प्रत्येक मानव में पाई जाती है आनुवंशिक भिन्नता

डीएनए
16-09-2019 01:38 PM
प्रत्येक मानव में पाई जाती है आनुवंशिक भिन्नता

पौधों, जन्तुओं एवं सूक्ष्मजीवों सहित विभिन्न प्रकार के जीवधारी, जो इस ग्रह पर हमारे सहभागी हैं, संसार को रहने योग्य एक सुन्दर स्थान का रूप प्रदान करते हैं। वहीं सजीव जीवधारी, पर्वतीय चोटियों से लेकर समुद्र की गहराइयों, मरुस्थलों से लेकर वर्षावनों तक लगभग सभी जगहों पर पाये जाते हैं। इनका व्यवहार, आकृति, आकार एवं रंग भिन्न-भिन्न होते हैं। नए शोध से पता चलता है कि मानव आबादी में कम से कम 10% जीन (Gene) डीएनए अनुक्रमों की प्रतियों की संख्या में भिन्न हो सकते हैं। यह खोज वर्तमान की इस सोच को बदल देती है कि किन्हीं भी दो मनुष्यों का डीएनए सामग्री और पहचान में 99.9% समान होता है।

शोधकर्ताओं ने एशियाई, अफ्रीकी या यूरोपीय वंशों में से 270 लोगों के जीनोम (Genome) का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रत्येक डीएनए के नमूने में औसतन 70 CNV और 2,50,000 न्यूक्लियोटाइड (Nucleotides) का विस्तार पाया है। वहीं सभी समूह में 1,447 अलग-अलग CNV की पहचान की गई, जो सामूहिक रूप से मानव जीनोम के लगभग 12% और किसी भी गुणसूत्र के 6% से 19% का आवरण करता है।

मानव आबादी में किसी भी दिए गए जीन के कई प्रकार हो सकते हैं, इस स्थिति को बहुरूपता कहा जाता है। कोई भी दो मनुष्य आनुवंशिक रूप से समान नहीं होते हैं। यहाँ तक कि मोनोज़ाइगोटिक जुड़वा (Monozygotic Twins- जो एक युग्मज से विकसित होते हैं) में प्रत्येक का विकास और जीन प्रति-संख्या काफी भिन्न होती हैं। 2017 तक, अनुक्रमित मानव जीनोम के कुल 324 मिलियन ज्ञात प्रकार थे। मानव आनुवंशिक भिन्नता के अध्ययन में विकासवादी महत्व और चिकित्सा अनुप्रयोग भी शामिल हैं। यह वैज्ञानिकों को प्राचीन मानव जनसंख्या पलायन को समझने में मदद करता है साथ ही साथ यह इस बारे में भी जानकारी प्रदान करता है कि मानव समूह एक दूसरे से जैविक रूप से कैसे संबंधित है।

मानव जीनोम में ए, सी, जी, और टी के तीन बिलियन प्रातिपदिका जुड़े हुए हैं, जो लगभग 20,000 जीन में विभाजित हैं। उदाहरण के लिए ईस्ट एशियन के घने बाल एक जीन में टी की जगह सी (T to C) के परिवर्तन के कारण होता है। इसी तरह, यूरोप के लोगों की गोरी त्वचा म्यूटेशन SLC24A5 नामक जीन में एक छोटे बदलाव के कारण होती है, जिसमें लगभग 20,000 प्रातिपदिका जोड़ होते हैं।

कुछ अध्ययनों का यह दावा है कि एक यूरोपीय व्यक्ति के जीन उसके वंश को उसके मूल देश से इंगित करने के लिए पर्याप्त होते हैं। लगभग दो दर्जन देशों के लोगों के जीनोम में एकल न्यूक्लियोटाइड पॉलीमोर्फिस्म (Single Nucleotide Polymorphisms) नामक हज़ारों आम जीन के प्रकारों का विश्लेषण करके केसर और नोवम्ब्रे की टीमों ने जीन-भूगोल पैटर्न (Pattern) को उजागर किया है। उनके द्वारा जब जीनोम को उनके देशों के साथ एक ही ग्राफ (Graph) पर रखा गया, तो यूरोप का नक्शा उभर कर सामने आया। स्पैनिश और पुर्तगाली जीनोम का फ्रांसिसी जीनोम के दक्षिण-पश्चिम पर समूह बना, जबकि इतालवी जीनोम स्विस के दक्षिण-पूर्व में उभरा। यह नक्शा इतना सटीक था कि जब नोवम्ब्रे की टीम ने अपने आनुवंशिक "मानचित्र" पर एक भू-राजनीतिक नक्शा रखा, तो आधे जीनोम उनके देश के 310 किलोमीटर के दायरे में आ गए, जबकि 90% 700 किमी के भीतर आ गए।

संदर्भ:
1.
https://www.sciencedaily.com/releases/2006/11/061123115741.htm
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Human_genetic_variation
3. https://www.nationalgeographic.com/magazine/2018/04/race-genetics-science-africa/
4. https://www.newscientist.com/article/dn14631-human-geography-is-mapped-in-the-genes/

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