सांप सीढ़ी के खेल से लुप्त जानवर और उनका महत्व

हथियार व खिलौने
20-08-2018 12:41 PM
सांप सीढ़ी के खेल से लुप्त जानवर और उनका महत्व

वैसे तो हम सभी ने बचपन मे सांप-सीढ़ी का खेल खेला ही है। खासतौर पर बच्चों को ये खेल बहुत पसंद होता है। परंतु क्या आपको पता था कि इस खेल का उद्भव भारत में हुआ था? साथ ही आज जैसा स्वरूप इसका दिखता है, सालों पहले ये उससे बिल्कुल अलग था। जिस प्रकार का रूप आप इस खेल का आज देखते हैं वो इसका बदला हुआ रूप है।

प्राचीन भारत में मूल रूप से इस खेल को ज्ञान चौपड़, मोक्षपट या मोक्ष पटामु के नामों से जाना जाता था। हालांकि भारतीय सांप और सीढ़ी खेल वास्तव में "जैन" धर्म से उत्पन्न हुआ है, न कि हिंदू और बौद्ध। अनुमान लगाया जाता है की इसे दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से खेला जाता आ रहा है वहीं कुछ लोगों का मानना है कि स्वामी ज्ञानदेव ने इस खेल को 13वीं शताब्दी में बनाया था। इस खेल को बनाने का मुख्य उद्देश्य बच्चों को कर्म और काम की शिक्षा देना था।

न्यूयॉर्क के रोज़ राइट ने अपनी एक किताब में बाताया है कि प्राचीन सांप-सीढ़ी के खेल में 7 सीढ़ियां अच्छे कर्म को दर्शाती थीं वहीं 13 सांप हमारे बुरे कर्म को दर्शाते थे, अर्थात पुराने खेल में सांपों की संख्या सीढ़ियों से अधिक होती थी। मूल भारतीय खेल और यूके/कनाडा/यूएस के सांप और सीढ़िय खेल के बीच महत्वपूर्ण अंतर यह है कि प्रत्येक बुराई (सांप) भारतीय संस्करण में एक विशिष्ट पशु (विशेषता) से संबंधित होती थी। संस्कृत में बहुत सी पशु या पंचतंत्र कथाएं हैं, जो इन जानवरों की विशेषता को जिंदा रखती हैं। हिंदू/जैन/बौद्ध अर्थात वैदिक/भारतीय धार्मिक शिक्षाओं में नैतिकता को पढ़ाने में ये कहानियां और पशु लिंक बहुत महत्वपूर्ण है। यह प्रारंभिक शिक्षा में अंत:स्थापन मूल्य का एक रूप है। आज हम आपको प्रत्येक जानवर के वास्तविक अर्थ को बताते है-
13 बुराई-
1. हत्या - बाघ
2. अवज्ञा - गधा
3. चोरी - कौआ/रैवेन
4. अशुद्धता - कुत्ता
5. गुस्सा - सुअर
6. द्वेष - उल्लू
7. झूठ बोलना - चूहा
8. मद्यासक्त - मछली
9. गुमान - मोर
10. अहंकार - घोड़ा
11. वासना - बिल्ली
12. ऋण - बैल / गाय
13. लालच – बंदर

7 नैतिक सदगुण
1. विश्वास - मानव जाति
2. दृढ़ता - तपस्वी का स्वर्ग
3. दान देना - इंद्र का स्वर्ग
4. भक्ति - विष्णु का स्वर्ग
5. सदाचरण - महान स्वर्ग
6. करुणा - मानवों का स्वर्ग
7. ज्ञान - ब्रह्मा का स्वर्ग

उन्नीसवीं शताब्दी में मिल्टन ब्रेडले और इसके बाद की अंग्रेजी, कैनेडियन और अमेरिकी कंपनियों के द्वारा बनाये गये बोर्ड-गेम के संस्करणों ने इस प्राचीन खेल की जगह ले ली। अब ये खेल थोड़ा आसान हो गया है, क्योंकि अब इसमें धार्मिक संदेशों तथा विशिष्ट पशुओं को हटा दिया गया है। इसमें सांप और सीढ़ियों की संख्या भी सामान है। आज, अधिकांश लोग बोर्ड गेम के इस विदेशी संस्करण का उपयोग करते हैं, और विशिष्ट पशुओं के साथ लगभग 1600+ साल पुराने मूल खेल का अस्थित्व बस संग्रहालय और प्राचीन दुकानों तक ही सीमित रह गया है।

संदर्भ:

1.https://www.ancient-origins.net/history-ancient-traditions/origin-snakes-and-ladders-moral-guide-vice-and-virtue-0010012
2.http://existentialcomics.com/comic/113

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