विश्व रंगमंच दिवस पर जानें ऑपेरा का इतिहास व देखें भारत के पहले ‘रॉयल ओपेरा हाउस’ का सफ़र

द्रिश्य 2- अभिनय कला
27-03-2024 09:29 AM
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विश्व रंगमंच दिवस पर जानें ऑपेरा का इतिहास व देखें भारत के पहले ‘रॉयल ओपेरा हाउस’ का सफ़र

क्या आपने ऐसी फिल्में देखी हैं जिनमें अभिनेता या अभिनेत्री पुराने अंग्रेजी कपड़े और पंख पहने हुए ऊंचे स्वर में गाते हुए एक कहानी सुनाते हैं। हम बात कर रहे हैं ओपेरा (opera) की। ओपेरा के माध्यम से आम तौर पर संगीत और गायन के साथ एक कहानी प्रस्तुत की जाती है। ओपेरा की शुरुआत के बाद से ही, संगीतकारों, गायकों और निर्देशकों द्वारा इस कला का उपयोग महत्वपूर्ण कहानियाँ बताने, मनोरंजन करने और अपने समय के मुद्दों पर टिप्पणी करने के लिए किया गया है। तो आइए आज विश्व रंगमंच दिवस के मौके पर ओपेरा, इसके इतिहास और महत्त्व के बारे में जानते हैं और यह भी जानते हैं कि यह दुनिया भर में इतना लोकप्रिय कैसे हुई है। इसके साथ ही हमारे देश के रॉयल ओपेरा हाउस के बारे में भी जानते हैं। ओपेरा, गीत के माध्यम से बताई गई एक नाटकीय कहानी है। कई लोग इसे सबसे संपूर्ण कला रूप मानते हैं जिसमे कला, गीत, संगीत, नाटक और नृत्य के सभी तत्वों का मिश्रण होता है। आरंभिक इतालवी ओपेरा को "फ़ेवोला इन म्यूज़िका" (favola in musica) अर्थात संगीत में कल्पित कहानी और "ड्रामा पर म्यूज़िका" (dramma per musica) अर्थात संगीत के माध्यम से नाटक जैसे कई नाम दिए गए, जो इसकी अवधारणा को सही रूप में व्यक्त करते हैं। ओपेरा की सबसे अनोखी विशेषता पूरी कहानी/कथानक को व्यक्त करने के लिए संगीत का उपयोग करना है। यह इस भावना पर आधारित है कि संगीत लोगों की प्रतिक्रियाओं और भावनाओं को शब्दों या चित्रों की तुलना में बेहतर तरीके से संप्रेषित कर सकता है। ओपेरा में किसी भी प्रकार की नाटकीय कहानी को संगीत की मदद से अधिक रोमांचक और अधिक विश्वसनीय बनाने का प्रयास किया जाता है। सिंड्रेला (Cinderella), हेंसल और ग्रेटेल (Hansel and Gretel) और रोमियो और जूलियट (Romeo and Juliet) जैसी कई प्रसिद्ध कहानियों को ओपेरा के माध्यम से प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया है। ओपेरा की शुरुआत प्राचीन यूनानियों से मानी जा सकती है। उन्होंने कविता और संगीत को मिलाकर ऐसे नाटक बनाए जिनमें गीत और नृत्य के साथ तार या पवन वाद्ययंत्र शामिल थे। 1100 के दशक में, प्रारंभिक ईसाई चर्च द्वारा धार्मिक कहानियों को संगीत में ढाला गया, और एक ऐसी शैली विकसित की गई जिसे धार्मिक नाटक के रूप में जाना जाता है। पहला वास्तविक ओपेरा, जैकोपो पेरी (Jacopo Peri) द्वारा रचित डाफ्ने (Daphne) था। इसमें एक ग्रीक मिथक की कहानी बताई गई है। ओपेरा के पहले महान संगीतकार क्लाउडियो मोंटेवेर्डी (Claudio Monteverdi) (1567-1643) थे। उनके कुछ ओपेरा आज भी प्रदर्शित किये जाते हैं।
ओपेरा सबसे पहले इटली (Italy) में लोकप्रिय हुआ। समय के साथ, मनोरंजन का यह रोमांचक रूप यूरोप के बाकी हिस्सों में भी फैल गया। इटली के साथ फ़्रांस (France) और जर्मनी (Germany) भी प्रमुख ओपेरा निर्माता की सूची में शामिल हो गए। अंततः, ओपेरा में इनमें से प्रत्येक देश की कहानियों और संगीत शैलियों को प्रतिबिंबित किया जाने लगा। इतालवी ओपेरा में हमेशा गायक और मानव आवाज की सुंदर ध्वनियों पर बहुत जोर दिया गया है। जबकि फ्रांसीसी ओपेरा में नाटक के चित्रात्मक पक्ष का समर्थन किया गया, और इसके कारण दृश्य चित्रण, विशेषकर नृत्य पर निरंतर जोर दिया गया। और जर्मन ओपेरा में इतालवी और फ्रांसीसी दोनों परंपराओं से निष्कर्ष निकालने की कोशिश की गई और सिर्फ एक कहानी से अधिक प्रस्तुत करने के प्रयास में जर्मन ओपेरा इन दोनों से आगे निकल गया। वास्तव में, सबसे महान जर्मन ओपेरा संगीतकारों में से एक, रिचर्ड वैगनर (Richard Wagner) ने अपने अधिकांश ओपेरा कथानकों के लिए किंवदंतियों या मिथकों को चुना ताकि वह सिर्फ एक कहानी के साथ-साथ विचारों को भी संप्रेषित कर सकें। ओपेरा के प्रदर्शन के लिए एक विशेष रंग मंच भवन ओपेरा हाउस (Opera House) का उपयोग किया जाता है। कई रंगमंचों की तरह, इसमें आमतौर पर एक मंच, एक ऑर्केस्ट्रा पिट, दर्शकों के बैठने की जगह, वेशभूषा और भवन सेट के लिए मंच के पीछे की सुविधाएं, साथ ही संस्थान के प्रशासन के लिए कार्यालय शामिल होते हैं।
यहाँ विश्व के कुछ प्रसिद्ध ओपेरा हाउस की सूची दी गई है:
टीट्रो अल्ला स्काला, मिलान, इटली (Teatro alla Scala, Milan, Italy)
बर्लिन स्टेट ओपेरा, उन्टर डेन लिंडेन, जर्मनी (Berlin State Opera, Unter den Linden, Germany)
राष्ट्रीय रंगमंच, म्युनिक, जर्मनी (National Theatre, Munich, Germany)
टीट्रो रियल, मैड्रिड, स्पेन (Teatro Real, Madrid, Spain)
बोल्शोई थिएटर, मॉस्को, रूस (Bolshoi Theatre, Moscow, Russia)
ग्रैंड थिएटर, वारसॉ, पोलैंड (Grand Theatre, Warsaw, Poland)
ला मोनाई का रॉयल थिएटर, ब्रुसेल्स, बेल्जियम Royal (Theatre of La Monnaie, Brussels, Belgium)
रॉयल ओपेरा हाउस, लंदन, (Royal Opera House, London)
वियना स्टेट ओपेरा, ऑस्ट्रिया (Vienna State Opera, Austria)
पैलैस गार्नियर, पेरिस, फ़्रांस (Palais Garnier, Paris, France)
सेम्पेपर, ड्रेसडेन, जर्मनी (Semperoper, Dresden, Germany)
हंगेरियन स्टेट ओपेरा हाउस, बुडापेस्ट, हंगरी (Hungarian State Opera House, Budapest, Hungary)
स्टॉपेरा, एम्स्टर्डम, नीदरलैंड (Stopera, Amsterdam, Netherlands)
मेट्रोपॉलिटन ओपेरा हाउस, लिंकन सेंटर, न्यूयॉर्क सिटी, (Metropolitan Opera House, Lincoln Center, New York City)
हमारे देश भारत में भी मुंबई शहर का 'रॉयल ओपेरा हाउस' (Royal Opera House) 1900 के दशक के दौरान, अपने सामाजिक, कलात्मक और सांस्कृतिक गौरव के चरम पर था। इस रॉयल ओपेरा हाउस का उद्घाटन 1911 में किंग जॉर्ज पंचम (King George V) द्वारा किया गया था। इसकी संरचना 1916 में बनकर तैयार हुई थी। ओपेरा हाउस की आंतरिक डिज़ाइन शैली भारतीय और यूरोपीय संस्कृतियों का मिश्रण है। इसकी छत की संरचना को इस प्रकार बनाया गया है कि दूर बैठे लोग भी कलाकारों द्वारा गाए गए प्रत्येक शब्द को सुन सकें। 1917 तक, रॉयल ओपेरा हाउस आंशिक रूप से एक रंगमंच में परिवर्तित हो गया। 1925 तक, ब्रिटिश पाथे (British Pathe) जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व की फिल्मों का एक संग्रह है, द्वारा इसे अपनी फिल्मों के लिए किराए पर लिए जाने के बाद यह पूरी तरह परिवर्तित हो गया। इसके बाद रॉयल ओपेरा हाउस के स्वामित्व में कई बदलाव हुए। 1952 में गोंडल के महाराजा, श्री विक्रम सिंह जी द्वारा इसे खरीदा गया। और फिर स्वामित्व परिवर्तन की एक श्रृंखला के बाद, ओपेरा हाउस गोंडल के महाराजा और श्री विक्रम सिंह जी के पुत्र, श्री ज्योतेंद्र सिंह जी जडेजा के संरक्षण में आ गया। 1980 के दशक में, वीडियो प्लेयर्स और 1990 के दशक में, केबल टेलीविजन के आगमन के कारण ग्राहकों की घटती संख्या के कारण ओपेरा हाउस को घाटा होने लगा। 1993 में रॉयल ओपेरा हाउस को अपना परिचालन बंद करना पड़ा। लेकिन 2008 में, इसका नवीकरण शुरू हुआ। वर्ष 2016 में इसे फिर से जनता के लिए खोल दिया गया है और अब यहाँ कई संगीत, नाटक और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसमें 575 लोगों के बैठने की क्षमता है। इसमें एक ऑर्केस्ट्रा पिट, एक ग्रीन रूम और बैकस्टेज भी है। ऑर्केस्ट्रा पिट में 15 से 20 संगीतकार आराम से बैठ सकते हैं। 2016 में महाराजा ज्योतेंद्र सिंह जी जाडेजा के करीबी पारिवारिक मित्र आशीष दोशी को इसके उद्घाटन के बाद ओपेरा हाउस का निदेशक नामित किया गया। इस इमारत को सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के लिए 2017 यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कारों (UNESCO Asia-Pacific Awards) के तहत मेरिट पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके साथ ही इसे 'पूर्व के बेहतरीन थिएटरों में से एक' का खिताब भी दो बार मिल चुका है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/mv85ysw4
https://tinyurl.com/rt7y85w9
https://tinyurl.com/4mre5a8r

चित्र संदर्भ
1. मुंबई शहर के 'रॉयल ओपेरा हाउस' को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia, youtube)
2. ओपेरा को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. थिएटर डेस बौफ़ेस-पेरिसियंस" (Theatre des Bouffes-Parisiens), जिसकी स्थापना 1855 में संगीतकार जैक्स ऑफ़ेनबैक (Jacques Offenbach) ने ओपेरा प्रदर्शन के लिए की थी, में पधारे उत्सुक दर्शकों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. ओपेरा के प्रदर्शन के लिए एक विशेष रंग मंच भवन ओपेरा हाउस को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. मुंबई शहर के 'रॉयल ओपेरा हाउस' को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. भीतर से मुंबई शहर के 'रॉयल ओपेरा हाउस' को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)

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