समयसीमा 234
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 960
मानव व उसके आविष्कार 743
भूगोल 227
जीव - जन्तु 284
ब्रह्मांड कई आश्चर्यचकित कर देने वाले रहस्यों से भरा हुआ है। इन्हीं रहस्यों में से एक रहस्य यह है कि ब्रह्मांड में आखिर कितने तारे मौजूद हैं। जब भी आप रात के वक्त आकाश में मौजूद इन तारों को निहारते होंगे तो यह प्रश्न आपके दिमाग में अवश्य आता होगा कि आखिर आकाश में मौजूद इन तारों की संख्या कितनी है? इस सवाल ने न केवल वैज्ञानिकों बल्कि दार्शनिकों, संगीतकारों आदि को भी अपनी ओर आकर्षित किया है। नग्न आंखों से देखने पर ये आपको कुछ हज़ार दिखाई दे सकते हैं किंतु जब आप इसे एक टेलीस्कोप (Telescope) की मदद से देखेंगे तो कई लाख सितारे आपको नज़र आयेंगे। यह सवाल जितना आसान है इसका जवाब पाना उससे भी अधिक कठिन है। अंतरिक्ष में तारे विशाल समूहों में एक साथ एकत्रित होते हैं। इन विशाल समूहों को आकाशगंगाओं के रूप में जाना जाता है। वह आकाशगंगा जिसमें सूर्य भी सम्मिलित होता है, को मिल्की वे (Milky Way) कहा जाता है। खगोलविदों का अनुमान है कि अकेले मिल्की वे में लगभग 100 हज़ार मिलियन तारे मौजूद हैं। इसके अलावा, और लाखों तारे अन्य आकाशगंगाओं में भी मौजूद हैं। हिप्पार्कस (Hipparcos) ने हमारी आकाशगंगा में लाखों सितारों का मानचित्रण किया है किंतु इससे भी अधिक सितारे हैं जो ब्रह्मांड में मौजूद हैं।
सितारों के संदर्भ में यह भी माना जाता है कि ब्रह्मांड में तारों की गिनती करना पृथ्वी के एक समुद्र तट पर रेत के दानों की संख्या को गिनने की कोशिश करने जैसा है। ब्रह्मांड में कई सारी छोटी आकाशगंगाएं हैं। हमारी आकाशगंगा में कुछ 1011 से 1012 सितारे मौजूद हैं और शायद 1011 या 1012 आकाशगंगाएं भी हैं। इस साधारण गणना से आप पाते हैं कि ब्रह्मांड में 1022 से 1024 सितारे मौजूद हैं। यह केवल एक अपरिष्कृत संख्या है क्योंकि स्पष्ट रूप से सभी आकाशगंगाएं समान नहीं हैं। अक्टूबर 2016 में, विज्ञान में एक लेख ने सुझाव दिया कि अवलोकन योग्य ब्रह्मांड में लगभग 2 ट्रिलियन आकाशगंगाएं हैं जोकि पहले से सुझाए गए आंकड़े के मुकाबले लगभग 10 गुना अधिक है। इस प्रकार से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि पूरे ब्रह्मांड में कितने सितारे मौजूद हो सकते हैं।
यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) के नॉटिंघम विश्वविद्यालय (Nottingham University) में खगोल भौतिकी प्रोफेसर द्वारा यह अनुमान लगाया गया है कि एक आकाशगंगा में औसतन लगभग 100 मिलियन सितारे होते हैं। हालांकि ये संख्या और भी अधिक हो सकती है। जैसे समुद्र तट पर रेत की गहराई अलग-अलग स्थानों में समान नहीं होती है। कोई भी व्यक्तिगत रूप से सितारों को गिनने की कोशिश नहीं कर सकता, इसके बजाय एकीकृत मात्रा को मापा जा सकता है जैसे आकाशगंगाओं की संख्या और उसकी चमक। ईएसए (ESA's) के इन्फ्रारेड स्पेस वेधशाला हर्शेल (Infrared Space Observatory Herschel) ने इंफ्रारेड में आकाशगंगाओं की गिनती करके और इस रेंज में उनकी चमक को मापने में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हर्शल ने पूरे ब्रह्मांडीय इतिहास में सितारों की गठन दर को भी चित्रित किया है। यदि आप अनुमान लगा सकते हैं कि किस दर से सितारे बने हैं, तो आप अनुमान लगा सकेंगे कि आज ब्रह्मांड में कितने तारे हैं। 1995 में, हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) की एक छवि ने सुझाव दिया कि तारों का निर्माण लगभग सात हज़ार मिलियन वर्ष पहले चरम पर पहुंचा। हालांकि खगोलविद इस पर पुनः विचार कर रहे हैं। हबल डीप फील्ड (Hubble Deep Field) छवि को ऑप्टिकल (Optical) तरंग दैर्ध्य में लिया गया था जिससे यह सबूत मिले हैं कि बहुत से शुरुआती तारों के निर्माण को धूमिल बादलों द्वारा छिपा दिया गया था। धूल के बादल तारों को देखने से रोकते हैं और उनके प्रकाश को अवरक्त विकिरण में परिवर्तित करते हैं, जिससे वे अदृश्य हो जाते हैं।
हमारे मिल्की वे में एक हज़ार मिलियन सितारों का अध्ययन करने के लिए 2013 में गैया (Gaia) मिशन लॉन्च किया गया। यह मिशन पांच साल की अवधि में 70 बार अपने लक्षित किये गये एक अरब सितारों की स्थिति, दूरी, चाल और चमक में परिवर्तन का निरीक्षण करेगा। एक अध्ययन के अनुसार 160 बिलियन एलियन (Alien) ग्रह हमारे मिल्की वे गैलेक्सी में मौजूद हो सकते हैं। अध्ययन के अनुसार, हमारी आकाशगंगा में औसतन 100 बिलियन या उससे अधिक सितारे कम से कम 1.6 ग्रहों की मेज़बानी करते हैं, जिससे संभावित विदेशी दुनिया की संख्या 160 बिलियन से अधिक हो जाती है। यह सांख्यिकीय अध्ययन यह बताता है कि अरबों चमकीले सितारे केवल हमारी आकाशगंगा में ही नहीं बल्कि उन ग्रहों में भी मौजूद हैं जिनकी जानकारी हमें अभी तक नहीं है। इन ग्रहों में जीवन की तलाश के लिए खगोल विज्ञानिकों द्वारा सबसे प्रसिद्ध प्रयास किया गया है जिसे डार्क इक्वेशन (The Dark Equation) के नाम से जाना जाता है।
संदर्भ:-
1. https://bit.ly/2Thvjd1
2. https://www.space.com/26078-how-many-stars-are-there.html
3. https://www.space.com/14200-160-billion-alien-planets-milky-galaxy.html
4. https://bit.ly/2uEiMpz
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.