आजीविका का आम स्रोत्र बकरी पालन

शारीरिक
27-08-2018 12:50 PM
आजीविका का आम स्रोत्र बकरी पालन

किसानों की आजीविका पशुपालन और खेती इन्हीं दोनों के आस-पास घूमती है। खेती कम होने के कारण किसानों की आजीविका का मुख्य साधन पशुपालन बन गया है। आज कम लागत और ज्यादा आमदनी वाले भेड़ और बकरी पालन व्यवसाय से देश के लाखों परिवार जुड़े हुए हैं, छोटे पशु होने के कारण इसके रख-रखाव का खर्च भी कम होता है। इसके आहार का प्रबंधन करना भी आसान होता है। इनका पालन मांस के साथ-साथ ऊन, खाद, दूध, चमड़ा, जैसे कई उत्पादों के लिए किया जाता है।रामपुर जिले में लगभग 1,19,753 बकरियों की संख्या है।

बकरी ईद के समय में बकरियों के व्यवसाय में काफी इजाफा देखने को मिलता है, इस समय बकरियों की कीमत आसमान छुनें लगती है। इनकी कीमत 5,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक हो सकती है, यह इनके वजन और आकृति व आकार आधार निर्धारित होता है। अब तक की सबसे महंगी बकरी 1.05 लाख रुपये में बेची गयी थी। देश में प्रमुख रूप से बकरियों और भेड़ों की जो नस्लें पायी जाती हैं, उन सभी का वर्णन करना संभव नहीं है। परंतु कुछ महत्वपूर्ण विशेष किस्म हैं जो मुलायम ऊन, मांस तथा दुध आदि के उत्पादन के बहुत प्रसिद्ध हैं:

जैसे दुधारू बकरियों की नस्ल में सबसे प्रमुख है जमुनापारी, जो रामपुर तथा उत्तर प्रदेश के विस्तृत क्षेत्रों में मिलती हैं। यह औसतन 2-4 किलो प्रति दिन दुध उत्पादन करती हैं, और इनके दुध में वसा की मात्रा 4.0% तक होती है। यह अन्य नस्लों की तुलना में सबसे ऊँची तथा लम्बी होती हैं। कुछ विशेष किस्म की बकरियां हरियाणा और पंजाब में पायी जाती हैं, जो जमुनापारी बकरियों जैसी लगती हैं परन्तु ऊँचाई एवं वजन की तुलना में थोड़ी छोटी होती हैं, वे हैं- बारबरी और बीटल बकरी। इसी प्रकार ब्लैक बंगाल, सुर्ती, मारवाड़ी, मेहसाना, सिरोही, अंगोरा आदि भारत की बकरियों की मुख्य नस्लें हैं।

अधिकतर भेड़ें शुष्क, पर्वतीय प्रदेशों, या पथरीली क्षेत्रों में होती हैं। भारत में भेड़ों की कुछ ऐसी नस्लें हैं जिनका उपयोग मांस, ऊन और दूध के व्यवसायों में प्रमुख रूप से किया जाता है, जैसे तमिलनाडु के सेलम और कोयम्ब्टूर जिले में पायी जाने वाली मेचेरी, तमिलनाडु की चेन्नई रेड, कोयम्बटूर और नीलगीरी, कर्नाटक के मांडया जिले की मांड्या, राजस्थान के जोधपुर में पाई जाने वाली मारवाड़ी तथा जम्मू के किश्तवार की गद्दी आदि नस्लें प्रमुख हैं।

संदर्भ:

1.http://www.agritech.tnau.ac.in/expert_system/sheepgoat/breeds.html
2.https://www.agrifarming.in/indian-goat-breeds-information-guide/
3.http://goatindia.com/category_goat-breeds.html
4.https://timesofindia.indiatimes.com/city/mumbai/for-bakri-eid-elite-opt-for-farm-bred-goats-over-deonar/articleshow/60299760.cms
5.http://dcmsme.gov.in/dips/19%20dips%20rampur.pdf

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