कैसे कार्य करता है मैत्री विरोधाभास (Friendship Paradox)?

विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा
25-09-2019 01:01 PM
कैसे कार्य करता है मैत्री विरोधाभास (Friendship Paradox)?

हमारे जीवन में कई ऐसी घटनाएं होती हैं जिन पर विश्वास कर पाना प्रायः असम्भव होता है या फिर वे हमें गलत प्रतीत होती हैं किंतु वास्तव में अगर देखा जाए या विश्लेषण किया जाए तो हम पायेंगे कि यह सत्य था। इस परिस्थिति को विरोधाभास के नाम से जाना जाता है जो हमारे जीवन में अक्सर हमें देखने को मिलती है। इसका एक उदाहरण हम अपने मित्रों को संदर्भित करते हुए ले सकते हैं। उदाहरण के लिए अधिकतर लोगों के पास अपने मित्रों के मुकाबले कम मित्र होते हैं। इस विरोधाभास को मैत्री विरोधाभास या फ्रेंडशिप पेराडॉक्स (Friendship paradox) कहा जाता है।

मैत्री विरोधाभास के अस्तित्व की पुष्टि 1991 में समाजशास्त्री स्कॉट फेल्ड द्वारा की गयी थी जिन्होंने सामाजिक तंत्र की संरचना का अध्ययन करते हुए पता लगाया कि किसी न किसी तरह हर व्यक्ति अपने दोस्तों की तुलना में कम लोकप्रिय होता है। वास्तव में इस विरोधाभास के पीछे कुछ गणितीय औचित्य है जो यह बताता है कि औसतन, आपके दोस्तों के पास आपकी तुलना में अधिक दोस्त हैं। यह थोड़ा अजीब लग सकता है क्योंकि यह हर किसी के लिए सच नहीं हो सकता है। किंतु वैज्ञानिक दृष्टि से यह सत्य है कि औसतन लोगों का एक छोटा अंश अपने दोस्तों की तुलना में अधिक लोकप्रिय होता है, और एक बड़ा अंश अपने दोस्तों की तुलना में कम लोकप्रिय होता है।

विज्ञान के दृष्टिकोण से यह विरोधाभास उन सभी लोगों के कारण होता है, जो विशेष रूप से सामाजिक हैं। अधिकांश लोगों के कुछ ही करीबी दोस्त होते हैं जबकि ऐसे बहुत कम लोग हैं जो बहुत सारे दोस्त बना पाने में सक्षम होते हैं। ये ही लोग इस विरोधाभास के कारक होते हैं क्योंकि, बहुत सारे दोस्तों वाले लोग आपके दोस्तों में भी शामिल हो सकते हैं। एक बार जब वे आपके दोस्त बन जाते हैं, तब वे आपके दोस्तों के पूरे समूह की औसत संख्या के भी सम्पर्क में आ जाते हैं और उनके दोस्त बन जाते हैं। इसलिए औसतन आपके सभी दोस्तों के दोस्तों की संख्या आपके दोस्तों की संख्या की तुलना में अधिक हो जाती है। इसे नीचे दिए गये ग्राफ (Graph) के माध्यम से भी समझा जा सकता है। एक किनारा दो लोगों को आपस में जोड़ता है यदि वे एक दूसरे के दोस्त हैं।

दोस्ती का विरोधाभास सोशल मीडिया (Social media) के संदर्भ में भी लागू होता है। शोधकर्ताओं ने 58 लाख उपयोगकर्ताओं की 20 करोड़ ट्वीट्स (Tweets) का विश्लेषण किया और प्रत्येक व्यक्ति के फॉलोवर (Followers) और फॉलोइंग (Following) को भी गिना। उन्होंने क्लिक (Click), रीट्वीट (Retweet), लाइक (Like), आदि को देखकर प्रत्येक उपयोगकर्ता के सामाजिक प्रभाव को भी मापा। विरोधाभास ने ट्विटर (Twitter) पर भी वास्तव में उसी तरह कार्य किया जैसे कि वह वास्तविक जीवन में करता है। लोग अधिकतर उस व्यक्ति का अनुसरण कर रहे थे जिसकी लोकप्रियता अधिक थी तथा वे अन्य दोस्तों से भी जुड़ा हुआ था। इसका मतलब यह है कि, आपके द्वारा अनुसरण किए जाने वाले लोग आपसे अधिक लोकप्रिय हैं।

दोस्ती विरोधाभास केवल लोगों को दूसरों की तुलना में कम लोकप्रिय महसूस कराने के लिए ही नहीं है। यह वास्तव में दवा के संदर्भ में भी उपयोगी अनुप्रयोग है, विशेष रूप से किसी बीमारी के प्रकोप को पहचानने के लिए। उदाहरण के लिए एक कॉलेज के छात्रों के एक यादृच्छिक समूह के दोस्त, यादृच्छिक समूह की तुलना में पहले बीमार हो गए थे। इस प्रकार, दोस्ती विरोधाभास को लागू करके और यादृच्छिक लोगों के दोस्तों को देखकर पहले ही संक्रमण के प्रकोपों की पहचान कर पाना संभव हो सकता है।

संदर्भ:
1.
https://www.alexirpan.com/2017/09/13/friendship-paradox.html
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Friendship_paradox
3. https://metro.co.uk/2016/05/21/the-friendship-paradox-why-all-of-your-friends-have-more-friends-than-you-5896771/
4. https://mathsection.com/friendship-paradox/

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