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भूगोल 227
जीव - जन्तु 284
महाभारत को विश्व के सबसे महान काव्यों में से एक माना जाता है। महाभारत मात्र काव्य होने के साथ-साथ धार्मिक पुस्तक और इतिहास का श्रोत भी है। यह कहना कतिपय गलत नहीं होगा कि महाभारत प्राचीन काल के भारत के भूगोल को सही प्रकार से प्रस्तुत करता है। पुरातत्व विभाग ने महाभारत में वर्णित स्थानों की खुदाई करवाई है जहाँ से स्थानों की पुरातात्विक स्थिति सिद्ध हुई है। हाल में ही बागपत जिले के बरनावा में खुदाई करवाई गयी है जहां से कई साक्ष्य पाए गए हैं। यह लाक्षा गृह के रूप में जाना जाता है। रामपुर को मात्र मध्यकालीन इतिहास में नहीं बाँधा जा सकता और जब यह एक ऐसे भौगोलिक स्थान पर स्थित है जहाँ पर महाभारत काल के कई बड़े घटनाक्रमों को देखा जा सकता है। पंचाल की राजधानी अहिक्षेत्र रामपुर के नजदीक बरेली जिले के रामनगर में स्थित है तो वहीँ महाभारत में वर्णित कुरु की राजधानी हस्तिनापुर, मेरठ में है जो कि रामपुर से अत्यंत नजदीक है। महाभारत में वर्णित इन्द्रप्रस्थ दिल्ली को कहा जाता है जो कि रामपुर से अधिक दूर नहीं है। इस अनुसार यह आराम से कहा जा सकता है कि रामपुर महाभारत काल में इन सभी राजधानियों के अंतर्गत आता होगा। महाभारत काल के 35 शहर आज भी मौजूद हैं जैसे तक्षिला, उज्जैन, कुरुक्षेत्र, वृन्दावन, आदि।
अहिछत्र (बरेली) को महाभारत में द्रौपदी के राज्य पंचाल की राजधानी माना जाता है, जैसा कि द्रौपदी को पांचाली के नाम से भी जाना जाता है। बरेली के अहिक्षेत्र में खुदाई के दौरान एक विशाल मंदिर मिला। इस मंदिर की उंचाई 22 मीटर है और इस मंदिर के ऊपर एक शिव लिंग भी है। यह मंदिर पिरामिदाकार का है। विभिन्न सरकारों द्वारा महाभारत परिक्रमा की शुरुआत की जा रही है। इस परिक्रमा में महाभारत से जुड़े तमाम शहरों को जोड़े जाने का प्रावधान है। इस परिक्रमा पथ से लोग महाभारत से जुड़े सभी स्थलों का अवलोकन कर सकते हैं। इससे यहाँ पर बड़े पैमाने पर पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस परिक्रमा में परीक्षितगढ़, शुक्रताल और गढ़मुक्तेश्वर ज़िले शामिल हैं। हाल ही में मेरठ में एक गुफा खोजी गयी है। माना जा रहा है की यह वही गुफा है जिसका पांडवों ने जंग से बचने के लिए इस्तेमाल किया था। इस गुफा का सौन्दर्यीकरण महाभारत परिक्रमा में शामिल किया गया है।
इस परिक्रमा पथ में हस्तिनापुर भी शामिल है। यह शहर मेरठ से 37 किलोमीटर की दूरी पर है और यहाँ पर महाभारत काल के बहुत से वास्तु प्राप्त हुए हैं। इस परिक्रमा के अंतर्गत 2 दिन और एक रात में कुल 375 किलोमीटर की यात्रा पूरी की जाएगी जिसमें पर्यटकों को ज़्यादा से ज़्यादा महाभारत कालीन जगहें दिखाई जाएंगी। इस परिक्रमा से रामपुर को यह फायदा होगा कि बड़े पैमाने पर पर्यटक रामपुर भी आयेंगे जो कि इस परिक्रमा पथ के रास्ते में ही पड़ता है।
1. https://topyaps.com/mahabharata-places-still-exist
2. http://www.thehindu.com/todays-paper/tp-national/tp-newdelhi/work-on-mahabharat-circuit-to-start-soon/article3244517.ece
3. https://indictales.com/2018/01/08/ahichhatra-bareilly-was-mentioned-in-mahabharata-as-capital-of-draupadis-kingdom-panchala/
4. https://en.wikipedia.org/wiki/Panchala
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