मेट्रो की ये विशेषताएं एवं भावी योजनाएं, रामपुर वासियों की लालसा को और बढ़ा देंगी

वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली
20-08-2024 09:29 AM
Post Viewership from Post Date to 20- Sep-2024 (31st) day
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2530 105 2635
मेट्रो की ये विशेषताएं एवं भावी योजनाएं, रामपुर वासियों की लालसा को और बढ़ा देंगी
रामपुर वासियों को, अपने शहर की मेट्रो में सफ़र करने के लिए, अभी और इंतज़ार करना होगा। मेट्रों के प्रति यहां के लोगों की जिज्ञासा किसी से छिपी नहीं है। यह जिज्ञासा जायज़ भी है, क्यों कि मेट्रो रेल प्रणाली शहरों को अनगिनत लाभ प्रदान करती है। मेट्रो से होने वाली अनगिनत लाभों में वाहनों की भीड़भाड़ , वायु प्रदूषण और निजी वाहनों पर निर्भरता में कमी आदि शामिल है। कई बार एक निजी वाहन के बजाय, मेट्रों से सफ़र करना अधिक सुविधाजनक और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प साबित होता है। आज के इस लेख में, हम यही जानने का प्रयास करेंगे कि बड़े-बड़े शहरों के अनगिनत लोगों को उर्जावान रखने वाली मेट्रों रेल प्रणाली, ख़ुद कैसे उर्जावान रहती हैं? इसके अलावा, आज हम, उन प्रमुख भारतीय कंपनियों के बारे में भी जानने की कोशिश करेंगे, जो मेट्रो ट्रेनों के साथ-साथ, संबंधित तकनीक और उपकरणों का डिज़ाइन, निर्माण और आपूर्ति करती हैं।
परियोजना संख्या 1351, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) द्वारा पंजीकृत पहली स्वच्छ विकास तंत्र (CDM) परियोजना है। DMRC, बिजली से चलने वाली मास रैपिड प्रणाली संचालित करती है। यह प्रणाली विभिन्न सेवा लाइनों पर 4-कार या 6-कार रोलिंग स्टॉक का उपयोग करती है। ये सभी ट्रेनें, तीन-चरण एसी ट्रैक्शन मोटर्स (Three-Phase AC Traction Motors) से सुसज्जित हैं। एक पुनर्योजी ब्रेकिंग सिस्टम (Regenerative Braking System) भी है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस तकनीक की बदौलत, ट्रेनों के ब्रेक लगाने पर बिजली उत्पन्न होती है। इसकी वजह से औसतन, ट्रेनें अपने द्वारा उपयोग की जाने वाली बिजली का 35% हिस्सा ख़ुद ही बना लेती हैं। ये ट्रेनें, प्रति किलोमीटर, पर लगभग 5.26 kWh बिजली उत्पन्न करती हैं।
ब्रेक लगाने के दौरान उत्पन्न बिजली को सिस्टम में वापस भेज दिया जाता है। इस बिजली का उपयोग उसी ट्रैक पर चल रही अन्य ट्रेनें कर सकती हैं। यह प्रक्रिया राष्ट्रीय ग्रिड (National Grid) पर पड़ने वाले भारी लोड को कम करती है। यदि पुनर्योजी ब्रेकिंग सिस्टम न हो तो, DMRC को राष्ट्रीय ग्रिड से अधिक बिजली खींचने की आवश्यकता पड़ सकती है। इसके अलावा, बिजली संयंत्रों में अक्सर कोयले का इस्तेमाल होता है, जिससे बड़ी मात्रा में CO2 निकलती है। इसलिए, पुनर्योजी ब्रेकिंग का उपयोग करके, DMRC, इन उत्सर्जनों को काबू करने में बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है।
चलिए, अब भारत की उन प्रमुख कंपनियों के बारे में जानते हैं, जो मेट्रो, रेलगाड़ियों और संबंधित प्रौद्योगिकी और उपकरणों का विनिर्माण कर रही हैं।
1. रेल विकास निगम लिमिटेड (Rail Vikas Nigam Limited): रेल विकास निगम लिमिटेड (Rail Vikas Nigam Limited) की स्थापना, 2003 में, भारत सरकार द्वारा की गई थी। यह कंपनी, रेल मंत्रालय द्वारा सौंपी गई विभिन्न रेल अवसंरचना परियोजनाओं को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करती है। RVNL, पूरे रेल कोच का निर्माण नहीं करती है। इसके बजाय, यह इन कोचों के संचालन के लिए आवश्यक अवसंरचना को विकसित करती है। रेल परियोजनाओं के अलावा, RVNL, प्रमुख शहरों और उपनगरीय क्षेत्रों में मेट्रो लाइनें स्थापित करने का काम भी करती है। अभी तक यह कंपनी, 120 परियोजनाएँ पूरी कर चुकी है। साथ ही वर्तमान में, 72 परियोजनाएँ कार्यान्वयन में हैं।
2. टीटागढ़ रेल सिस्टम (Titagarh Rail Systems): टीटागढ़ रेल सिस्टम, मालवाहक वैगन (Freight Wagons), यात्री कोच (Passenger Coaches), मेट्रो ट्रेन (Metro Trains) तथा जहाज़ों के निर्माण एवं इन्हें बेचने में माहिर है। यह कंपनी, भारत के सबसे बड़े वैगन निर्माताओं में से एक है। इसकी उत्पादन क्षमता, प्रति वर्ष 8,400 वैगन है। टीटागढ़ के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा भारतीय रेलवे से आता है। जून 2023 में, टीटागढ़ रेल सिस्टम और बीएचईएल (BHEL) के नेतृत्व वाले एक संघ को एक बड़ा ऑर्डर मिला। यह आर्डर, 240 बिलियन रुपये का है, जिसके तहत 2029 तक, 80 पूरी तरह से असेंबल की गई वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट (Vande Bharat Sleeper Train Sets) का निर्माण किया जाना है। इसके अलावा, ये संघ, इन ट्रेनों का 35 साल तक रखरखाव भी करेगा।
3. टेक्समैको रेल एंड इंजीनियरिंग (Texmaco Rail & Engineering): टेक्समैको रेल (Texmaco Rail), ऐडवेंट्ज़ ग्रुप (Adventz Group) का हिस्सा है। इसे भारतीय रेलवे को वैगनों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता माना जाता है। यह कंपनी, मालवाहक कारें (Freight Cars), ऑटो कार वैगन (Auto Car Wagons), लोकोमोटिव बोगियां (Locomotive Bogies), कोच बोगियां (Coach Bogies), हाइड्रो-मैकेनिकल उपकरण (Hydro-Mechanical Equipment) और स्टील कास्टिंग (Steel Castings) बनाती है। टेक्समैको, मेनलाइन रेलवे और मेट्रो ट्रैक की डिज़ाइनिंग, आपूर्ति, स्थापना और कमीशनिंग में भी शामिल है। भारतीय रेलवे की मेगा खर्च योजना के बाद, रेल वैगनों की मांग काफ़ी हद तक बढ़ सकती है। वैगन निर्माण में, अपनी मज़बूत स्थिति को देखते हुए यह मांग टेक्समैको रेल के लिए फ़ायदेमंद हो सकती है।
4. बिटसोर्स सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (Bitsource Solutions Private Limited): बिटसोर्स सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को उच्च गुणवत्ता वाले रेलवे घटकों के उत्पादन के लिए जाना जाता है। इन घटकों में ब्रेक ब्लॉक (Brake Blocks) और घर्षण सामग्री (Friction Materials) शामिल हैं। यह कंपनी, सुरक्षा और विश्वसनीयता के प्रति प्रतिबद्ध नज़र आती है। इस प्रतिबद्धता ने, बिटसोर्स को कई रेलवे ऑपरेटरों के लिए एक पसंदीदा आपूर्तिकर्ता बना दिया है।
5. भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (Bharat Earth Movers Limited): भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (Bharat Earth Movers Limited), एक सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी है। यह कंपनी, रेल और मेट्रो विनिर्माण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बीईएमएल (BEML), रेल और मेट्रो से जुड़े उत्पादों की एक विविध श्रेणी का उत्पादन करती है। इन उत्पादों में रेल कोच (Rail Coaches), मेट्रो कार (Metro Cars) और अर्थमूविंग उपकरण (Earthmoving Equipment) शामिल हैं। स्वदेशी विनिर्माण में BEML का योगदान वाक़ई में उल्लेखनीय है।
उक्त सभी के अलावा, कुछ विदेशी कंपनियां भी हैं, जिन्हें मेट्रो और संबंधित प्रौद्योगिकी के उत्पादन हेतु अनुबंधित किया गया है। इन कंपनियों में शामिल हैं:
- एल्सटॉम (Alstom): एल्सटॉम को स्मार्ट और संधारणीय गतिशीलता (Sustainable Mobility) के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी माना जाता है। कंपनी ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (Delhi Metro Rail Corporation) के लिए अत्याधुनिक मेट्रोपोलिस ट्रेनसेट (Metropolis Trainsets) का उत्पादन शुरू भी कर दिया है। यह उत्पादन चरण IV परियोजना के हिस्से के रूप में फरवरी 2024 में शुरू हुआ था। नवंबर 2022 में दिए गए ऑर्डर में 52 ट्रेनसेट (Trainsets) की डिलीवरी शामिल है। प्रत्येक ट्रेनसेट में छह कारें होती हैं। यह परियोजना DMRC की तीन अलग-अलग लाइनों का समर्थन करेगी। इनमें से दो लाइनों को मौजूदा लाइन 7 और लाइन 8 का विस्तार करके बनाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, एक नई गोल्ड लाइन (Gold Line) (लाइन 10) होगी जो एरोसिटी (Aerocity) को तुगलकाबाद से जोड़ेगी। यह नई लाइन कुल 64.67 किमी की दूरी तय करेगी।
- चेन्नई मेट्रो रेल अनुबंध (Chennai Metro Rail Contract): 2023 में ,चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड (Chennai Metro Rail Limited) ने जापान की मित्सुई एंड कंपनी लिमिटेड (Mitsui & Co. Ltd.) को ₹163.31 करोड़ का अनुबंध प्रदान किया था । यह अनुबंध, 60 किलोग्राम हेड-हार्डेन्ड (Head-Hardened), के 1080 ग्रेड रेल (Grade Rail) की आपूर्ति हेतु किया गया था । इन रेलों का उपयोग, मेट्रो परियोजना के दूसरे चरण के 52 किलोमीटर के हिस्से पर चालक रहित ट्रेनों के लिए किया जाएगा। सीएमआरएल (CMRL) के अनुसार, मित्सुई कंपनी, कुल 13,885 मेट्रिक टन ग्रेड रेल की आपूर्ति करेगी। इन रेलों का उत्पादन और परीक्षण, अप्रैल 2023 में शुरू हुआ । रेल की आपूर्ति, तीन लॉट में होगी। ये डिलीवरी सितंबर 2023 और फरवरी 2025 के बीच निर्धारित की गई है। पूरा चरण-2 प्रोजेक्ट (Phase-2 Project), 118.9 किलोमीटर तक फैला है और इसमें तीन कॉरिडोर (Corridors) शामिल हैं। इस परियोजना के 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/2xlfuzsk
https://tinyurl.com/2yektff6
https://tinyurl.com/2a6tjxpb
https://tinyurl.com/27kjanps
https://tinyurl.com/24x6cpqr

चित्र संदर्भ
1. प्लेटफ़ॉर्म पर खड़ी मेट्रो को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. टेस्ला मॉडल एस गाडी की रीजेनरेटिव ब्रेकिंग क्षमता को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. बेंगलूरु की नम्मा मेट्रो ट्रेन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. दिल्ली मेट्रो को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.