthrangers.com/top-10/top-ten-mountain-animals-at-the-highest-heights/
4. https://en.wikipedia.org/wiki/Organisms_at_high_altitude
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