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गणित का नाम सुनते ही कई लोगों के माथे से पसीना छूटने लगता है, लेकिन अगर उन्हीं लोगों से आप किसी कलाकृति में छिपे, गहरे अर्थों के बारे में पूछें तो संभवतः वह तुरंत जवाब दे देंगे। आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनियां की कई प्रसिद्ध कलाकृतियों को बनाने में बड़े पैमाने पर गणित का प्रयोग किया गया है। इसका एक अर्थ यह भी है, कि कला और गणित दोनों ही विषय आपस में कई समानताएं साझा करते हैं, और इन समानताओं का फायदा उठाने पर, उन लोगों को भी गणित से प्रेम हो जाएगा, जिन्हें कला से तो प्रेम है, किंतु गणित से डर लगता है।
कला और गणित आपस में एक गहरा और बहुआयामी संबंध साझा करते हैं, तथा दोनों ही मौलिक स्तर पर एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
आइए कुछ प्रमुख अवधारणाओं पर ग़ौर करें जो इस संबंध को स्पष्ट करती हैं:
1. स्वर्णिम अनुपात (golden ratio): स्वर्णिम अनुपात या गोल्डन रेशियों, लगभग 1.618, एक गणितीय स्थिरांक है, जिसे अपनी सौन्दर्यात्मक सुंदरता के लिए जाना जाता है। इस अनुपात को प्राचीन ग्रीक पार्थेनन (Parthenon) से लेकर लियोनार्डो दा विंची (Leonardo da Vinci) के "विट्रुवियन मैन (Vitruvian Man)" तक कला के कई कार्यों में देखा जा सकता है। यह अनुपात किसी रचना के भीतर, तत्वों के अनुपात को निर्धारित करता है, जिससे उसमें संतुलन और सामंजस्य की भावना पैदा होती है।
2. फिबोनाची अनुक्रम (Fibonacci sequence): यह अनुक्रम (0, 1, 1, 2, 3, 5, 8, 13, 21,…) का एक पैटर्न है, जहां प्रत्येक संख्या उससे पहले की दो संख्याओं का योग है। आप इस पैटर्न को पाइन कोन (pine cones) और सूरजमुखी जैसे प्राकृतिक रूपों में भी देख सकते हैं। किसी भी कला को दृश्य रूप से आकर्षक और व्यवस्थित बनाने के लिए कलाकार इन अनुपातों का अक्सर उपयोग करते हैं।
- समरूपता और संतुलन
1. चिंतनशील समरूपता (Reflective symmetry): गणित कलाकारों को विभिन्न प्रकार की समरूपता प्रदान करती है, जिसका उपयोग कलाकार संतुलित और आकर्षक रचनाएँ बनाने के लिए करते हैं।
2. परावर्तक समरूपता (Under reflection symmetry) के तहत पहला आधा भाग दूसरे आधे भाग को प्रतिबिंबित करता है। यह समरूपता, कला और वास्तुकला में अक्सर दिखाई दे जाती है।
3. घूर्णी समरूपता (Rotational symmetry): यह समरूपता, जहां एक वस्तु एक निश्चित मात्रा में घूमने के बाद एक जैसी दिखती है, इस्लामी ज्यामितीय पैटर्न में अक्सर देखी जाती है।
- परिप्रेक्ष्य और स्थान
1. रैखिक परिप्रेक्ष्य (Linear perspective): पुनर्जागरण के दौरान विकसित इस तकनीक की मदद से दो-आयामी सतह ( two-dimensional surface) पर गहराई और त्रि-आयामीता (three-dimensionality) का भ्रम पैदा करने के लिए गणितीय सिद्धांतों का उपयोग किया जाता है।
2. फ्रैक्टल ज्योमेट्री (Fractal Geometry): गणित की यह शाखा असीम रूप से जटिल, स्व-प्रतिकृति पैटर्न (self-replicating patterns) से संबंधित है। इसका उपयोग जैक्सन पोलक और बेनोइट मंडेलब्रोत (Jackson Pollock and Benoit Mandelbrot) जैसे कलाकारों ने अपने काम में कई बार किया है।
- एल्गोरिदम कला (Algorithm Art)
1. जनरेटिव आर्ट (Generative Art): यह तकनीकी कला शैली, किसी भी कलाकृति का निर्माण करने के लिए एल्गोरिदम का उपयोग करती है। इसके तहत प्रोग्रामर (programmers) ऐसे कोड (code) लिखते हैं, जो नियम और पैरामीटर निर्धारित करते हैं, जिसके आधार पर कोई भी कंप्यूटर, दृश्य आउटपुट (visual output) उत्पन्न कर सकता है। यह कला रूप लेखकत्व और रचनात्मकता के पारंपरिक विचारों को चुनौती देता है।
- रेखा: कला में, रेखाएँ बिल्कुल सीधी या घुमावदार हो सकती हैं, जिसे केवल गणितीय परिशुद्धता के साथ ही हासिल किया जाता है। कलाकार अपनी रचनाओं में सटीक रेखाएँ बनाने के लिए रूलर और कम्पास (ruler and compass) जैसे ज्यामितीय उपकरणों का भी उपयोग करते हैं।
- ज्यामिति: कला जगत में आकृतियाँ कई बार ज्यामितीय सिद्धांतों का पालन करती हैं। कला के क्षेत्र में वृत्त, वर्ग, त्रिकोण और अन्य बहुभुज जैसी बुनियादी ज्यामितीय आकृतियों का उपयोग द्वि-आयामी और त्रि-आयामी कला में विभिन्न प्रकार की आकृतियाँ बनाने के लिए किया जाता है।
- त्रि-आयामी कला: कलाकार गणित का उपयोग द्वि-आयामी सतह पर त्रि-आयामी रूप का भ्रम पैदा करने के लिए भी करते हैं। छायांकन, परिप्रेक्ष्य और पूर्वाभास जैसी तकनीकें गहराई और आयतन को चित्रित करने के लिए गणितीय सिद्धांतों का उपयोग करती हैं।
- पैटर्न और दोहराव: कला जगत में जटिल और आकर्षक बनावट बनाने के लिए टेस्सेलेशन और फ्रैक्टल (tessellation and fractals) जैसी गणितीय अवधारणाओं का उपयोग किया जा सकता है।
- रंग सिद्धांत: रंग सिद्धांत (जिसमें रंग पहिया (color wheel), पूरक रंग और रंग सामंजस्य (complementary colors and color harmony) जैसी अवधारणाएं शामिल हैं) भी गणितीय सिद्धांतों पर आधारित है।
गुज़रते समय के साथ कला और गणित के बीच संबंध लगातार विकसित हो रहा है। गणित कंप्यूटर-जनित कला (computer-generated art) से लेकर आभासी वास्तविकता (virtual reality) और गणितीय एल्गोरिदम (mathematical algorithms) के संलयन तक, कला के हर रूप को और अधिक बेहतर बना रही है।
आकार, समरूपता, अनुपात और माप सहित ज्यामिति जैसे तत्वों का उपयोग कलाकारों और गणितज्ञों दोनों के द्वारा किया जाता है।
इस साझा आधार ने कई शिक्षकों को अपना ध्यान STEM (विज्ञान (Science), प्रौद्योगिकी (Technology), इंजीनियरिंग (Engineering ) और गणित (Mathematics) से STEAM पर स्थानांतरित करने के लिए प्रेरित किया है, जहां 'A' कला यानी आर्ट (Art) का प्रतिनिधित्व करता है।
हालाँकि अधिकाँश बच्चे अक्सर खुद को "कला प्रेमी" अथवा "गणित प्रेमी" के रूप में वर्गीकृत करते हैं। वे यह मान लेते हैं कि वे दोनों विषयों में एक साथ उत्कृष्टता प्राप्त नहीं कर सकते हैं। यहाँ तक की माता-पिता भी इस मानसिकता का शिकार हो सकते हैं, और अपनी क्षमताओं को निश्चित और अपरिवर्तनीय मान लेते हैं।
लेकिन जब हम बच्चों को कला और गणित के बीच अंतरसंबंध को समझने के लिए प्रेरित करते हैं, तो हम न केवल दोनों क्षेत्रों में उनके कौशल को ही नहीं बढ़ाते, बल्कि एक कलाकार और गणितज्ञ होने के सही अर्थों से भी उन्हें परिचित कराते हैं। वास्तव में गणित भी एक रचनात्मक क्षेत्र हो सकता है, और कला में भी विश्लेषणात्मक सोच शामिल हो सकती है। इस प्रकार दोनों ही हमारी कल्पना शक्ति को जगा सकते हैं।
कई कलाकारों ने अपनी रचनाओं को अधिक प्रभावी और आकर्षक बनाने के लिए गणितीय सिद्धांतों का प्रभावी ढंग से उपयोग किया है। चलिए उन तीन प्रसिद्ध कलाकारों के बारे में जानते हैं, जिन्होंने अपनी रचनाओं में गणित को भी शामिल किया है।
1. एमसी. एस्चर (M.C. Escher): माध्यमिक विद्यालय के अलावा कोई भी औपचारिक गणितीय प्रशिक्षण प्राप्त नहीं होने के बावजूद, एस्चर के कार्यों में टैसलेशन और ज्यामिति (tessellation and geometry) जैसी गणितीय अवधारणाओं को आसानी से देखा जा सकता है।
2. वोल्फगैंग एमॅड्यूस मोजार्ट (WOLFGANG AMADEUS MOZART) : इतिहास के सबसे प्रसिद्ध संगीतकारों में से एक वोल्फगैंग अमाडेस मोजार्ट की रचनाएँ, संगीत में रचनात्मकता और गणित के बीच के अंतर संबंधों का एक प्रमुख उदाहरण मानी जाती हैं। उनकी रचना, "द म्यूजिकल डाइस गेम (The Musical Dice Game)" को इसका एक उल्लेखनीय उदाहरण माना जाता है। इस रचना में 16 माप शामिल हैं, और प्रत्येक प्रदर्शन में अंतिम माप स्थिर रहता है।
3. लियोनार्डो दा विंची: लियोनार्डो दा विंची कला में गणितीय परिशुद्धता के महत्व में विश्वास करते थे। उन्होंने अपने कार्यों में, अपनी सबसे प्रसिद्ध पेंटिंग, मोनालिसा (Mona Lisa ) सहित, सौंदर्य की दृष्टि से मनभावन अनुपात से जुड़ी एक गणितीय अवधारणा, गोल्डन रेशियो (Golden Ratio) का बड़े पैमाने पर उपयोग किया। उनका काम, विट्रुवियन मैन, गणित के प्रति उनके आकर्षण को भी दर्शाता है, जिसमें मानव शरीर के अनुपात को प्रदर्शित करने के लिए एक वृत्त और एक वर्ग के भीतर फैले हुए अंगों वाले एक व्यक्ति को दर्शाया गया है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/ysswbnv3
https://tinyurl.com/bdh6zp7m
https://tinyurl.com/yp5dnpfu
चित्र संदर्भ
1. कला के निर्माण में गणित के प्रयोग को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. स्वर्णिम अनुपात को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. फिबोनाची अनुक्रम के आधार पर खरगोशों की वृद्धि को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. सूरजमुखी को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. चिंतनशील समरूपता को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. घूर्णी समरूपता को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. रैखिक परिप्रेक्ष्य को दर्शाता एक चित्रण (lookandlearn)
8. फ्रैक्टल ज्योमेट्री को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
9. जनरेटिव आर्ट को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
10. रंग पहिये को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
11. शेख लोतफुल्लाह मस्जिद की छत को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
12. एमसी.एस्चर की कला को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
13. मोनालिसा को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
14. विट्रुवियन मैन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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