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इस विश्व में हर मनुष्य के अपने एक अलग-अलग शौक़ होते हैं, किसी को कुत्ता पालना पसंद होता है तो किसी को अन्य कोई जानवर। ऐसे ही कई लोगों को घुड़सवारी करना पसंद होता है, और वे इसके लिए स्वयं का ही घोड़ा रखना पसंद करते हैं। अक्सर लोग अपने इस शौक़ को पुरा करने के लिए कहीं से और किसी से भी घोड़ा खरीद लेते हैं, और बाद में घोड़े को संभालने में असमर्थ होने पर काफी पछताते हैं। इसलिए घोड़ा खरीदने से पहले निम्न बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
घोड़ा खरीदने से पहले हमें खुद से कुछ सवाल करने चाहिए :
आप घोड़े का किस तरह इस्तेमाल करना चाहते हैं? क्या आपके पास उसको रखने की उपयुक्त जगह है? क्या आपके पास उसकी देखरेख के लिए पर्याप्त समय है (दिन में दो या तीन घंटे और स्थिर रखे गए घोड़ों के लिए ज्यादा)? आप जिस क्षेत्र में रहते हैं, क्या वह घुड़सवारी के लिए उपयुक्त है? अधिकतम आप घोड़े पर कितना खर्च कर सकते हैं?
1) अब आप सोच रहें होंगे कि एक अच्छा घोड़ा खरीदना इतना भी मुश्किल नहीं होता है, किसी भी बड़े हॉर्स शो (horse show) में जाकर, जो घोड़ा लगातार जीतता हो उसे खरीद लो, लेकिन वे घोड़े काफी महंगे होते हैं, जिन्हें खरीदना कई लोगों के सामर्थ्य में नहीं होता है।
2) घोड़ों को उप्युक्त मूल्य और योग्यता से आंकना काफी मुश्किल है। एक घोड़े का कोई निश्चित मूल्य नहीं होता है, घोड़ों की कीमत खरीदार की उत्सुकता और बाजार की मौजूदा प्रतिस्पर्धा पर निर्भर करती है। वहीं कुछ घोड़े, लोगों के लिए समय और फैशन के साथ बदलते रहते हैं, जैसे कि बच्चों के पोनिस (ponies) और जब सब पालोमिनो (palomino) को खरीदने में अपनी उत्सुकता दिखा रहें होते हैं, तो तब एक बेए (bay) को आधी कीमत में खरीदना संभव हो जाता है। हालांकि यह जरुरी नहीं की एक अप्रचलित रंग या लिंग अनिवार्य रूप से एक अच्छा सोदा हो सकता है। कभी कभार किसी अन्य नस्ल के बारे में अधिक जानकारी लेने से आपको अपनी पसंद का भी पता चलता है।
3) साथ ही घोड़े की उपयुक्तता घुड़सवार की कुशलता, उम्र, आकार, ताकत और घोड़े की क्षमता, स्वास्थ्य और चरित्र पर भी निर्भर करती है। वहीं दूसरी ओर घोड़े को बड़ा और शक्तिशाली होना चाहिए, ताकि वो घुड़सवार को आराम से ले जा सके, वहीं इतना भी बड़ा और शक्तिशाली नहीं की घुड़सवार उसे संभाल ही ना सकें।
4) घोड़े का चयन अपनी स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार करें। अगर घुड़सवार ठंडी जगह में रहता है तो अतिसंवेदनशील वाली अच्छी नस्ल को खरीदने का कोई लाभ नहीं है, यदि आप उसे कंबल, जई और दो - तीन घंटे का व्यायाम प्रदान करने में असमर्थ हैं।
5) घोड़े को उन उद्देश्यों के लिए सार्थक होना चाहिए जिसके लिए इसका उपयोग किया जाना है। उदाहरण के लिए, एक घोड़े की घुड़सवारी में शिकार करने के दौरान सांस फूलती होगी, लेकिन वही घोड़ा हाइकिंग के लिए पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
6) सबसे अंतिम और महत्वपुर्ण बात एक घोड़े को खरीदने के बाद आपका उसे पसंद करना स्वाभाविक होगा। लेकिन आप घोड़े से यह अपेक्षा नहीं कर सकते की वह आपको भी जल्द ही पसंद करने लगे। आपका घोड़े के प्रति एक तरफा नियमित सहानुभूति और विश्वास इस साझेदारी को मजबूत करने में मदद करती है।
घोड़े को एक एथलीट (athlete) माना जाता है, तो उसे एक एथलीट जैसा दिखना भी चाहिए। जैसे, रामपुर के गुलवेज खान का घोड़ा रेस जीतने के लिए रामपुर में बहुत लोकप्रिय है। घुड़सवार वाले घोड़े या पोनिस की जांच निम्न है:
• सिर : घोड़े का सिर अधिक लंबा नहीं होना चाहिए। घुड़सवारी करते समय सिर को नियंत्रित करना कठिन हो सकता है।
• आंखें : घोड़े की आंखें बड़ी और चतुर होनी चाहिए। वहीं दयालु घोड़ों की दयालु आँखें होती हैं। घोड़े की प्रत्येक आंख के पास ऊंगली ले जाएं, यदि वह पलक नहीं झपकाता है तो वह अंधा है। संभावित रूप से एक घोड़ा एक मानव की तरह कई दृष्टि दोषों से पीड़ित हो सकता है, और खराब दृष्टि उसे डरपोक बना सकती है, जो घुड़सवार के लिए संभालना कठिन हो सकता है।
• कुम्हलाना : घोड़े का मुख्य हिस्सा और पीठ ज्यादा मोटी नहीं होनी चाहिए, अन्यथा घुड़सवारी करते वक्त सैडल (saddle) की आगे या बग़ल में फिसलने की संभावना ज्यादा हो सकती है।
• पैर : घोड़े के पैर छूने पर मुलायम और शीतल होने चाहिए। एक घोड़ा जो अस्वस्थ ना हो और फिर भी उसके पैर जख्मी और ऊबड़ खाबड़ हैं, तो निश्चित रूप से वह लापरवाह होगा। और यदि उसका कोई पैर बगल में झूलता है तो ऐसे घोड़े को ना खरीदें।
• खुर : घोड़े की खुर गोल और साफ होनी चाहिए। अगर वे बेडौल, ऊबड़-खाबड़, टूटी हुई या फटे हुए हैं तो इसे न खरीदें।
• गर्जन : अस्वस्थता जैसे की गर्जन या सीटी बजाने का विशेष रूप से पता लगाना मुश्किल हो सकता है। इसे सुनने के लिए आप किसी को घोड़े को आपके बगल से गुजारने के लिए बोलकर इस का पता लगा सकते हैं।
• खांसी : अगर घोड़े को एक बार भी खांसी हो, तो उसे न खरीदें। यह शायद उसके गले में धूल के कारण भी हो सकता है, लेकिन खांसी किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती है।
वहीं आप बच्चों के लिए छोटी नस्ल का घोड़ा ले सकते हैं, और सबसे चतुर खरीदारी होती है, देशी पोनी या क्रॉस-ब्रीड (cross breed) की, क्योंकि ये प्राकृतिक रूप से किसी भी जलवायु के अनुकूल होते हैं और किसी भी तरह का आश्रय दिए जाने पर पूरे साल बहुत खुशी से बाहर रह सकते हैं। जब सर्दियों में घास खत्म हो जाती है, तो उन्हें अतिरिक्त चारा देना जरूरी है। बच्चे के लिए समझदार और दयालु पोनी लेनी चाहिए। सात और दस साल की उम्र के पोनी अधिक खरीदे जाते हैं, क्योंकि वे संतुलित करने के लिए आसान होते हैं। लेकिन एक अनुभवी वृद्ध पोनी एक उत्कृष्ट शिक्षक साबित होते हैं।
क्या आपको पता है कि रोहिलखंड क्षेत्र में एक समय घोड़ों के प्रजनन और बिक्री की समृद्ध परंपरा थी, जो मुगल काल से शुरू हुई थी। आज भी रामपुर में घोड़ो की दौड़ लगाई जाती है जिसमें गुल्वेज़ खान का घोड़ा अधिकतर जीतता दिखाई देता है।
घोड़े को स्थानीय अस्तबल से खरीदना एक गलती हो सकती है क्योंकि घोड़े समुह में अच्छे ढंग से व्यवहार करते हैं। या किसी विज्ञापन को देखकर भी खरीदने का ना सोचें क्योंकि विज्ञापन में दिखाई गई घोड़े की सुंदरता वास्तव में उतने सुंदर नहीं होते हैं। इसलिए सही होगा की घोड़े को खरीदते वक्त एक अनुभवी व्यक्ति की मदद लें।
संदर्भ:
1.अंग्रेजी पुस्तक : Silver, Caroline. Guide to the horses of the world. 1976. Elsevier Publishing Projects S.A., Lausanne
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