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मानसिक मंदता से पीड़ित लोग हमारे समाज का एक ऐसा वर्ग हैं जिन पर परिवार के साथ साथ समाज और सरकार को अतिरिक्त ध्यान देने और पुनर्वास की आवश्यकता है। आइए मानसिक मंदता और अन्य विकासात्मक विकलांगताओं वाले लोगों की समानता और कल्याण की दिशा में सरकार द्वारा लागू किए गए विभिन्न अधिनियमों और योजनाओं के विषय में विस्तार से जानते हैं।
गर्भावस्था से शिशु की 18 वर्ष की आयु तक विकास संबंधी विकारो के कारण बच्चे मानसिक मंदता से पीड़ित हो जाते हैं। स्थायी प्रकृति की मानसिक मंदता का इलाज संभव नहीं होता है, इसलिए उन्हें समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी अधिनियम', 1995 (PWD अधिनियम) की धारा 2 के तहत दिव्यांग व्यक्तियों की श्रेणी में माना जाता है। हमारे देश भारत में मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के कल्याण के लिए दो प्रावधान ‘PWD अधिनियम’, 1995 और ‘राष्ट्रीय ट्रस्ट अधिनियम’, 1999 किए गए हैं। इन प्रावधनों के अतिरिक्त मानसिक रूप से मंद व्यक्ति 'विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन' (UN Convention on the Rights of Persons with Disabilities (CRPD), 2008 के दायरे में भी आते हैं। भारतीय रेलवे और कुछ राज्य सरकारें मानसिक रूप से मंद व्यक्तियों के लिए यात्रा संबंधी विशिष्ट सुविधा योजनाएं उपलब्ध कराती हैं। आयकर अधिनियम के तहत मानसिक रूप से मंद बच्चों के माता पिता को आयकर लाभ भी प्राप्त होता है। CRPD नीति के तहत मानसिक रूप से मन्द बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने और मानसिक, शारीरिक क्षमताओं और रचनात्मकता का विकास करने के लिए समान अवसर प्रदान किए जाते हैं।
मानसिक मंदता वाले बच्चों में कौशल एवं क्षमताओं की कमी होती है जो मानसिक मंदता की गंभीरता और स्तर के अनुरूप प्रकट होती है। मानसिक मंदता की गंभीरता, मस्तिष्क की क्षति के आधार पर निश्चित की जाती है तथा मंदता का स्तर प्रशिक्षण सहायता से सीखने की क्षमता के स्तर को निर्धारित करता है। मानसिक रूप से मंद बच्चों के लिए किस प्रकार की शिक्षण कार्य प्रणाली का चयन किया जाना चाहिए इसका निर्धारण मानसिक मंदता की गंभीरता तथा स्तर के आधार पर किया जाना चाहिए। मानसिक मंदता का स्तर कम, मध्यम, गंभीर से लेकर अति गंभीर तक भिन्न हो सकता है। इसलिए प्रशिक्षण कार्य प्रणाली का चयन मानसिक मंदता के स्तर, आयु, अनुकूलनशीलता का स्तर और बच्चे की वर्तमान स्थिति पर निर्भर करता है।
प्रशिक्षण कार्य प्रणाली निर्धारित करते समय एक बच्चे की निम्नलिखित विशिष्ट विशेषताओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए:
i. धीमी प्रतिक्रिया
ii. समझने और सीखने की कम गति।
iii. एकाग्रता का अभाव
iv. क्रोध एवं चिड़चिड़ापन।
v. कमजोर स्मृति
vi. समन्वय की कमी
vii. वाणी विकास में धीमापन
मानव विविधता को महत्व देने वाले और दिव्यांग व्यक्तियों को सम्मान, समान अधिकारों और अवसरों के साथ स्वतंत्र रूप से जीने में पूर्ण भागीदारी को सक्षम और सशक्त बनाने वाले एक समावेशी समाज की स्थापना के ध्येय के साथ ‘राष्ट्रीय न्यास’ (National Trust) भारत सरकार के ‘सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय’ (Ministry of Social Justice and Empowerment) का एक वैधानिक निकाय है, जिसे 1999 का अधिनियम 44 के "स्वलीनता, मस्तिष्कघात, मानसिक मंदता और एकाधिक विकलांगता वाले व्यक्तियों के कल्याण के लिए राष्ट्रीय न्यास" अधिनियम (National Trust for the Welfare of Persons with Autism, Cerebral Palsy, Mental Retardation and Multiple Disabilities) के तहत स्थापित किया गया है। राष्ट्रीय न्यास का दृष्टिकोण एक बदले हुए भारत की तस्वीर दर्शाता है जो मानवाधिकार पर आधारित है। राष्ट्रीय न्यास का मौलिक उद्देश्य, एक ऐसा सक्षम वातावरण बनाना है, जिसमें व्यापक सहायता प्रणालियों के माध्यम से एक समावेशी समाज के विकास के साथ दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अवसर प्रदान किये जा सके।
राष्ट्रीय न्यास के कुछ प्रमुख उद्देश्य निम्न प्रकार हैं:
- दिव्यांग व्यक्तियों को यथासंभव स्वतंत्र रूप से और यथासंभव अपने समुदाय के भीतर और उसके निकट रहने के लिए सक्षम और सशक्त बनाना;
समान अवसरों की प्राप्ति, अधिकारों की सुरक्षा और दिव्यांग व्यक्तियों की पूर्ण भागीदारी को सुविधाजनक बनाना;
- आवश्यकता आधारित सेवाएं प्रदान करने के लिए पंजीकृत संगठनों को सहायता प्रदान करना; और
- दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अभिभावकों और ट्रस्टियों की नियुक्ति के लिए प्रक्रियाएँ विकसित करना।
मानसिक मंदता और अन्य विकास संबंधी विकलांगताओं से पीड़ित व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय न्यास द्वारा चलाई जा रही कुछ योजनाएं निम्नलिखित हैं:
1. दिशा (DISHA) - यह राष्ट्रीय न्यास अधिनियम के तहत आने वाले 10 वर्ष तक के दिव्यांग बच्चों के लिए एक प्रारंभिक हस्तक्षेप और विद्यालय के लिए उन्हें तैयार करने की एक योजना है।
2. विकास (VIKAAS) - यह पारस्परिक और व्यावसायिक कौशल को बढ़ाने के लिए 10 वर्ष से अधिक उम्र के स्वलीनता, मस्तिष्कघात, मानसिक मंदता और एकाधिक विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए एक देखभाल योजना है।
3. समर्थ (SAMARTH) - यह योजना अनाथों, संकटग्रस्त परिवारों, गरीबी रेखा से नीचे दिव्यांग व्यक्तियों (PWDके तहत ), राष्ट्रीय ट्रस्ट अधिनियम के तहत निर्धारित चार विकलांगताओं में से कम से कम एक के साथ निम्न आय वर्ग परिवारों के लिए राहत घर प्रदान करने के लिए है।
4. घरौंदा (GHARAUNDA) - इस योजना के तहत स्वलीनता, मस्तिष्कघात, मानसिक मंदता और एकाधिक विकलांगता वाले व्यक्तियों को जीवन भर आवास और देखभाल सेवाएं प्रदान किया जाता है।
5. निरामय (NIRAMAYA) - यह योजना स्वलीनता, मस्तिष्कघात, मानसिक मंदता और एकाधिक विकलांगता वाले व्यक्तियों को किफायती स्वास्थ्य बीमा प्रदान करती है।
6. सहयोगी (SAHYOGI) - यह दिव्यांग व्यक्तियों और उनके परिवारों की देखभाल करने वालों के प्रशिक्षण और कुशल कार्यबल बनाने के लिए देखभालकर्ता इकाई स्थापित करने की एक योजना है।
7. ज्ञान प्रभा (GYAN PRABHA) - इस योजना के तहत स्वलीनता, मस्तिष्कघात, मानसिक मंदता और एकाधिक विकलांगता वाले व्यक्तियों को शैक्षिक/व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
8. प्रेरणा PRERNA - यह स्वलीनता, मस्तिष्कघात, मानसिक मंदता और बहु विकलांगता वाले व्यक्तियों द्वारा उत्पादित उत्पादों और सेवाओं की बिक्री के लिए व्यवहार्य और व्यापक प्रसार चैनल बनाने के लिए एक विपणन योजना है।
9. संभव (SAMBHAV) - इस योजना के तहत प्रत्येक शहर में सहायक उपकरण, सॉफ्टवेयर और अन्य प्रकार के उपकरणों को एकत्र करने के लिए अतिरिक्त संसाधन केंद्र स्थापित किए जाते हैं।
संदर्भ
https://shorturl.at/eryH2
https://shorturl.at/djlwN
https://shorturl.at/lnBJO
https://shorturl.at/vFVX7
चित्र संदर्भ
1. अपनी माँ को पकड़े हुए बच्चे को संदर्भित करता एक चित्रण (Rawpixel)
2. सामने की ओर देख रहे बच्चे को संदर्भित करता एक चित्रण (Rawpixel)
3. स्कूल में पढ़ते बच्चों को दर्शाता एक चित्रण (Pexels)
4. दो भारतीय बच्चों को दर्शाता एक चित्रण (Pexels)
5. प्रसन्न बच्चों को संदर्भित करता एक चित्रण (
Freerange Stock)
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