भारत में सुंदर फूलों का आयात और निर्यात, दोनों ही कठिन हैं, आखिर क्यों?

बागवानी के पौधे (बागान)
24-10-2024 09:22 AM
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भारत में सुंदर फूलों का आयात और निर्यात, दोनों ही कठिन  हैं, आखिर क्यों?
वेलेंटाइन दिवस पर सुंदर फूलों का एक गुलदस्ता भेंट करने के बाद, आपके चाहने वालों के चेहरे पर जो मुस्कान आती है, वह वाकई में बेशकीमती होती है। लेकिन आपको यह जानकर और भी अच्छा लगेगा कि आपके द्वारा दिए गए उस गुलदस्ते के कारण उसके फूलों को उगाने वाले किसान और उसे बेचने वाले विक्रेता का चेहरा भी ख़ुशी के मारे खिल उठता है। हो सकता है कि आप जिन फूलों को उपहार में दे रहे हैं, वे ताज़े कटे हुए फूल हो सकते हैं। ये फूल नीदरलैंड (Netherlands), थाईलैंड (Thailand) और कीनिया (Kenya) जैसे देशों से आयात किए जाते हैं। कटे हुए फूल वे होते हैं, जिन्हें अपने पौधों से काटा गया है। ट्यूलिप (Tulip), प्रोटियाज़ (Proteas), ऑर्किड (Orchid), आइरिस (Iris), कैला लिली (Calla Lily), हेलिकोनिया (Heliconia) और स्प्रे गुलदाउदी (Spray Chrysanthemum), इन फूलों के कुछ प्रमुख उदाहरण हैं। ये फूल, गुलदस्ते बनाने या सजावट के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। आज के इस लेख में, हम देखेंगे कि भारत मुख्य रूप से किन देशों से फूलों का आयात करता है। इसके बाद, हम भारत में ताज़े कटे हुए फूलों के आयात से जुड़े मुख्य बिंदुओं पर चर्चा करेंगे। फिर, हम यह जानेंगे कि हाल के वर्षों में भारत के फूलों के आयात में कमी क्यों आई है। अंत में, हम समझने की कोशिश करेंगे कि भारत फूलों के निर्यात में कीनिया (Kenya) और इथियोपिया (Ethiopia) जैसे देशों की बराबरी क्यों नहीं कर पा रहा है।
कटे हुए फूल उन फूलों और कलियों को कहा जाता है जिन्हें उनके पौधों से काट लिया जाता है। इनका उपयोग, आमतौर पर या उपहार के रूप में किया जाता है। भारत में ताज़े कटे हुए
आइए विस्तार से जानते हैं कि 2023 में, भारत ने कटे हुए फूल मुख्य रूप से किन देशों से आयात किए:
थाईलैंड (Thailand) - 2023 में, भारत ने सबसे अधिक, (लगभग 72%) कटे हुए फूल थाईलैंड (Thailand) से आयात किए। इनका कुल मूल्य, $1.35 मिलियन के बराबर था।
नीदरलैंड (Netherlands) - 13.7%, जिसका मूल्य, $256,000 के बराबर था।
केन्या (Kenya) - 5.05%, जिसका मूल्य, $94,000 के बराबर था।
कोलंबिया (Colombia) - 3.96%, जिसका मूल्य, $73,000 के बराबर था।
चीन (China) - 2.69%, जिसका मूल्य, $50,000 के बराबर था।
दक्षिण अफ़्रीका (South Africa) - से आयात किए गए फूलों का मूल्य, $15,900 था।
इक्वाडोर (Ecuador) - से आयात किए गए फूलों का मूल्य, $5,580 था।
ऑस्ट्रेलिया (Australia) - से आयात किए गए फूलों का मूल्य $4,510 था।
तुर्की (Turkey) - से आयात किए गए फूलों का मूल्य, $1,460 था।
स्पेन (Spain) - से आयात किए गए फूलों का मूल्य $942 था।
मार्च 2023 से फ़रवरी 2024 के बीच, भारत ने ताज़े कटे फूलों की 4,498 खेप विदेशों से मंगवाई। ये फूल, 89 अलग-अलग विदेशी निर्यातकों से मँगाए गए और 29 भारतीय खरीदारों ने इनका आयात किया। यह पिछले साल की तुलना में 17% कम है। फ़रवरी 2024 में, भारत ने 557 फूलों की खेप आयात की, जो फ़रवरी 2023 से 5% कम है। लेकिन जनवरी 2024 की तुलना में 30% ज़्यादा है।
दुनिया भर में, ताज़े कटे फूलों के सबसे बड़े आयातकों में भारत नहीं बल्कि रूस (Russia), अमेरिका (USA) और यूक्रेन (Ukraine) जैसे देश शामिल हैं। ताज़े फूलों की 183,398 खेप के साथ, रूस (Russia) सबसे बड़ा आयातक है, इसके बाद 72,324 खेप के साथ अमेरिका (USA) और 37,347 खेप के साथ तीसरा नंबर यूक्रेन (Ukraine) का नंबर आता है।
भारत का नाम इस सूची में शीर्ष पर इसलिए नहीं है क्योंकि हाल के वर्षों में भारत में घरेलू स्तर पर फूलों के उत्पादन में वृद्धि देखी गई है। उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2016 से 2022 के बीच, गुलदाउदी (Chrysanthemum) का उत्पादन, 136% बढ़कर 470.15 टन हो गया। इसी समय, ऑर्किड (Orchid) का उत्पादन भी 210% बढ़ा है। वित्त वर्ष 2015 से 2023 तक भारत में ताज़े और सूखे फूलों, फूलों की कलियों और कंदों का आयात लगभग आधा हो गया है।
इसके अलावा, भारत में फूलों के आयात से जुड़े नियम काफ़ी कड़े हैं। भारत में कटे हुए फूलों की सभी खेप चेन्नई सीमा शुल्क बंदरगाह से आती हैं। इसके अलावा, इनकी शिपमेंट के लिए तीन दिन का संगरोध (Quarantine) भी अनिवार्य है। इससे अंतर्देशीय हवाई माल ढुलाई की लागत बढ़ जाती है।
इसके विपरीत, स्थानीय फूल ताज़े होते हैं। घरेलू स्तर पर उगाए गए फूल आयातित फूलों की गुणवत्ता को बराबरी से टक्कर देते हैं। आज ऑर्किड (Orchid) और ट्यूलिप (Tulip) जैसे फूल भारत में भी उगाए जाते हैं। इनकी गुणवत्ता और आकार, विदेशों से आने वाले फूलों के समान होते हैं।
फूलों की बिक्री, अधिक या कम होने में उनकी कीमत भी बड़ी भूमिका निभाती है। स्थानीय रूप से उगाए जाने वाले नरगिस (Narcissus) के फूलों की कीमत, गुणवत्ता के आधार पर 250 रुपये से 500 रुपये प्रति गुच्छा होती है। ट्यूलिप के दस फूलों की कीमत 1,500 रुपये हो सकती है, जबकि गाज़ीपुर (Ghazipur) फूल बाज़ार में एक ट्यूलिप (Tulip) स्टिक की कीमत 100 रुपये है। इनकी कीमतें मौसम के अनुसार भी बदल सकती हैं। इसके मुकाबले, आयातित फूलों जैसे हाइड्रेंजिया (Hydrangea), डैफ़ोडिल (Daffodil) और ट्यूलिप (Tulip) की कीमत, एक गुलदस्ते के लिए 5,000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच हो सकती है।
हालांकि भारत में जितना कठिन फूलों को आयात करना है, इन फूलों को निर्यात करना भी उतना ही चुनौतीपूर्ण है। ख़ासकर तब जब हम अपनी तुलना इथियोपिया (Ethiopia) और कीनिया (Kenya) जैसे देशों से करते हैं। इन दोनों देशों ने फूलों की खेती को एक नई ऊँचाई पर पहुँचाया है। दोनों ने ही बड़े बाज़ारों को लक्षित किया है, कर में छूट दी है, और किसानों को संगठित किया है। इसके साथ ही, उन्होंने समर्थन के लिए मज़बूत बुनियादी ढाँचा भी तैयार किया है।
हालांकि भारत से फूलों का निर्यात करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। उदाहरण के तौर पर भारत में, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (One District One Product) कार्यक्रम के तहत ऑर्किड (Orchid) फूल को चुना गया है। भले ही जंगलों में ऑर्किड (Orchid) बहुतायत में उगते हैं , लेकिन, वन्य जीव और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (Convention on International Trade in Endangered Species) के तहत, जंगली ऑर्किड (Wild Orchid) के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसका मतलब है कि भारत को जंगली ऑर्किड (Wild Orchid) पर प्रतिबंध पर फिर से विचार करना होगा या संगठित खेती को बढ़ावा देना होगा। यह एक बड़ी चुनौती है। अरुणाचल प्रदेश के ज़िले वेस्ट कामेंग (West Kameng) में, जहां 90,000 से कम लोग रहते हैं, खेती को बढ़ावा देने के लिए पूंजी और बुनियादी ढांचे का अभाव है।
भारत में ऑर्किड (Orchid) जैसे उष्णकटिबंधीय फूलों की खेती करने वाले किसान, कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इसमें रसद (Logistics) और विकसित कोल्ड-चेन (Cold Chain) जैसी बुनियादी ढाँचे की कमी शामिल है। इसके अलावा, उत्तर-पूर्व क्षेत्र (Northeast Region) दूर है, जिससे बाज़ार का विकास करना कठिन हो जाता है। लेकिन, सबसे बड़ा मुद्दा फूल क्षेत्र की उपेक्षा है। विभिन्न एजेंसियों के बीच रचनात्मकता और टीमवर्क की कमी भी एक बड़ी समस्या है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/22ly5e9w
https://tinyurl.com/2ykx852g
https://tinyurl.com/23aebcoa
https://tinyurl.com/yc686t2f

चित्र संदर्भ
1. फूलों की देखभाल करती वृद्ध महिला को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
2. फूल बेचती महिला को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. फूलों की देखभाल करते व्यक्ति को संदर्भित करता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)
4. फूलों पर दवा का छिड़काव करते व्यक्ति को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. ऑर्किड के फूलों को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
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