आइए समझते हैं, भारत में एफ़िलिएट मार्केटिंग, इसके प्लेटफ़ॉर्मों और जोखिमों के बारे में

संचार एवं संचार यन्त्र
15-01-2025 09:28 AM
आइए समझते हैं, भारत में एफ़िलिएट मार्केटिंग, इसके प्लेटफ़ॉर्मों और जोखिमों के बारे में
रामपुर के लोगों, क्या आप जानते हैं कि संबद्ध विपणन (affiliate marketing) एक ऐसा मॉडल है, जिसमें ब्रांड्स अपने प्रोडक्ट्स या सेवाओं को ऑनलाइन प्रचार करने के लिए एफ़िलिएट्स को भुगतान करते हैं? एफ़िलिएट्स, जैसे यूट्यूबर्स, ब्लॉगर या दूसरे कंटेंट क्रिएटर्स, जितनी बिक्री करवाते हैं, उसका एक प्रतिशत हिस्सा कमाते हैं।
तो चलिए, आज हम समझते हैं कि भारत में एफ़िलिएट मार्केटिंग कैसे काम करती है। इसके बाद हम भारत में मौजूद अलग-अलग प्रकार की एफ़िलिएट मार्केटिंग प्लेटफ़ॉर्म्स प्लेटफ़ॉर्म्स के बारे में बात करेंगे। फिर, हम देश के सबसे अच्छे एफ़िलिएट मार्केटिंग प्रोग्राम्स पर नज़र डालेंगे। अंत में, हम उन खतरों और जोखिमों पर चर्चा करेंगे, जो एफ़िलिएट मार्केटिंग करने वाले लोगों को झेलने पड़ सकते हैं।

भारत में संबद्ध विपणन (affiliate marketing) कैसे काम करती है?
आइए समझते हैं कि भारत में एफ़िलिएट मार्केटिंग का काम कैसे होता है। जब भी कोई ग्राहक आपके द्वारा साझा किए गए लिंक पर क्लिक करके कोई उत्पाद खरीदता है, तो आपको उस पर कमीशन मिलता है। यह कमीशन पूरी तरह से आपके प्रदर्शन पर आधारित होता है, यानी जब कोई ग्राहक आपके लिंक पर क्लिक करके कोई कार्रवाई करता है, तभी आपको भुगतान किया जाता है।
उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए कि, आप एक ऑनलाइन व्यवसाय के मालिक हैं और आपकी वेबसाइट पर हर महीने अच्छी-खासी ट्रैफ़िक आती है। अब अन्य ब्रांड आपसे संपर्क करते हैं और अपने उत्पाद को आपकी वेबसाइट पर प्रचारित करने की बात करते हैं। आप उनके उत्पादों के एफ़िलिएट लिंक अपनी वेबसाइट के विभिन्न हिस्सों में आसानी से जोड़ सकते हैं।
जब भी कोई व्यक्ति आपके लिंक पर क्लिक करता है, तो एक कुकी उनके ब्राउज़र पर बनती है और स्टोर हो जाती है। अगर वह व्यक्ति उस लिंक के माध्यम से कोई कार्रवाई करता है, तो आपको स्वचालित रूप से एफ़िलिएट कमीशन मिल जाता है।
कुकी का काम क्या है?
कुकी (Cookie) यह सुनिश्चित करती है कि कौन सा एफ़िलिएट यानी विक्रेता, उस उत्पाद को बेचने में शामिल था और उसी आधार पर कमीशन दिया जाता है। यहां तक कि अगर ग्राहक तुरंत उत्पाद नहीं खरीदता है, लेकिन कुकी की वैधता अवधि के भीतर खरीदता है, तो भी आपको उसका कमीशन मिलेगा। कुकी की वैधता अवधि अलग-अलग हो सकती है और हर एफ़िलिएट मार्केटिंग कार्यक्रम का अपना अलग व्यापार मॉडल होता है।

भारत में एफ़िलिएट मार्केटिंग प्लेटफ़ॉर्म्स प्लेटफ़ॉर्म्स के प्रकार
भारत में एफ़िलिएट मार्केटिंग के विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म्स का उपयोग किया जाता है। आइए जानते हैं इनके बारे में:
1. कूपन प्लेटफ़ॉर्म्स

लोग हमेशा छूट (डिस्काउंट) और सीजनल सेल्स (सालाना चलने वाली सेल्स) को पसंद करते हैं, खासकर जब प्रोडक्ट या सेवाएं महंगी हों। इसीलिए, कूपन प्लेटफ़ॉर्म्स के साथ साझेदारी करना भारत में 2025 के सर्वश्रेष्ठ एफ़िलिएट प्रोग्राम्स का लाभ उठाने का एक शानदार तरीका हो सकता है। यह नए प्रकार के दर्शकों को आकर्षित करने, छूट और कूपन के जरिए बिक्री बढ़ाने और ग्राहकों को लुभाने में मदद करता है।
2. रिव्यू वेबसाइट्स और ऐप्स
अगर आपकी सेवाएं और प्रोडक्ट्स ऐसे दर्शकों के लिए हैं जो हमेशा रिव्यू चेक करते हैं, तो रिव्यू प्लेटफ़ॉर्म्स एक और महत्वपूर्ण एफ़िलिएट प्रोग्राम का प्रकार हैं। ये वेबसाइट्स या ऐप्स ऐसी सामग्री पेश करते हैं जहां दर्शकों से प्रोडक्ट्स और सेवाओं के रिव्यू मांगे जाते हैं। आप इन रिव्यू साइट्स के साथ साझेदारी कर सकते हैं और देख सकते हैं कि क्या आपके प्रोडक्ट्स और सेवाओं का एफ़िलिएट रिव्यू आपके लिए लाभदायक है।
3. सोशल मीडिया इन्फ़्लुएंसर
सोशल मीडिया इन्फ़्लुएंसर मार्केटिंग आपके प्रोडक्ट्स या सेवाओं को प्रचारित करने में मदद कर सकती है। यह भारत में शीर्ष एफ़िलिएट प्रोग्राम्स के लिए एक लोकप्रिय और प्रभावी तरीका है। जरूरी है कि आप उन इन्फ़्लुएंसर को चुनें, जो आपके व्यवसाय के समान डोमेन में काम कर रहे हों। उनके फॉलोअर्स के जरिए आप अपने लक्षित दर्शकों तक पहुंच सकते हैं। शुरुआत में धीमी गति से काम शुरू करें और फिर मांग के अनुसार इसे बढ़ाएं।
4. सर्च एफ़िलिएट्स
सर्च एफ़िलिएट्स का मॉडल पेड विज्ञापन (Paid Advertising) पर आधारित होता है। सर्च एफ़िलिएट्स आपको किसी प्लेटफ़ॉर्म के सर्च
रिज़ल्ट्स में ऊपर दिखाने के लिए शुल्क लेते हैं। यह सोशल मीडिया विज्ञापनों की तरह है, लेकिन यहां विश्वसनीय लोग आपके प्रोडक्ट्स और सेवाओं को प्रमोट करते हैं।
5. ईमेल मार्केटिंग
आज के समय में ईमेल मार्केटिंग एक सूक्ष्म और अभिनव विपणन उपकरण है। अब कंपनियां ईमेल के ज़रिए सीधे अपने प्रोडक्ट्स और सेवाएं नहीं बेचतीं, बल्कि उन्हें प्रचार के लिए उपयोग करती हैं। ईमेल का उपयोग करते समय उसकी फ़्रीक्वेंसी और कंटेंट का ध्यान रखें। यह आकर्षक, प्रभावशाली और समय आधारित होना चाहिए।
इन सभी प्लेटफ़ॉर्म्स का सही और संतुलित उपयोग करके एफ़िलिएट मार्केटिंग से अधिकतम लाभ कमाया जा सकता है!
भारत के सर्वश्रेष्ठ एफ़िलिएट मार्केटिंग प्रोग्राम्स
भारत में एफ़िलिएट मार्केटिंग के लिए कई शानदार प्रोग्राम उपलब्ध हैं जो आपको नियमित कमाई करने का मौका देते हैं। यहां कुछ बेहतरीन एफ़िलिएट प्रोग्राम्स की जानकारी दी गई है:
1. अर्न करो (EarnKaro)
अर्न करो, भारत की सबसे भरोसेमंद और लोकप्रिय एफ़िलिएट मार्केटिंग वेबसाइटों में से एक है। यह एक डील-शेयरिंग (सौदा या लेन-देन करना) प्लेटफ़ॉर्म है, जो आपको जल्दी से पैसे कमाने की सुविधा देता है। आप (Flipkart), मिंत्रा (Myntra), नायका (Nykaa), टाटा क्लिक (Tata Cliq) जैसे वेबसाइटों से डील शेयर कर सकते हैं। जब आपके मित्र, रिश्तेदार या नेटवर्क में लोग आपके एफ़िलिएट लिंक के माध्यम से खरीदारी करते हैं, तो आपको कमीशन मिलता है।
- भुगतान सीमा (पेयमेंट थ्रेशोल्ड): ₹10
- भुगतान का तरीका: डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर
2. वी-कमिशन (vCommission)
vCommission एक तेजी से बढ़ता हुआ एफ़िलिएट नेटवर्क है। यह शुरुआती लोगों के लिए एक बेहतरीन प्लेटफ़ॉर्म है क्योंकि यह 18,000 से अधिक एफ़िलिएट्स को शीर्ष व्यवसायों से जोड़ता है। vCommission ने मिंत्रा, अलीएक्सप्रेस, अगोड़ा, स्नैपडील और होमशॉप18 जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म्स के साथ साझेदारी की है। यह हर महीने आपको भुगतान करता है।
- भुगतान सीमा: ₹1,000
- भुगतान का तरीका: केवल NEFT/RTGS (बैंक ट्रांसफर)
3. आई एन आर डील्स (INRDeals)
आई एन आर डील्स, एक ऑनलाइन परिचित की तरह काम करता है और आपको मोबाइल रिचार्ज, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, जूते और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स पर अतिरिक्त छूट प्रदान करता है। यह फ़्लिपकार्ट, मिंत्रा, जबोंग, टाटा क्लिक, पे टी एम, मेक माई ट्रिप आदि के साथ जुड़ा हुआ है। आपको प्रोमो कोड, डिस्काउंट कूपन, डील्स, कैश इंसेंटिव, गिफ़्ट वाउचर्स और प्रमोशनल कोड्स के जरिए अतिरिक्त छूट मिलती है।
भुगतान सीमा: ₹500
भुगतान का तरीका: चेक, बैंक ट्रांसफर या पेटीएम
4. क्यू-लिंक्स (Cuelinks)
क्यू-लिंक्स एक सामग्री मुद्रीकरण (कंटेंट मॉनेटाइज़ेशन ) नेटवर्क है, जो आपके ब्रांड लिंक को ऑटोमेटिक रूप से एफ़िलिएट लिंक में बदल देता है। साइन अप करने पर आपको कुछ जावास्क्रिप्ट कोड दिए जाते हैं, जिन्हें आप अपने ब्लॉग में पेस्ट कर सकते हैं। जब भी कोई पाठक आपके लिंक पर क्लिक करता है और खरीदारी करता है, तो आपको कमीशन मिलता है। क्यू-लिंक्स एफ़िलिएट मार्केटिंग को आपके लिए आसान बना देता है।
- भुगतान सीमा: ₹500
- भुगतान का तरीका: डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर
इन एफ़िलिएट प्रोग्राम्स का उपयोग करके, आप अपने नेटवर्क और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के जरिए अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।
एफ़िलिएट मार्केटिंग संबंधित प्रमुख खतरे और चुनौतियां
एफ़िलिएट मार्केटिंग एक प्रभावी आय का माध्यम हो सकता है, लेकिन इसके साथ कई जोखिम और धोखाधड़ी की संभावनाएँ भी जुड़ी होती हैं। नीचे एफ़िलिएट मार्केटिंग में प्रचलित खतरों और कमज़ोरियों का वर्णन किया गया है:
1. एफ़िलिएट धोखाधड़ी (Affiliate Fraud)
एफ़िलिएट धोखाधड़ी उन सभी अवैध गतिविधियों को संदर्भित करता है, जिनका उद्देश्य व्यापारियों, एफ़िलिएट्स, या ग्राहकों को धोखा देकर लाभ प्राप्त करना होता है।
इसके मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं:
- ट्रैफ़िक चोरी (Traffic Diverting): इसमें धोखेबाज वैध एफ़िलिएट साइट्स से ट्रैफ़िक को चुराने के लिए “परजीवी साइट्स” (Parasite Sites) का उपयोग करते हैं।
- आवेदन धोखाधड़ी (Application Fraud): यह तब होती है, जब धोखेबाज किसी वित्तीय उत्पाद के लिए फ़र्ज़ी जानकारी देकर आवेदन करते हैं।
- लेन-देन धोखाधड़ी (Transaction Fraud): इसमें चोरी की गई भुगतान जानकारी (जैसे क्रेडिट कार्ड या बैंक खाते की जानकारी) का उपयोग करके लेन-देन पूरा किया जाता है।
2. शुल्क आधारित नेटवर्क (Pay-to-Play Networks)
कुछ एफ़िलिएट नेटवर्क ऐसे होते हैं, जो अपनी सेवाओं का उपयोग करने के लिए सदस्यता शुल्क मांगते हैं। नए एफ़िलिएट्स यह सोच सकते हैं कि उन्हें कमीशन कमाने के लिए पहले निवेश करना होगा। यह अक्सर एक धोखाधड़ी होती है, क्योंकि वैध एफ़िलिएट प्रोग्राम्स में ऐसे शुल्क नहीं होते।
3. कुकी स्टफ़िंग (Cookie Stuffing)
कुकी स्टफिंग वह प्रक्रिया है, जिसमें धोखेबाज़ वेब कुकीज़ का उपयोग करते हुए व्यापारियों को यह विश्वास दिलाते हैं कि बिक्री उनके माध्यम से हुई है। कभी-कभी, यह वैध एफ़िलिएट की बिक्री को रद्द करके अपने नियंत्रण में ला सकता है और उनका कमीशन छीन लेता है। कुछ मामलों में, यह बिक्री पूरी तरह से फ़र्ज़ी होती है, क्योंकि ग्राहक वेबसाइट तक अपनी मर्जी से पहुँचते हैं।
4. नकली उत्पाद (Fake Products)
धोखेबाज़ नकली उत्पादों का प्रचार करने के लिए विज्ञापन या वेबपेज बनाते हैं और उन्हें किसी प्रतिष्ठित कंपनी से जोड़ने का प्रयास करते हैं। ग्राहक और एफ़िलिएट्स वैध ब्रांड के नाम और प्रतिष्ठा पर भरोसा कर लेते हैं और धोखे का शिकार हो जाते हैं। यहाँ तक कि बड़ी कंपनियाँ भी इससे अछूती नहीं हैं। उदाहरणस्वरूप, 2021 में अमेज़न ने 30 लाख से अधिक नकली उत्पादों की पहचान की।
5. छद्म धोखेबाज़ (Spoof Traffic)
यह धोखाधड़ी का प्रकार है, जिसमें धोखेबाज झूठे इंप्रेशन्स और क्लिक दिखाते हैं। यह ऐसा आभास देता है कि व्यापारी के लिए वैध ट्रैफिक उत्पन्न हो रहा है। हालांकि, व्यापारी को वित्तीय नुकसान होता है, और धोखेबाज़ इन झूठे क्लिक से कमीशन प्राप्त करते हैं।

संदर्भ
https://tinyurl.com/29dh8fmd
https://tinyurl.com/39hwr7ac
https://tinyurl.com/2f7y7dfm
https://tinyurl.com/4mx3sdxs

चित्र संदर्भ

1. लैपटॉप पर काम करते दो भारतीय युवाओं को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
2. नेटवर्क विस्तार को संदर्भित करता एक चित्रण (pxhere)
3. मिश्रित कॉस्मेटिक उत्पादों को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
4. प्रख्यात सोशल मीडिया मंचों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. लैपटॉप और मोबाइल का उपयोग करते लोगों को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)

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