समयसीमा 245
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 942
मानव व उसके आविष्कार 740
भूगोल 219
जीव - जन्तु 273
Post Viewership from Post Date to 19- Jan-2024 (31st Day) | ||||
---|---|---|---|---|
City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
2547 | 257 | 2804 |
यदि आप भी मेरठ शहर के इतिहास की जीवंतता को देखने में रूचि रखते हैं, तो आपको राजा जीवन राम के द्वारा चित्रित अनूठे चित्रों को एक बार ज़रूर देखना चाहिए। जीवन राम ने अपने चित्रों के माध्यम से 200 साल पहले के मेरठ और दिल्ली क्षेत्र में लोगों और संस्कृति का एक अनूठा रिकॉर्ड छोड़ा है। उनके कार्य और कृतियां इस क्षेत्र के समृद्ध इतिहास और विरासत का प्रमाण हैं। जीवन राम 19वीं सदी के एक उत्कृष्ठ कलाकार थे, जिन्होंने दिल्ली, मेरठ और पटना में रहते हुए इन क्षेत्रों की जीवनशैली को चित्रित किया। उन्हें मुगल सम्राट अकबर द्वितीय, सरधना की बेगम समरू और ईस्ट इंडियन कंपनी (East Indian Company) के अधिकारियों द्वारा नियुक्त किया गया था। जीवन राम को उनके लघु चित्रों (Miniature Paintings) और तेल चित्रों (Oil Paintings) के लिए जाना जाता था, जिन्हें वह यूरोपीय तकनीकों का उपयोग करके बनाते थे।
आज, उनके चित्रों और प्रिंटों के संग्रह को लंदन की ब्रिटिश लाइब्रेरी (British Library, London) में देखा जा सकता है। राजा जीवन राम की विशिष्ट विशेषताओं में से एक, गहरे रंग की पृष्ठभूमि, मज़बूत साइड-लाइटिंग, और होठों और गालों पर लाल रंग का उपयोग शामिल है।
जीवन राम मुख्य रूप से तेल चित्रकला में अपने कौशल के लिए जाने जाते थे। वह रॉबर्ट मैकमुलिन (Robert Mcmullin), विलियम गार्डन (William Garden), रॉबर्ट स्मिथ (Robert Smith), एडमंड कार्टराईट (Edmund Cartwright) और सर थॉमस मैकमहन (Sir Thomas Mcmahon) सहित कई अधिकारियों के पसंदीदा कलाकार माने जाते थे। हालाँकि उस समय भारत में कई अन्य यूरोपीय चित्रकार भी सक्रिय थे, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि जीवन राम कई लोगों के पसंदीदा कलाकार थे। उन्होंने दिल्ली, पटना, मेरठ, सरधना और आगरा में काम किया और गहरे रंग की पृष्ठभूमि, कमर तक की आकृति और करीब से दिखने वाले चेहरे के साथ तेल चित्रकला की एक अनूठी शैली विकसित की।
जीवन राम अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए जाने जाते थे। विलियम स्लीमैन की पुस्तक रैम्बल्स एंड रिकलेक्शंस (The Rambles And Recollections Of William Sleeman) (लंदन, 1844, खंड 2, पृ.285-7) के अनुसार, जीवन राम को 1834 में सम्राट के चित्र को चित्रित करने के लिए नियुक्त किया गया था। हालाँकि यह पेंटिंग अब अस्तित्व में नहीं है, पेंटिंग का एक प्रारंभिक ब्रश चित्र 1971 में लंडन की इंडिया ऑफिस लाइब्रेरी (India Office Library, London) द्वारा प्राप्त किया गया था। ऐसा प्रतीत होता है कि यह चित्र लघुचित्र के आधार के रूप में बनाया गया है और एक यूरोपीय चित्र के समान दिखता है। उनकी आयल पेंटिंग हाथीदांत पर गौच (Gouche) तकनीक में भी बनाए गए थे।
वर्ष 1827 को उन्होंने कई ब्रिटिश अधिकारियों को चित्रित करने में बिताया। लेकिन 1830 के दशक में उन्होंने बेगम समरू के दल के सदस्यों को चित्रित किया। इनमें से कुछ पेंटिंग अब बोडलियन लाइब्रेरी, और पूर्व गवर्नमेंट हाउस (Bodleian Library, And The Former Government House) इलाहाबाद में हैं। जीवन राम के कौशल को सम्राट अकबर द्वितीय सहित भारतीय संरक्षकों ने भी महत्व दिया था।
ऊपर दी गई बेगम समरू, की इस उत्कृष्ट कृति के निर्माता भी राजा जीवन राम ही हैं। बेगम समरू का असली नाम फरज़ाना था और उनका जन्म मेरठ से 30 मील उत्तर-पश्चिम में कुटाना में लगभग 1750-51 के बीच हुआ था। वह एक सैय्यिदिनी थी, और उनके पिता लुफ्त अली खान एक कुलीन व्यक्ति थे, लेकिन आर्थिक तौर पर बेहद कमज़ोर थे। यह कलाकृति लगभग 1820 और 1830 के बीच मेरठ में ही बनाई गई थी। छवि का भौतिक आयाम 21 इंच ऊंचाई और 16.5 इंच चौड़ाई, या वैकल्पिक रूप से, 53.3 सेमी X 41.9 सेमी है। आज यह कलाकृति एशियाई कला संग्रहालय में मौजूद है।
राजा जीवन राम 1831-32 में लॉर्ड विलियम बेंटिक (लॉर्ड विलियम बेंटिक के कर्मचा) के कर्मचारियों के साथ जुड़े थे, और उन्होंने महाराजा रणजीत सिंह का चित्र बनाया। 1838 में मेरठ में एमिली ईडन (Emily Eden) उनसे मिलीं, जहाँ उन्होंने उनके भाई, गवर्नर-जनरल, लॉर्ड ऑकलैंड (Lord Auckland) का रेखाचित्र बनाया था। एमिली ईडन, जो 1838 में अपने भाई जॉर्ज लॉर्ड ऑकलैंड (1836-42 तक गवर्नर-जनरल) और अपनी बहन फैनी के साथ मेरठ में रहीं, ने जीवन राम के काम की खूब प्रशंसा की। वह जीवन राम द्वारा चित्रित अपने भतीजे विलियम ओसबोर्न (William Osborne) के लघु चित्र से विशेष रूप से प्रभावित हुईं। उन्हें जीवन राम का चित्र एकदम सही और कला का एक सुंदर नमूना लगा। जीवन राम को पटना और दिल्ली के कलाकार लालजी के पुत्र के रूप में भी जाना जाता था, जो खुद भी यूरोपीय प्रकृतिवादी शैली में अग्रणी थे। यह संबंध 1824 की एक पेंटिंग के शिलालेख में अंकित है। ऐसा माना जाता है कि लालजी, योहान ज़ो फानी के शिष्य थे, जो जीवन राम के काम में यूरोपीय प्रभाव को समझा सकता है। जीवन राम के काम के अधिक उदाहरणों के लिए, आप विभिन्न कला पुस्तकों और प्रदर्शनियों को देख सकते हैं जिनमें उनकी पेंटिंग्स प्रदर्शित हैं। इनमें 1824-1836 की कृतियाँ शामिल हैं, जिनमें उस समय के विभिन्न अधिकारियों और हस्तियों को दर्शाया गया है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/yeuj4pa9
https://tinyurl.com/myhrvcs4
https://tinyurl.com/ytwhxwah
https://tinyurl.com/2t98empp
https://tinyurl.com/mbzme6a4
https://tinyurl.com/5n6w9kwn
चित्र संदर्भ
1. जीवन राम द्वारा चित्रित बेगम समरू और कप्तान विलियम गार्डन के चित्र को दर्शाता एक चित्रण (Publicdomainpictures)
2. जीवन राम द्वारा चित्रित लेफ्टिनेंट गर्वेज़ पेनिंगटन (Gervase Pennington)(3rd बंगाल अश्व आर्टिलरी (3rd Bengal Horse Artillery)
और कप्तान रॉबर्ट मैकमुलिन (Captain Robert McMullin) के चित्रों को दर्शाता एक चित्रण (Publicdomainpictures/Prarang)
3. विलियम स्लीमैन की पुस्तक रैम्बल्स एंड रिकलेक्शंस को दर्शाता एक चित्रण (Amazon)
4. राजा जीवन राम द्वारा चित्रित बेगम समरू, की उत्कृष्ट कृति को दर्शाता एक चित्रण (Publicdomainpictures)
5. जीवन राम द्वारा चित्रित मुग़ल शासक अकबर द्वितीय को दर्शाता एक चित्रण (Publicdomainpictures)
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.