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किथ- किथ कहे या पांडी, ये एक बच्चों का खेल है जिनका जिक्र मात्र होने से हम अपनी पुरानी यादों में लौट जाते हैं, जब हम इसे खेला करते थे। सच मानिये तो यह सिर्फ खेल नहीं हैं, बल्कि एक एहसास है, जो पल भर में हमें हमारे बचपन से मिला देता है। भारत में किथ किथ एक बहुत लोकप्रिय खेल है, परंतु क्या आप जानते हैं यह खेल दुनिया के अलग अलग हिस्सों में भी प्रसिद्ध है और भिन्न भिन्न नामों से जाना जाता है। तो चलिए इस खेल की उत्पत्ति और इसके विभिन्न नामों पर चर्चा करते हैं।
इस खेल को खेलने के लिये बहुत अधिक जगह की आवश्यकता तो नहीं होती है परंतु इसमें शारीरिक चुस्ती और फुर्ती के साथ साथ संतुलन और सटीकता की भी आवश्यकता होती है। इसे आप सड़कों पर, घर के अंदर या बाहर कहीं भी खेल सकते हैं। भारत में, यह खेल ज्यादातर लड़कियों द्वारा खेला जाता है, लेकिन लड़के भी इस खेल को खेलते हैं। इसे देश के लगभग सभी राज्यों में खेला जाता है। अंग्रेजी में इसे हेपस्काच या स्टापू (Hopscotch or Stapu) कहते है, तमिलनाडु में इसे पांडी, कर्नाटक में कुंटे बिले (Kunte Bille), आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में तोक्कुडु बिल्ला (Tokkudu Billa) तथा कश्मीर में इसे खने (Khane) कहा जाता है। यह खेल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खेला जाता है। फारसी में इसे लानलान (lanlan), फ्रेंच में एस्केरगोट (Escargot) या मेरेल रोंडे (Marelle Ronde) मैक्सिको में बेबेलेक (Bebeleche) तथा जर्मनी, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड में हिमेल और होले(Himmel und Hölle)(जिसका शाब्दिक अर्थ है स्वर्ग और नर्क (Heaven and Hell)) कहा जाता है।
इस खेल को आम तौर पर एक पैर पर खड़े हो कर, एक पत्थर की गिट्टी या मार्कर के सहारे खेला जाता है। इसमें जमीन पर कई ब्लॉक या खाने बनाये जाते हैं (ज्यादातर इन खानों की संख्या 8 होती है।) । खिलाड़ी को शुरुआत में लाइन के पीछे खड़े होकर अपनी पत्थर की गिट्टी को पहले खाने में डालना होता है। तत्पश्चात एक पैर पर उछलते हुए पहले खाने को पार करके दुसरे खाने में जाना होता है। फिर एक पैर से कूदते हुए बाकी खानों को पार किया जाता है ,अंतिम खाने से मुड़ने के बाद एक पैर से कूदते हुए ही वापस दुसरे खाने तक आया जाता है, जहाँ से खिलाडी द्वारा पहले खाने में डाली गयी गिट्टी उठाई जाती है और लौट कर वापस आया जाता है। फिर खिलाडी को दूसरे ब्लॉक में गिट्टी को डालना होता है और ये प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक खिलाड़ी आठवें ब्लॉक तक नहीं पहुंच जाता है। परंतु इस बीच यदि उसकी गिट्टी गलत ब्लॉक में पड़ जाती है या उसका पैर किसी भी लाइन को छु जाता है या खिलाडी अपना संतुलन खो देता है, तो वह खिलाड़ी आउट माना जाता है।
इसकी उत्पत्ति की बात कि जाए तो माना जाता है कि यह खेल शताब्दियों पहले रोमन बच्चों द्वारा एक प्राचीन खेल हेपस्काच (Hopscotch) के रूप में खेला गया था। परंतु इसके रिकॉर्ड 17वीं शताब्दी के समय में अंग्रेजों की दुनिया में देखने को मिलते है, जहां आमतौर पर इन्हें “स्कॉच-हॉप (Scotch-hop) ” या “स्कॉच-हॉपर (Scotch-Hopper) ” के नाम से संबोधित किया गया है। इस खेल का उल्लेख फ्रांसिस विलुग्बी द्वारा 1635 तथा 1672 के बीच संकलित खेलों की एक पांडुलिपि में किया है, इसके अलावा 1677 के पुअर रॉबिन के पंचांग (Almanac) में भी इस खेल को "स्कॉच-हॉपर" के रूप में जाना जाता है। यहां तक कि 1828 में वेबस्टर की एन अमेरिकन डिक्शनरी ऑफ द इंग्लिश लैंग्वेज (An American Dictionary of the English language) ने इस भी इस खेल को 'स्कॉच-हॉपर' के रूप में भी संदर्भित किया था।
संदर्भ:
1. https://www.behtarlife.com/2014/07/kith-kith.html
2. https://bit.ly/2UoKT7n
3. http://www.traditionalgamesindia.com/games-list/hopscotch/
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