जीवन का वृक्ष: ब्रह्माण्ड के सभी जीव आपस में किस प्रकार जुड़े हुए हैं?

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24-11-2023 10:35 AM
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जीवन का वृक्ष: ब्रह्माण्ड के सभी जीव आपस में किस प्रकार जुड़े हुए हैं?

जीवन का वृक्ष एक ऐसा प्रतीक है,जो ब्रह्मांड में मौजूद सभी चीजों के अंतर्संबंध का प्रतिनिधित्व करता है। इसे अक्सर कई शाखाओं वाले एक पेड़ के रूप में चित्रित किया जाता है। इस पेड़ की जड़ें, सभी चीजों की नींव का प्रतिनिधित्व करती हैं, जबकि शाखाएं जीवन की विविधता और संभावनाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं। "जीवन का वृक्ष (Tree Of Life)”, दुनिया भर की कई आध्यात्मिक और पौराणिक परंपराओं में पाया जाता है। यह उपचार, सुरक्षा, शक्ति, इनाम और सुंदरता सहित कई विषयों का प्रतिनिधित्व करता है। माना जाता है कि “जीवन के वृक्ष की अवधारणा की उत्पत्ति मध्य एशिया में हुई थी”, लेकिन आज इसे दुनिया भर की संस्कृतियों द्वारा विभिन्न तरीकों से अपनाया और उल्लेखित किया जाता है। जीवन के वृक्ष की अवधारणा को लोक कथाओं, संस्कृति और कल्पना के विभिन्न रूपों में वर्णित किया जाता है, जिनमें यह आमतौर पर अमरता या उर्वरता का प्रतीक माना जाता है। जीवन के वृक्ष की अवधारणा चार्ल्स डार्विन (Charles Darwin) ने 1859 में, अपनी पुस्तक "ऑन द ओरिजिन ऑफ स्पीशीज़ (On The Origin Of Species)" में पेश की। उनके अनुसार यह पेड़ विकास के संदर्भ में पृथ्वी की प्रजातियों की प्रचुरता का प्रतिनिधित्व करता है। इस अवधारणा को उन्होंने फाइलोजेनी (Phylogeny) कहा है।
जीव विज्ञान की दृष्टि से "जीवन का वृक्ष" यह सोचने का एक तरीका है, कि सभी जीवित और विलुप्त जीव कैसे आपस में संबंधित हैं। यह एक बड़े पारिवारिक वृक्ष की तरह है, जो दर्शाता है कि समय के साथ विभिन्न प्रजातियाँ कैसे विकसित हुई हैं। यह विचार भी चार्ल्स डार्विन की पुस्तक "ऑन द ओरिजिन ऑफ स्पीशीज़" से आया है। डार्विन ने एक बार कहा था कि एक ही प्रकार के सभी प्राणियों को एक बड़े पेड़ की शाखाओं के रूप में देखा जा सकता है। मध्य युग से ही लोग पारिवारिक संबंधों को दर्शाने के लिए वृक्ष-जैसे आरेखों का उपयोग कर रहे हैं। चार्ल्स डार्विन ने 1859 में ऑन द ओरिजिन ऑफ स्पीशीज़ में जीवन के पेड़ का विचार प्रकाशित किया। इसके सात साल बाद, जर्मन प्राणी विज्ञानी अर्न्स्ट हेकेल (Ernst Haeckel) ने कड़ी मेहनत से एक अधिक व्यापक पेड़ तैयार किया। इसके माध्यम से उन्होंने ऐसे विशिष्ट तरीके भी सुझाए जिनसे विभिन्न प्रजातियाँ आपस में एक दूसरे से संबंधित हो सकती हैं। इस पेड़ की जड़ एक सामान्य आदिम पूर्वज का प्रतीक है, जिससे अन्य सभी रूप उभरे। हेकेल ने अपने पेड़ को लगभग 1,000 पृष्ठों में विकसित किया, उन्होंने इसे पुरापाषाण विज्ञान, भ्रूणविज्ञान और प्रणालीगत डेटा पर आधारित किया, जिसे आधुनिक जीव विज्ञान के फिलोजेनेटिक पेड़ों (Phylogenetic Trees) का अग्रदूत माना जाता है। हेकेल ने इसके लिए पारिस्थितिकी ('ओनकोलॉजी ‘Oncology') शब्द भी गढ़ा। हेकेल ने अपने जीवन के वृक्ष पर काम करते हुए, जीवाश्मों से जानकारी का उपयोग करते हुए, जानवर कैसे बढ़ते हैं, और वे एक-दूसरे से कैसे संबंधित हैं, आदि जानकारी को समझने में काफी समय बिताया। डीएनए अनुक्रमण प्रौद्योगिकी (DNA Sequencing Technology) और जैव सूचना विज्ञान के क्षेत्र में हुई प्रगति के साथ ही आज वैज्ञानिक कई प्रजातियों के सैकड़ों जीन (Gene), यहां तक कि पूरे जीनोम की तुलना कर सकते हैं, जिससे जीवन का एक अधिक विस्तृत वृक्ष तैयार हो सकता है। लेकिन डेटा की इस प्रचुरता ने कई नई चुनौतियां भी पैदा कर दी हैं। एक ही जीव में विभिन्न जीन अलग-अलग कहानियां बता सकते हैं, जिससे विकासवादी वृक्ष में संघर्ष हो सकता है। उदाहरण के तौर पर यीस्ट (Yeast) पर किये गए एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि 1,070 जीनों में से प्रत्येक में कुछ न कुछ टकराव होता है।
इसे हल करने के लिए, शोधकर्ताओं ने पेड़ के विशिष्ट भागों में निश्चितता के स्तर को मापने के लिए एक एल्गोरिदम (Algorithm) विकसित किया। नया एल्गोरिदम वैज्ञानिकों को फिलोजेनेटिक पेड़ बनाने के लिए केवल सबसे अधिक जानकारीपूर्ण जीन का चयन करने की अनुमति देता है, जिससे प्रक्रिया अधिक सटीक और कुशल हो जाती है। हालांकि इन प्रगतियों के बावजूद, अभी भी काफी असहमति बनी हुई है। आज जीवन का वृक्ष लोक कथाओं, संस्कृति और कथा साहित्य में एक सामान्य रूप बन गया है, जिसकी जड़ें धार्मिक प्रतीकवाद में हैं। क्या आप जानते हैं कि जीवन के वृक्ष की भांति हिंदू धर्म ग्रंथों, और पुराणों में भी कल्पवृक्ष नामक एक जादुई पेड़ का जिक्र मिलता है। इस दिव्य वृक्ष का संरक्षण देवताओं के राजा इंद्र की नगरी अमरावती के बगीचों में, दिव्य संगीतकारों, गंधर्वों द्वारा किया जाता है। कहा जाता है कि इस कल्पवृक्ष की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। इस सुनहरे पेड़ की आभा मनमोहक बताई गई है और इसे मंत्रों और प्रसाद के माध्यम से प्रसन्न किया जा सकता है। प्रसन्न होने पर यह हर इच्छा पूरी कर देता है। हिंदू परंपरा का मानना है कि पांच अलग-अलग कल्पवृक्ष हैं, और इनमें प्रत्येक अलग-अलग प्रकार की इच्छाओं को पूरा करते हैं।

संदर्भ
https://tinyurl.com/36a3f2fx
https://tinyurl.com/36a3f2fx
https://tinyurl.com/52wknbca

चित्र संदर्भ

1. जीवन के वृक्ष को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. जीवन के वृक्ष के विस्तार को दर्शाता एक चित्रण (Rawpixel)
3. चार्ल्स डार्विन को दर्शाता एक चित्रण (PickPik)
4. जेनरेल मॉर्फोलॉजी डेर ऑर्गेनिज़मेन में हेकेल के जीवन वृक्ष (1866) को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
5. जीवन के वृक्ष के प्रकार को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. कल्प तरु को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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