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दुनिया भर में कई सभ्यताओं का आरम्भ हुआ हैं, तो विनाश भी हुआ हैं। कई देश बने हैं, तो कई गायब भी हुए हैं। कुछ सभ्यताओं के बारे में तो हम जानते है परंतु क्या पता आज भी हम कईयों से अनभिज्ञ हो। कहा जाता है विश्व-इतिहास की शुरुआत मेसोपोटामिया, मिस्र, सिंधु, चीन, यूनान और रोम की सभ्यताओं से होती है। तो चलिये जानते है वर्तमान के शक्तिशाली महाद्वीप यूरोप के इतिहास और वहां की प्रचीन संस्कृतियों के बारे में।
यूरोप में मानव ईसा पूर्व 45000 के आसपास आया और 40000 से 10000 ईसा पूर्व तक तो यहां पर शुक्र मूर्तियों का उत्पादन भी होने लगा था। शोध से पता चलता है कि यूरोप में प्राचीन संस्कृतियां उसी समय में विकसित हुईं थी जब प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया भी स्मारक संरचनाओं के निर्माण में सक्षम थीं। कहा जाता है की 40000 से 28000 ईसा पूर्व तक मानव की औरिगनासियन (aurignacian) संस्कृति यूरोप में फैल गई थी। तथा यहां 30000 से 12000 ईसा पूर्व की गुफाओं में कला के कई नमुने मिलते है। यहां पर 5000 ई.पू. दक्षिण पूर्व यूरोप में पदानुक्रमित समाज उभरे थे। पुरातात्विक जांच के अनुसार लगभग 7,000 साल पहले यूरोप में धार्मिक परिसरों, विशाल धार्मिक केंद्रों और बड़े-बड़े सांप्रदायिक घरों का निर्माण होना शुरू हो गया था। पहले यहां की अर्थव्यवस्था गायों, भेड़ों, बकरियों, और सूअर पालन पर आधारित थी। परंतु 5000 ई.पू. यहां कृर्षि की शुरूआत हुई और 3500 ई.पू. तक पूरे यूरोप में कृर्षि फैल गयी और यहां की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख अंग बन गयी।
कांस्य युगीन सभ्यता (3300-1200 ईसा पूर्व) के समय यहाँ कुछ अधिक बसाव नहीं हुआ - खासकर पूर्व और दक्षिण एशिया की सभ्यताओं के मुकाबले में। यहां पर कांस्य युग की शुरूआत उत्तरी यूरोप से 2000 ई.पू. से हुई थी। कांस्य युग के बाद के भूमध्यसागरीय क्षेत्र के उत्तर में डेन्यूब क्षेत्र में सेल्टिक संस्कृति शुरूआत हुई। सेल्टिक लोगों का समूह यूरोप के उत्तर के कई हिस्सों में रहता था, ये जनजातियां अक्सर पलायन किया करती थी और इसलिए अंततः इसने पुर्तगाल से तुर्की तक के क्षेत्र पर कब्जा किया हुआ था। दक्षिणी यूरोप में 1000 ई.पू. लौह युग प्रारंभ हो गया था, और 700 ई.पू. तक पूरे यूरोप में लोहे का व्यापक उपयोग किया जाने लगा। इसके साथ ही 800 से 600 ईसा पूर्व के प्रारंभिक लौह युग में यूरोप की प्रमुख पश्चिमी और मध्य यूरोपीय हॉलस्टैट संस्कृति (Hallstatt culture) उभरी, जोकि पूरे यूरोप में पनपी। लेकिन 500 ईसापूर्व से यूरोप में रोमन और यूनानी साम्राज्यों का उदय हुआ जिसने यूरोप की संस्कृति को बहुत प्रभावित किया। यूरोप के इतिहास को समझने के लिए इसके महान साम्राज्यों के इतिहास को समझना जरूरी है। जिन्होंने कई लोगों और संस्कृतियों पर विजय प्राप्त की।
यूरोप की महान सभ्यताएँ
यूनान (ग्रीस):
12वीं शताब्दी ईसा पूर्व से 146 ईसा पूर्व तक प्राचीन यूनानी सभ्यता विकसित हुई थी। यह बाल्कन प्रायद्वीप के दक्षिणी क्षेत्रों, आयोनियन सागर के द्वीपों और एशिया माइनर के पश्चिमी तट तक फैल गया। यह एक संयुक्त साम्राज्य नहीं था लेकिन स्वतंत्र राज्यों से बना था, जिनके बीच विभिन्न युद्ध हुए थे। यहां के सबसे महत्वपूर्ण शहर एथेंस, स्पार्टा और थेब्स थे।
इसके इतिहास को चार अलग-अलग कालावधियों में विभाजित किया जा सकता है, जो इस प्रकार हैं:
1. अंधकार युग (12वीं शताब्दी ईसा पूर्व से 8वीं शताब्दी ईसा पूर्व तक): इस युग के बहुत कम साक्ष्य मिलते हैं, इसलिए यह जानना मुश्किल है कि इस युग में क्या-क्या हुआ था। यह युग माइकेनियन सभ्यता के विनाश के साथ शुरू हुआ।
2. पुरातन युग (8वीं शताब्दी ईसा पूर्व से 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व तक): इस अवधि की शुरुआत में, होमर ने दो सबसे प्रसिद्ध ग्रीक महाकाव्यों की रचना की: इलियड और ओडिसी। यह यथार्थ ऐतिहासिक लेख माने जाते थे।
3. शास्त्रीय युग (5वीं शताब्दी ईसा पूर्व से चौथी शताब्दी ईसा पूर्व तक): इसे एथेंस का स्वर्ण युग भी कहा जाता है। इस युग में महत्वपूर्ण सांस्कृतिक विकास हुआ, क्योंकि इस युग में सोफोकल्स और अरस्तूफेन्स जैसे महत्वपूर्ण रंगमंच लेखक प्रमुखता से उभरे। इस युग में पार्थेनन जैसी महान इमारतों का निर्माण किया गया था। इस सदी में यूनानी-फ़ारसी युद्ध भी हुआ, जिसमें यूनानियों ने फारसियों को हराया था।
4. हेलेनिस्टिक युग (चौथी शताब्दी ईसा पूर्व से पहली शताब्दी ईसा पूर्व तक): इस अंतिम युग का प्रारम्भ महान शासक सिकंदर की मृत्यु के साथ शुरू हुआ। 146 ईसा पूर्व में, रोमन ने ग्रीस पर विजय प्राप्त की और इसे अपने साम्राज्य में मिला लिया।
यूनानियों ने प्रभावशाली इमारतों और स्मारकों का निर्माण किया थे। वे बहुदेववाद संबंधी धर्म का पालन करते थे। ज़्यूस सभी देवताओं में सबसे महत्वपूर्ण थे और स्वर्ग तथा बिजली के देवता माने जाते थे।
इटली
इटली में पनपी सबसे प्राचीन संस्कृति रोम थी, जो दक्षिणी और पश्चिमी यूरोप (ब्रिटेन सहित), पश्चिमी एशिया और उत्तरी अफ्रीका तक फैली। किंवदंती के अनुसार, इसे 753 ईसा पूर्व में रोमुलस (Romulus) और रेमस (Remus) द्वारा स्थापित किया गया था। यह साम्राज्य 509 ईसापूर्व तक रहा, जिसमें राजा का चयन वरिष्ठों की सभा द्वारा चुना जाता था। इस साम्राज्य का अंतिम सम्राट लुसिअस टारकिनीस सुपरबस (Lucius Tarquinius Superbus) था।
इनके पतन के बाद रोमन साम्राज्य की स्थापना (29 ईसा पूर्व) की गयी, जिसे कॉन्सल (consuls) द्वारा शासित किया जाता था। इस दौरान इन्होंने सिसिली, इबेरिया, मैसिडोनिया और सेल्यूसीड साम्राज्य (मध्य पूर्व) पर विजय प्राप्त की। पहली शताब्दी ईसा पूर्व तक यहां विभिन्न विद्रोह और गृह युद्ध होने लगे। रोमन साम्राज्य का पहला सम्राट सीज़र ऑगस्टस था तथा अन्य प्रमुख सम्राट ट्राजन, हेड्रियन और मार्कस ऑरेलियस थे। सम्राट थियोडोसियस ने 395 ईस्वी में राज्य को दो भागों में विभाजित कर दिया। जिसमें पश्चिमी रोमन साम्राज्य का 476 में पतन हो गया जबकि पश्चिमी साम्राज्य 1453 तक चला। रोमन साम्राज्य पदानुक्रमित था, जिसके शीर्ष पर कुलीन वर्ग इक्वाइट्स इनके अधीन थे। बहुसंख्यक आबादी, गरीबों की थी, दास अक्सर युद्ध के कैदी हुआ करते थे जिन्हें कोई अधिकार नहीं दिये गये थे। रोमन साम्राज्य में प्रमुखतः लेटिन भाषा बोली जाती थी, जिसमें स्पेनिश, फ्रेंच और इतालवी शामिल थी। उन्होंने प्राचीन ग्रीक धर्म को अपनाया, जिसमें इन्होंने देवताओं के नाम बदल दिये।
स्पेन
9वीं शताब्दी ईसा पूर्व में सेल्ट्स के आगमन तक, विभिन्न लोगों, जैसे इबेरियनों ने स्पेन पर कब्जा कर लिया था। सेल्ट्स की उत्पत्ति एल्प्स में हुई और यह देश के उत्तर और मध्य में तथा साथ ही फ्रांस में बस गए। वे इबेरियन के साथ घुलमिल गए, और तब इनसे सेल्टीबेरिअंस की उत्पत्ती हुई। 1104 ईसा पूर्व में, फोनेशियन पहुंचे और कुछ शहरों की स्थापना की जो वर्तमान में भी हैं, जैसे कि ह्यूएलवा, काडिज़ और मलागा। इन्हें युनानियों ने पराजीत किया, जो मुख्य रूप से कैटेलोनिया में बस गए थे। वहीं तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में, कार्थागियन (Carthaginians) ने कार्टाजेना (Cartagena) की स्थापना की, जिसके बाद रोम के साथ युद्ध शुरू हो गए। रोमनों ने अंततः उन्हें पराजीत कर दिया और पूरे क्षेत्र पर विजय प्राप्त कर ली, जिसे रोम के लोग हिस्पानिया कहते थे। हिस्पानिया ने रोमनकरण को काफी प्रभावित किया, जहां उन्होंने इन लोगों की संपूर्ण संस्कृति को अपनाया। रोमनों के बाद, विज़गोथ्स (Visigoths) 406 ईस्वी में स्पेन में पहुंचे, जो 711 तक रहे, जब मुस्लिम युग शुरू हुआ और अल-अंडालस बनाया गया। 1492 में, क्रिश्चियन रिकोनक्विस्टा (Christian Reconquista) के बाद उनका साम्राज्य ख़त्म हो गया।
आप सभ्यताओं के विकास से संबंधित पुस्तकों का संग्रह रामपुर की रज़ा लाइब्रेरी में भी देख सकते है। रज़ा पुस्तकालय दुनिया का एक शानदार, सांसकिृतक विरासत और ज्ञान का खजाना है। 1774 से 1794 तक रामपुर पर शासन करने वाले नवाब फैजुल्ला खान ने 18 वीं शताब्दी के आखिरी दशकों में प्राचीन पांडुलिपियों और इस्लामी सुलेख के लघु नमूने के अपने निजी संग्रह से पुस्तकालय की स्थापना की। जो अब भारत सरकार के नियंत्रण में है। इसमें लघु चित्र, खगोलीय उपकरण, पांडुलिपियों, ऐतिहासिक दस्तावेजों, इस्लामी सुलेख के नमूने और अरबी और फारसी भाषा में दुर्लभ सचित्र कार्यो का बहुत दुर्लभ और मूल्यवान संग्रह है, तथा लगभग 60,000 मुद्रित किताबों का अनेक भाषाओं में संग्रह भी उपस्थित हैं।
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