सत्यानंद स्टोक्स: एक अमेरिकी क्वेकर जिनके सेब व समाज सेवा ने आज तक हिमाचल में मिठास घोल दी

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सत्यानंद स्टोक्स: एक अमेरिकी क्वेकर जिनके सेब व समाज सेवा ने आज तक हिमाचल में मिठास घोल दी

क्वेकर (Quakers) मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका से प्रोटेस्टेंट ईसाइयों (Protestant Christians) का एक समूह है, जो समाज सेवा के कार्यों के लिए 400 वर्षों से अधिक समय से भारत का दौरा कर रहे हैं। उनके योगदान को महात्मा गांधी ने भी अपने लेखन और कार्य में पहचाना और प्रोत्साहित किया है। हालाँकि क्वेकरों का भारत के साथ संबंध गांधीजी से भी पहले से है।1657 में सोसाइटी के गठन के तुरंत बाद पहले क्वेकर का भारत में आगमन हो गया था। कई क्वेकर सदियों से भारत में रह रहे हैं। यहाँ पर उन्होंने कई स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, पुस्तकालय, बच्चों के क्लब (club) और फार्म (farm) स्थापित किए हैं। ईसाई संप्रदायों के एक समूह, रिलीजियस सोसाइटी ऑफ फ्रेंड्स (Religious Society of Friends) के सदस्यों को “क्वेकर” कहा जाता है। ये लोग प्रत्येक व्यक्ति की "आंतरिक रोशनी" का अनुभव करने या ईश्वर से जुड़ने की क्षमता में विश्वास करते हैं। क्वेकर समूह के लोगों में ईसाई धर्म के प्रति अलग-अलग समझ हो सकती है। ऐसे क्वेकर भी हैं, जो ईश्वर में विश्वास नहीं करते। क्वेकर आम तौर पर पंथों और पदानुक्रमित संरचनाओं से बचते हैं। 2017 तक, दुनिया भर में लगभग 377,557 वयस्क क्वेकर थे, जिनमें से लगभग आधे अफ्रीका में कार्यरत थे।
यदि हम भारत की बात करें तो यहाँ पर पांच क्वेकरों ने गांधीजी के अहिंसा व् स्वतंत्रता अभियान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। चलिए इनके बारे में और अधिक विस्तार से जानते हैं! लंदन में स्थित अगाथा हैरिसन (Agatha Harrison) और म्यूरियल लेस्टर (Muriel Lester) ने फ्रेंड्स ऑफ इंडिया सोसाइटी (Friends of India Society) का नेतृत्व किया, जिसके माध्यम से भारत की आजादी के लिए ब्रिटिश समर्थन जुटाया गया था। इन दोनों के अलावा होरेस अलेक्जेंडर और रेजिनाल्ड रेनॉल्ड्स (Horace Alexander and Reginald Reynolds) ने गांधी जी और ब्रिटिश अधिकारियों के बीच मध्यस्थता करते हुए इंग्लैंड और भारत के बीच खूब यात्राएं की। पांचवें क्वेकर सैमुअल स्टोक्स (Samuel Stokes) (बाद में सत्यानंद) का काम विशेष तौर पर उल्लेखनीय है, क्यों कि उन्होंने भारत में रहते हुए यहाँ पर कई स्कूलों की स्थापना की, जबरन मजदूरी के खिलाफ लड़ाई लड़ी और यहां तक कि भारत के स्वंतंत्रता संग्राम में असहयोग आंदोलन के दौरान जेल भी गये! हालांकि उन्हें विशेषतौर पर भारत या यूँ कहें कि हिमाचल में सेब की खेती शुरू करने और इसके विकास में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। इसका वर्णन लेखिका मार्जोरी साइक्स (Marjorie Sykes), जो खुद भी एक क्वेकर थीं, और जिन्होंने भारत में साठ साल बिताए, की पुस्तक 'एन इंडियन टेपेस्ट्री (An Indian Tapestry)' में भी किया गया है । मार्जोरी गांधी जी और रवीन्द्रनाथ टैगोर को अच्छी तरह जानती थीं। उन्होंने शांतिनिकेतन में लंबे समय तक काम किया, टैगोर के कुछ नाटकों का अनुवाद किया, गांधी और टैगोर के मित्र चार्ल्स फ्रीर एंड्रयूज (Charles Freer Andrews) की जीवनी का सह-लेखन किया और नीलगिरि पहाड़ियों में लड़कियों का एक स्कूल भी चलाया। उन्होंने टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने और बड़े बांधों के निर्माण का विरोध करने के लिए नर्मदा घाटी में भी समय बिताया।
भारत में सेब की खेती के जनक माने जाने वाले सैमुअल स्टोक्स ने 1915 में, अमेरिका की यात्रा के दौरान, रेड डिलीशियस (Red Delicious) नामक सेब की किस्म के कई पौधे खरीदे। उन्होंने 1916 की सर्दियों में हिमांचल के थानेदार नामक स्थान में इसके पौधे लगाए। कुछ साल बाद इन पेड़ों पर पहला सेब लगा, जिसे 1926 में बेचा गया। आज की तारीख में सेब वहां की मुख्य निर्यात फसल बन गये हैं। 22 साल की उम्र में, सैमुअल 1904 में शिमला के सुबाथू में एक कोढ़ी कॉलोनी में काम करने के लिए भारत चले आए थे। अपने माता-पिता की आपत्तियों के बावजूद, उन्होंने यहाँ आने का विकल्प चुना क्योंकि इसमें उन्हें खुशी और संतुष्टि मिलती थी। क्वेकर के रूप में पले-बढ़े सैमुअल भारतीय आध्यात्मिकता की सादगी और तपस्या की अवधारणा से आकर्षित थे। उन्होंने ग्रामीणों के बीच एक संयमित, मितव्ययी जीवन जीना शुरू कर दिया और एक प्रकार से ईसाई संन्यासी या पवित्र व्यक्ति बन गए। आज हिमाचल प्रदेश के थानेदार में नारकंडा के पास स्थित स्टोक्स फार्म, हिमाचल में घूमने के लिए आने वाले यात्रियों के लिए एक पसंदीदा जगह बन गया है। अपने स्वादिष्ट सेबों के लिए प्रसिद्ध, यह फार्म सेब के बगीचों का एक विशाल दृश्य प्रदान करता है। इस फॉर्म में आगंतुकों का स्वागत ताज़गी भरी हरियाली और फार्म के विस्तृत नज़ारों के साथ होता है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/yb9yz3w6
https://tinyurl.com/37pxbx2k
https://tinyurl.com/2652t37r
https://tinyurl.com/msja5tep
https://tinyurl.com/534r8c9n
https://tinyurl.com/mtwsj5uf

चित्र संदर्भ
1. क्वेकर सैमुअल स्टोक्स और सेब के बगीचे को संदर्भित करता एक चित्रण (Needpix, wikimedia)
2. क्वेकरों की मीटिंग को संदर्भित करता एक चित्रण (PICRYL)
3. गंधीजी की पैदल यात्रा को संदर्भित करता एक चित्रण (Rawpixel)
4. रेड डिलीशियस को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. सैमुअल स्टोक्स जी को दर्शाता एक चित्रण (youtube)

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