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आइए, आज पशुजन्य रोगों(ज़ूनोटिक रोग – Zoonotic diseases) को समझें, क्योंकि, आज 6 जुलाई को विश्व पशुजन्य रोग दिवस है। यह दिवस पशुजन्य रोगों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। पशुजन्य रोग उन बीमारियों को संदर्भित करते हैं, जो जानवरों से मनुष्यों में फैलती हैं। वैश्विक स्तर पर जानवर लोगों को भोजन, आजीविका, यात्रा, खेल, साहचर्य और शिक्षा प्रदान करते हैं। इन अंतःक्रियाओं से, पशुजन्य रोग मनुष्यों में फैल सकते हैं। इन रोगों के मुख्य चार प्रकार वायरस, बैक्टीरिया, कवक और परजीवी हैं। पशुजन्य बीमारी का सबसे बड़ा उदाहरण, SARS-CoV-2 या कोविड–19(COVID-19) है। इसके बारे में भी जानें।
पशुजन्य रोगों के लिए, दिए गए पहले टीकाकरण के सम्मान हेतु, हर वर्ष 6 जुलाई को विश्व पशुजन्य रोग दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य, इन बीमारियों के बारे में लोगों को शिक्षित व जागरूक करना और इनके बारे में संवाद करना है।
1885 में इसी दिन फ्रांसीसी जीवविज्ञानी लुई पाश्चर(Louis Pasteur) द्वारा, रेबीज़ के टीके की पहली खुराक देने की ऐतिहासिक घटना की याद में, 6 जुलाई को विश्व पशुजन्य रोग दिवस के रूप में मान्यता दी गई है। यह लुई पाश्चर और अन्य वैज्ञानिकों के योगदान को याद करने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिन्होंने पशुजन्य रोगों से निपटने के लिए कई टीकों का आविष्कार किया।
हम जानते ही हैं कि, जानवर मनुष्यों को कई लाभ पहुंचाते हैं। अपने दैनिक जीवन में बहुत से लोग, घर पर और घर से बाहर, जानवरों के संपर्क में होते हैं। साथ ही, हम शहरी या ग्रामीण परिवेश में, यात्रा के दौरान, पशु प्रदर्शनियों को देखने के दौरान या बाहरी गतिविधियों का आनंद लेते समय, जानवरों के संपर्क में आ सकते हैं।
हालांकि, यही जानवर कभी-कभी हानिकारक रोगाणु वाहक बन सकते हैं, जो लोगों में बीमारियां फैला सकते हैं। ऐसी बीमारियों को ही, पशुजन्य रोग के रूप में जाना जाता है।
पशुजन्य रोगों के प्रकारों में, निम्नलिखित वाहकों के कारण होने वाले रोग शामिल हैं:
1.विषाणु या वायरस
2.जीवाणु या बैक्टेरिया
3.कवक
4.परजीवी
कोरोना वायरस का खौफ तो हम जानते ही हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक-आर्थिक स्थितियों पर इसके प्रभाव की भयावहता के कारण, कोरोना वायरस के कारण होने वाली महामारी, निस्संदेह इस सदी की सबसे खराब महामारी है। और इसीलिए, इसके सभी संभावित पहलुओं का विश्लेषण करने की आवश्यकता है। पशुजन्य रोग के रूप में, इसका विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि, 1,415 रिपोर्ट किए गए मानव-संक्रमित रोगजनकों में से 61% पशुजन्य हैं। परिणामों को देखते हुए, स्वच्छता बनाए रखना और ऐसे रोगों को रोकने के लिए, कार्रवाई करना बेहतर है।
कई पशुजन्य रोगों का पिछला प्रकोप, साहचर्य, आर्थिक प्रथाओं या जीवित पशु बाजारों जैसे जोखिमों से संबंधित मानवीय अंतःक्रियाओं से जुड़ा था। जंगल में मानवजनित गतिविधियों का अतिक्रमण, जिससे मानव-पशु संपर्क में वृद्धि हुई है, नवीन पशुजनक रोगों के उभरने की बढ़ती आवृत्ति का एक प्रमुख कारक है।
हालांकि, इन बीमारियों से बचा भी जा सकता है। या फिर, उनके प्रभाव निम्नलिखित उपाय करके कम किए जा सकते हैं।
- पालतू जानवरों के आसपास होने पर एवं जानवरों के मल, खिलौने, बिस्तर या उनके आवास में अन्य वस्तुओं के साथ सीधा संपर्क होने पर, गर्म - पानी और साबुन से हाथ धोना, सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है।
- यदि हाथ स्पष्ट रूप से गंदे नहीं हैं, तो अल्कोहल हैंड जेल का उपयोग किया जा सकता है।
- जब आप पालतू जानवरों या पशु क्षेत्रों के आसपास हों, तो अपनी आंखों, नाक और मुंह को सुरक्षित रखें।
- जानवरों की देखभाल करते समय या उनके आवास का प्रबंधन करते समय, दस्ताने पहनें।
- यदि धूल उत्पन्न होती है, जैसे कि, पशु आवास की सफाई करते समय, तो उसका अपनी नाक व आंखों में प्रवेश रोकने हेतु, मास्क पहनें।
- जब आप जानवरों के आसपास हों, तो किसी भी चोट, खरोंच, घाव और, यहां तक कि, फटी या सूखी त्वचा को ढककर रखें।
- अपने पालतू जानवर के काटने और खरोंच से बचें और जानवरों से प्राप्त किसी भी खरोंच या काटने को तुरंत साफ करें।
- संक्रमण के किसी भी लक्षण (जैसे कि, लालिमा, सूजन, रिसाव) के लिए घाव की निगरानी करें। यदि, ऐसे लक्षण दिखते हैं, तो अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करें।
- बच्चों, विशेष रूप से 5 वर्ष और उससे कम उम्र के बच्चों की हमेशा पालतू जानवरों के आसपास रहते समय निगरानी रखी जानी चाहिए।
- पशुजन्य रोगों को कम करने के लिए, अपने पालतू जानवर की सेहत पर ध्यान दें। सर्वोत्तम स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे में अपने पशुचिकित्सक से बात करें।
- अपने पालतू जानवरों की पशुचिकित्सक से सालाना जांच करवाएं, और टीकाकरण व अन्य उपचार चालू रखें।
- पशु क्षेत्रों को हमेशा साफ एवं स्वच्छ रखें।
- पशुओं के कचरे या मल–मूत्र का अच्छी तरह से, निपटान करें।
- कीड़े, किलनी और वन्य जीवन में रोग फैलाने वाले जीव हो सकते हैं, जो आपको या आपके पालतू जानवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए, - रोग वाहकों से बचें।
पालतू जानवरों को वन्यजीवों के संपर्क में आने से, रोकें।
संदर्भ
https://tinyurl.com/47hfpa6d
https://tinyurl.com/59kkurxc
https://tinyurl.com/37x8t8v4
https://tinyurl.com/yb4v65nc
https://tinyurl.com/47sm7ypn
चित्र संदर्भ
1. हाथ में चमकादड़ को दर्शाता चित्रण (
Rawpixel)
2. फ्रांसीसी जीवविज्ञानी लुई पाश्चर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. कोरोना वायरस को संदर्भित करता एक चित्रण (innovativegenomics)
4. टीकाकरण को संदर्भित करता एक चित्रण (vigyanprasar)
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