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आज-कल के युवा कुछ ही महीनों में फिल्मी हीरो जैसे एट पैक एब्स (eight pack abs) और मस्कुलर (muscular) बॉडी की चाहत में बिना सोचे समझे स्टेरॉयड (जल्द बॉडी बनाबे वाली दवाई) लेना शुरु कर देते हैं। लेकिन शॉर्ट कट (short cut) लेने की एक कीमत भी चुकानी पड़ती है। दरसल स्टेरॉयड, जिसे वैज्ञानिक तौर पर उपचय-एण्ड्रोजन स्टेरॉयड (एएएस) के रूप में जाना जाता है या सामान्य बोलचाल की भाषा में जिसे "स्टेरॉयड" कहा जाता है, एक दवा है जो कि पुरूष लिंग हार्मोन, टेस्टोस्टेरोन (testosterone) और डिहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन (dihydrotestosterone) के प्रभाव का नक़ल करता है। वे कोशिकाओं के भीतर प्रोटीन संश्लेषण में वृद्धि करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सेलुलर ऊतक (एनाबोलिस्म) का विकास होता है, जिससे मांसपेशियों में वृद्धि होती है। परंतु स्टेराइड के इस्तेमाल के कई गंभीर साइड इफेक्ट (side effects) भी हैं। डॉक्टरों का मानना है कि स्टेरॉयड के बहुत से दुष्प्रभाव हैं। इसलिए कभी कोई डॉक्टर इसे लेने की सलाह नहीं देता।
आज कल के जिमों (gyms) में अशिक्षित ट्रेनर (trainer) पैसा कम खर्च करने के चक्कर में युवाओं को गलत स्टेरॉयड लेने की सलाह दे देते हैं। ट्रेनर को खुद को दवा के सटीक कार्य के बारे में कोई जानकारी नहीं होता। वे आसानी से खतरनाक दवाओं को 'गेनिंग टैबलेट्स और कटिंग टैबलेट्स' (gaining tablets and cutting tablets) के रूप में औरों को लेने की सलाह दे देते हैं। ऐसे लोगों को स्टेरॉयड से पड़ने वाले नुक्सान के बारे में नहीं पता होता है। वे सब अशिक्षित जिम ट्रेनर की सलाह मान कर स्टेरॉयड का सेवन करने लगते है। ऐसे लोग कुछ गलत धारणाओं के चलते भी “स्टेरॉयड का सेवन सुरक्षित है” ये मान कर इसका उपयोग बेफिकर होकर करने लगते हैं। चलिये जानें कैसे:
1. चूंकि टेस्टोस्टेरोन शरीर में स्वाभाविक रूप से उत्पादित होता है, इसलिए कई लोग सोचते हैं कि टेस्टोस्टेरोन के इंजेक्शन सुरक्षित है।
परंतु ऐसा नहीं है बाहरी रूप से किसी भी हार्मोन स्रोतों के उपयोग के परिणामस्वरूप शरीर में उस हार्मोन का प्राकृतिक उत्पादन बंद या कम हो जाता है।
2. ओरल टैबलेट्स स्टेरॉयड नहीं हैं- आजकल युवाओं में ये गलत धारणा बहुत है कि ओरल टैबलेट्स मल्टी-विटामिन है ना की स्टेरॉयड।
जबकि ऐसा नहीं है, ऐनबालिक स्टेरॉयड इंजेक्शन, ओरल टैबलेट्स और यहां तक कि क्रीम (cream) और जेल (gel) के रूप में फार्मेसियों (Pharmacies) में उपलब्ध हैं।
3. बहुत कम स्टेरॉयड चक्र पूरी तरह से सुरक्षित होते है- लोग सोचते हैं कि स्टेरॉयड 4 सप्ताह तक लेकर और फिर चक्र को लगभग 1 महीने तक बंद कर देंगे और फिर से शुरू कअरेंगे।यह तरीका सुरक्षित है, लेकिन चाहे आप इसे 4 सप्ताह ले या 4 महीने के लिए ले, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। इसके पहले सेवन से ही अपके शरीर की सामान्य हार्मोनल प्रोफाइल गड़बड़ा जाती हैं।
4. नैंड्रोलॉन डेकेनोट (डेका) का उपयोग पूरी तरह से सुरक्षित है।
कृपया याद रखें की यदि नैंड्रोलॉन डेकेनोट सफलतापूर्वक उपयोग एनीमिया (anaemia) और गठिया के इलाज के लिए किया जा रहा है, तो यह उन लोगों के लिए सुरक्षित है जो इसे इलाज केलिए लेते हैं। डॉक्टर आमतौर पर इस दवा का सेवन करने की सिफारिश नहीं करते हैं।
इसके दुष्प्रभाव को देखते हुए जिमों में एनाबॉलिक स्टेरॉयड का उपयोग अवैध है। परंतु इन जिमों की गतिविधियों की निगरानी करने के लिए कोई नियामक ढांचा नहीं होने के कारण इनके उपयोग की सलाह दी जाती है। क्योंकि इस तरह की दवाओं की खुली बिक्री को नियंत्रित करने के कानून बहुत सख्त नहीं हैं इसलिये यह आसानी से मिल भी जाती है।
मथुरा निवासी अजय कुमार ने भी जिम प्रशिक्षक की सलाह पर गलत बॉडीबिल्डिंग सप्लीमेंट्स ले लिये, जिसका खामियाजा उनको अस्पताल जाकर भुगतना पड़ा। दरसल 23 वर्षीय इस युवा को बॉडीबिल्डिंग शौक था, और इसे जल्दी पाने के चक्कर में उसने एनाबॉलिक स्टेरॉयड का सहारा लिया जिसके चलते वे गंभीर घुटने के रोग (स्पॉन्टेनियस ऑस्टोनेक्रोसिस ऑफ द् नी Spontaneous Osteonecrosis of the Knee (SONK)) से पीड़ित हो कर अस्पताल में है। डॉक्टरों का कहना है कि केवल सर्जरी से ही उन्हें चलने में मदद मिल पाएगी।
स्टेरॉयड सेवन से और भी कई अन्य रोग होते हैं। एनाबॉलिक स्टेरॉयड उपयोग के प्रतिकूल प्रभाव उत्पाद, उपयोगकर्ता की उम्र और लिंग, कितना उपयोग करते हैं और कितने समय तक करते हैं? इस बात पर निर्भर करते हैं। सामान्य खुराक में लेने एनाबॉलिक स्टेरॉयड के निम्नलिखित दुष्प्रभाव हो सकते हैं:
1. हड्डियों का भुरभुरा होना
2. कूल्हों का खत्म हो जाना
3. पुरुषों में शुक्राणु उत्पादन में कमी, नपुंसकता और बांझपन, स्तनों का बढ़ना आदि
4. गंजापन
5. मुहासों का होना
6. महिलाओं में चेहरे और शरीर के बालों का बढ़ना, आवाज में बदलाव, मासिक धर्म और प्रजनन समस्याओं का बढ़ना, स्तन का आकार कम होना आदि
7. मूड स्विंग होना
8. हृदय संबंधी प्रभाव
9. हृदय का बड़ा होना
10.यकृत संबंधी प्रभाव
11.“खराब” केलोस्ट्रोल का बढ़ना
12.उचित ग्रोथ में रूकावट आदि
संदर्भ:
1. https://www.mensxp.com/health/body-building/36594-the-ugly-truth-misconceptions-about-steroid-use-abuse-in-desi-indian-gyms.htmlA. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
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