समयसीमा 234
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 960
मानव व उसके आविष्कार 744
भूगोल 227
जीव - जन्तु 284
Post Viewership from Post Date to 11- Jun-2024 (31st Day) | ||||
---|---|---|---|---|
City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
2097 | 84 | 2181 |
कहानियाँ अक्सर हमें उन जगहों पर भी ले जाती हैं, जहाँ हम कभी गए ही नहीं थे। उदाहरण के तौर पर हमने अफगानिस्तान और तालिबान के बारे में बहुत कुछ सुना है, लेकिन क्या हम वास्तव में समझते हैं, कि काबुल में रहने वाले किसी आम महिला की रोजमर्रा की जिंदगी कैसी होती होगी? आइए प्रसिद्ध लेखिका डेबोरा रोड्रिग्ज (Deborah Rodriguez) द्वारा लिखित पुस्तक 'ए लिटिल कॉफ़ी शॉप ऑफ़ काबुल (A Little Coffee Shop of Kabul)' के माध्यम से वहां रहने वाले लोगों की जीवनदशा को समझने का प्रयास करते हैं।
अपने प्रसिद्ध उपन्यास, "द लिटिल कॉफ़ी शॉप ऑफ़ काबुल" के माध्यम से डेबोरा रोड्रिग्ज, अफगानिस्तान के बारे में हमारी समझ को
साफ करती है तथा हमारी अज्ञानता से निर्मित संकीर्ण सोच वाले विचारों को भी चुनौती देती है।
"द लिटिल कॉफ़ी शॉप ऑफ़ काबुल" मूलतः पाँच महिलाओं की कहानी है, जिनका जीवन अफगानिस्तान के काबुल में एक छोटी सी कॉफ़ी शॉप
से जुड़ा हुआ है| इस कहानी में कई मुख्य पात्र हैं, जिनमें से कुछ पात्र दूसरों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण हैं। इसमें कई कहानियां भी हैं, जो किसी न किसी तरह से आपस में जुड़ी हुई हैं। यह कहानी अफगानिस्तान के काबुल में राजनीतिक उथल-पुथल और तालिबान के पुनरुत्थान की स्थिति को दर्शाती है।
किताब की कहानी अफगानिस्तान के काबुल में राजनीतिक अशांति और तालिबान की वापसी के समय की है। कहानी के केंद्र में एक कैफे है, जिसे सनी (Sunny) नाम की एक अमेरिकी महिला ने खोला था। वह अपने प्रेमी टॉमी (Tommy) के साथ काबुल चली गई थी, लेकिन वो यहां भी उसे कभी-कभी ही मिल पाता है। वह एक सफल व्यवसायी हैं, और टॉमी के साथ एक नया जीवन शुरू करने की उम्मीद कर रही है। उनका कैफे विविध लोगों के समूह के लिए एक सभा स्थल बन जाता है।
एक बार वह गांव की एक साधारण लड़की याज़मीना (Yazmina) को बचाती है, जिसका गर्भावस्था के दौरान अपहरण कर लिया गया था और काबुल की सड़कों पर छोड़ दिया गया था। उसका पति, जिससे वह बहुत प्यार करती थी, अब मर चुका है। सनी का कैफे याज़मीना के लिए एक पनाहगार बन जाता है, जो उसे जीवन का दूसरा मौका प्रदान करता है। कहानी के प्रमुख पात्रों में से एक हलाजन (Halajan) भी हैं, जो उस इमारत की मूल मालकिन हैं, जिसमें अब काबुल कॉफी हाउस खुला हुआ है। हालांकि वह एक उत्साही महिला हैं, किंतु वह हमेशा अतीत की यादों में खोई रहती हैं। हलाजन कॉफी शॉप के बगल में रहती है, और कहानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वह एक बुजुर्ग महिला हैं जो उन दिनों को याद करती हैं, जब काबुल में महिलाओं को अधिक स्वतंत्रता थी और वह सुरक्षित थी।
इसी कहानी में कैंडेस (Candace) नाम की एक धनी अमेरिकी महिला भी प्रमुख भूमिका में हैं। वह हमेशा दूसरों की मदद करने की प्रबल इच्छा रखती हैं, लेकिन कई बार वह ऐसे निर्णय ले लेती हैं, जो उनकी इच्छा के एक दम विपरीत साबित होते हैं। कैंडेस ने अपने अफगान प्रेमी वकील के साथ रहने के लिए अपने पति को छोड़ दिया है।
इसी कहानी में एक ब्रिटिश पत्रकार इसाबेल (Isabel) भी होती हैं, जिन्हें खतरनाक घटनाओं की निडर रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता है। उनका अतीत भी दुखों और आघात से भरा हुआ है, और उनके काम की प्रकृति के कारण उनका भविष्य भी जोखिमों से भरा है।
भावनाओं के एक रोलरकोस्टर (Roller Coaster) की तरह, इस कहानी में भी कई अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव आते हैं। कहानी के प्रत्येक पात्र को अपने स्वयं के आंतरिक या बाहरी संघर्षों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, उन सभी को कैफे में आकर सुकून और आपसी सहयोग मिलता है, जो अराजकता के बीच एकता और लचीलेपन का प्रतीक है।
यह पुस्तक युद्धग्रस्त क्षेत्र का मानवीकरण करने के संदर्भ में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो वाकई सराहना की पात्र है।
हालाँकि, पुस्तक की कुछ अपनी कमियाँ भी हैं। जैसे कि इसमें सनी, इसाबेल और कैंडेस जैसे कुछ पात्रों को अधिक मजबूत और शक्तिशाली, रूप में चित्रित किया जा सकता था। दूसरी ओर, किताब में अफ़ग़ान महिलाओं, हलाजन और याज़मीना को अविश्वसनीय रूप से मजबूत महिलाओं के रूप में चित्रित किया गया है।
कहानी में वर्णित ये महिलाएं जैसे-जैसे एक-दूसरे को जानती हैं, वैसे-वैसे वे एक दूसरे के साथ अनोखा बंधन बनाती हैं जो उनके और कई अन्य लोगों के जीवन को भी हमेशा के लिए बदल देता है। ‘द लिटिल कॉफ़ी शॉप ऑफ़ काबुल’ हमें उस कैफे की दीवारों से परे बसे अफगानिस्तान की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के बारे में भी बताती है। हालाँकि उस समय वहां पर तालिबान का कब्ज़ा होता है, लेकिन यह उपन्यास हमें याद दिलाता है कि अफगानिस्तान को केवल संघर्षों के देश तक ही सीमित नहीं करना चाहिए।
अलग-अलग परिस्थितियों का सामना करने के बावजूद ये महिलाएं एक-दूसरे के संघर्षों को समझती हैं। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे इन महिलाओं को अपनी आंतरिक शक्ति का पता चलता है। इस कहानी को पढ़ते-पढ़ते पाठक के मन में भी कई सवाल उठने लगते हैं, जैसे कि क्या कैंडेस का प्यार सच्चा था? क्या सनी को अपने अतीत से परे और भी बहुत कुछ देखना चाहिए? क्या याज़मीना को अपने अजन्मे बच्चे के लिए लड़ना चाहिए? ये सभी प्रश्न कहानी की जड़ हैं, इसलिए आपको यह पुस्तक जरूर पढ़नी चाहिए।
संदर्भ
https://tinyurl.com/mk7bkpmn
https://tinyurl.com/6mybk4a6
चित्र संदर्भ
1. ए लिटिल कॉफ़ी शॉप ऑफ़ काबुल पुस्तक और हिजाब पहनी हुई महिलाओं को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels, amazon)
2. ए लिटिल कॉफ़ी शॉप ऑफ़ काबुल पुस्तक को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
3. अफगानिस्तानी महिलाओं को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. रोती हुई महिला को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. दो अफगानी महिलाओं को दर्शाता एक चित्रण (getarchive)
6. ए लिटिल कॉफ़ी शॉप ऑफ़ काबुल पुस्तक को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
7. बुर्के की दुकान को दर्शाता एक चित्रण (bworldonline)
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.