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आइए, आज समझें कि, कैसे गैर-प्रतिस्पर्धात्मक खेल जीतने के बजाय, उन्हें खेलने के आनंद पर केंद्रित होते हैं। बच्चे गैर-प्रतिस्पर्धात्मक खेलों के आनंद और उससे मिली सीख को अपनाते हैं, जो पारंपरिक खेलों के लिए एक नया विकल्प पेश करते हैं। लेगो(LEGO) और रूबिक्स क्यूब(Rubik’s Cube) जैसे ये खेल, जीत के दबाव के बिना, रचनात्मकता और समस्या सुलझाने के कौशल को बढ़ावा देते हैं। लेगो, अपने अनोखे डिजाइन के साथ, कल्पना को प्रोत्साहित करता है। जबकि, रूबिक्स क्यूब अपनी जटिलता व अनगिनत समाधानों के साथ, खिलाड़ियों को चुनौती देता है। ऐसे खेलों में बाउंसी बॉल(Bouncy ball) भी शामिल है। आज इस कड़ी में, बाउंसी बॉल के बारे में जानें।
बाउंसी बॉल, पावर बॉल(Power ball) या सुपर बॉल(Super ball), एक छोटी पॉलीब्यूटाडाइन रबर(Polybutadiene rubber) की गेंद होती है, जो कठोर सतह पर फेंके जाने पर, उपयोग किए गए बल की मात्रा के अनुपात में पलटाव करती है। बाउंसी बॉल या उछालभरी गेंदें, जमीन पर फेंके जाने पर, तीन मंजिल तक उछल सकती हैं। ऐसी पहली गेंद सुपर बॉल थी, और दूसरी, हीलियम से भरी बड़ी स्काईबॉल(Skyball) थी।
उछालभरी गेंद का पेटेंट(Patent) 1966 में नॉर्मन स्टिंगले(Norman Stingley) नामक एक रसायनज्ञ ने कराया था। 1965 में, स्टिंगले ने अपने खाली समय में रबर के साथ प्रयोग किया। उन्होंने, लगभग 3500 पाउंड प्रति वर्ग इंच के दबाव में, सिंथेटिक रबर(Synthetic rubber) के रद्दी माल को एक साथ संपीड़ित किया। इस प्रयोग का परिणाम, अत्यधिक लचीलेपन और उच्च उछाल वाली एक संपीड़ित रबर की गेंद थी।
कुछ देशों में, उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका और डेनमार्क(Denmark) में, इन गेंदों को अक्सर थोक वेंडिंग मशीनों(Vending machines) से बेचा जाता है।
प्राकृतिक रबर की उत्पत्ति अमेरिका में हुई थी। और, रबर की गेंदें यूरोपीय संपर्क से पहले, यही बनाई गई थीं। इसमें, इन गेंदों का मेसोअमेरिकन बॉलगेम(Mesoamerican ballgame) में उपयोग भी शामिल था। तब, क्रिस्टोफर कोलंबस(Christopher Columbus) ने 1495 में, हैती(Haiti) लोगों को रबर की गेंद से खेलते हुए देखा था।
लेगो खेल, प्लास्टिक के खंडों या ब्लॉक(Block) से बना होता हैं। इस खेल ने 20वीं सदी के मध्य में, बड़े पैमाने पर लोकप्रियता हासिल की। लेगो शब्द डेनिश भाषा(Danish language) के ‘लेग गॉड(leg god)’ वाक्यांश से लिया गया है। लेगो का पेटेंट 1958 में, गॉडफ्रेड किर्क(Godfred Kirk) द्वारा किया गया था, जो, लेगो कंपनी के प्रमुख के पद पर कार्यरत थे। यह खेल मार्केटिंग इतिहास में सबसे सफल गेम ब्रांडों में से एक रहा है।
दूसरी ओर, रूबिक्स क्यूब यह खिलौना, 1980 के दशक में लोकप्रिय हुआ। इसे आविष्कारक एर्नो रूबिक(Erno Rubik) द्वारा डिजाइन किया गया था। इस क्यूब में 26 छोटे घन होते हैं, जो एक केंद्रीय अक्ष पर घूमते हैं। नौ रंगीन घन फलक, तीन-तीन घनों की तीन पंक्तियों में, एक बड़े घन की प्रत्येक भुजा बनाते हैं। हम इसे 3डी संयोजन पहेली कह सकते है। मूल रूप से, इसे मैजिक क्यूब(Magic cube) कहा गया था।
इस क्यूब को 1980 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी किया गया था, और यह लोकप्रिय खेलों में सबसे अधिक मान्यता प्राप्त प्रतीकों में से एक बन गया। जनवरी 2024 तक, दुनिया भर में लगभग 500 मिलियन क्यूब्स बेचे जा चुके हैं, जिससे यह दुनिया का सबसे ज्यादा बिकने वाला पहेली गेम और सबसे ज्यादा बिकने वाला खिलौना बन गया।
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उछालभरी गेंद, लेगो व रूबिक्स क्यूब जैसे गैर-प्रतिस्पर्धात्मक खेल, उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं, जो किसी संघ में रहने के तनाव को नहीं संभाल सकते हैं, या जिन्हें संघीय खेल सीखने में अन्य खिलाड़ियों की तुलना में अधिक समय लगता है। ऐसे खेल स्वस्थ जीवन जीने के लिए आवश्यक आनंद और गतिविधि प्रदान करते हैं। निम्नलिखित कुछ मुख्य कारण हैं, जिस वजह से गैर-प्रतिस्पर्धात्मक खेल महत्त्वपूर्ण साबित होते हैं।
1.जीवन कौशल निर्माण: गैर-प्रतिस्पर्धात्मक खेल अपने प्रतिस्पर्धी समकक्षों की तरह ही चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। हालांकि, यहां गुण, समय या आवश्यक कौशल की गुणवत्ता में सुधार के लिए, स्वयं से प्रतिस्पर्धा करने की चुनौती होती है। वे खिलाड़ियों को उनके कौशल के स्तर के बारे में, और वे कैसे प्रगति कर सकते हैं, इसके बारे में अधिक जागरूक बनाते हैं।
2.जीवन के प्रति सही दृष्टिकोण विकसित करना: चूंकि, ऐसे खेलों में एक व्यक्ति के अलावा कोई भी शामिल नहीं होता है, वे एक स्वस्थ वातावरण बनाते हैं, जहां खिलाड़ी या बच्चे सही कारणों व तरीके से खेल का आनंद ले सकते हैं। इससे स्वस्थ एवं परिपक्व दृष्टिकोण के विकास में मदद मिलती है।
3.समय प्रबंधन का ज्ञान: गैर-प्रतिस्पर्धात्मक खेल बच्चों को उचित सारणी तय करने में सक्षम बनाते हैं। संघीय खेलों के विपरीत, जहां अभ्यास के समय पर आमतौर पर समझौता नहीं किया जा सकता, ये खेल व्यक्ति की सुविधा पर निर्भर करते हैं। यह लचीलापन, बेहतर समय-प्रबंधन कौशल विकसित करने में सहाय्यक है।
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