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आपने लोगों को अक्सर यह कहते हुए सुना होगा कि "देश में बेरोज़गारी बहुत बढ़ चुकी है, क्यों कि किसी भी क्षेत्र में नौकरियां नहीं हैं।" लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि “आज भी देश के विनिर्माण उद्योग (Manufacturing Industry) में कार्यबल की भारी कमी है। विशेषज्ञों का मानना है कि साल 2030 तक विनिर्माण क्षेत्र की नौकरियों में 2.1 मिलियन पद खाली रहेंगे।
भारत आज वैश्विक स्तर पर एक विनिर्माण केंद्र बनने की कगार पर है। 2025 तक अकेले विनिर्माण क्षेत्र की देश के सकल घरेलू उत्पाद में 25% भागीदारी होने की उम्मीद है। हालांकि देश में व्यापार वृद्धि के नए अवसर उभर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद 45% निर्माताओं का कहना है कि श्रमिकों की कमी के कारण उन्हें अपने व्यापार के अवसरों को कम और अपने लाभों को सीमित करना पड़ा है। विनिर्माण कंपनियों को ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों से कुशल श्रमिकों के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। ऊपर से पहले से कार्यरत विनिर्माण श्रमिक भी उच्च वेतन या करियर में बदलाव करने के लिए नौकरी छोड़ने की सोचने लगे हैं।
हालांकि इस उद्योग के तहत पिछले दो वर्षों में वेतन में वृद्धि की गई है, लेकिन श्रमिकों के लिए उनका वेतन या मुआवजा ही एकमात्र चिंता का विषय नहीं है। दरअसल सभी उम्र के कर्मचारी अपने कामकाजी जीवन में अधिक लचीलापन चाहते हैं। इसके अलावा विनिर्माण उद्योग से जुडी धारणाओं की भी एक बड़ी समस्या है। डेलॉइट सर्वेक्षण (Deloitte Survey) में 58% उत्तरदाताओं ने माना कि “विनिर्माण नौकरियों में करियर की सीमित संभावनाएं हैं।” 80% विनिर्माण श्रमिकों ने कहा कि “उनकी उन्नत प्रशिक्षण और सुरक्षित कैरियर वाली नौकरियों में अधिक रूचि है।”
विनिर्माण क्षेत्र का भविष्य विभिन्न कारकों पर निर्भर कर सकता है, जिनमें शामिल है:
1. कनेक्टेड / जुड़ा हुआ कार्यबल (Connected Workforce): विनिर्माण का भविष्य कनेक्टेड कार्यबल में निहित है। डिजिटल ट्विन्स और इंडस्ट्रियल मेटावर्स (Digital Twins And The Industrial Metaverse) जैसी क्लाउड-आधारित प्रौद्योगिकियों (Cloud-Based Technologies) के उदय के साथ, कार्यबल के लिए आपस में प्रभावी ढंग से सहयोग करना जरूरी हो गया है। माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft's) के वर्क ट्रेंड इंडेक्स (Work Trends Index) के अनुसार, 63% फ्रंटलाइन मैन्युफैक्चरिंग कर्मचारी (Frontline Manufacturing Workers), प्रौद्योगिकी प्रगति के कारण उभर रहे रोजगार के अवसरों को लेकर उत्साहित हैं।
2. आपूर्ति श्रृंखला में एआई (AI) का प्रयोग: जेनरेटिव एआई (Generative AI) की मदद से आपूर्ति श्रृंखला में आ सकने वाले संभावित व्यवधानों के बारे में पहले ही चेताया जा सकता है, जिससे यह अधिक लचीला हो जाता है। क्राफ्ट, हाइन्ज़ (Kraft, Heinz) और एसटी मइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स (STMicroelectronics) जैसी कंपनियों ने जोखिम कम करने और उत्पादन बढ़ाने के लिए इस तकनीक का सफलतापूर्वक उपयोग करना भी शुरू कर दिया है।
3. स्थिरता: विनिर्माण क्षेत्र के निर्माता नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाकर, अपशिष्ट को कम करके और उत्पादन प्रक्रियाओं को अनुकूलित करके स्थिरता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। रसायन विज्ञान और सामग्री विज्ञान में चुनौतियों के बावजूद, सुपरकंप्यूटिंग और एआई (Supercomputing And AI) जैसी प्रौद्योगिकियां रासायनिक सिमुलेशन (Chemical Simulation) में तेजी ला सकती हैं और निर्माताओं को उनके स्थिरता लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकती हैं।
4. भविष्य की फ़ैक्टरियाँ: औद्योगिक मेटावर्स (Industrial Metaverse), जिसमें एआई, डिजिटल ट्विन्स (Digital Twins) और क्लाउड-टू-एज प्रौद्योगिकियाँ (Cloud-To-Edge Technologies) शामिल हैं, दूरस्थ संचालन, रोबोटिक्स (Robotics), स्वचालन और स्वायत्त संचालन के साथ विनिर्माण के क्षेत्र में क्रांति ला रही हैं। होलोलेंस (HoloLens) जैसी प्रौद्योगिकियाँ उद्यम-स्तर की सुरक्षा के साथ व्यापक अनुभव प्रदान करके विनिर्माण क्षेत्र को बदलने में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। सीमेंस और रॉकवेल (Siemens And Rockwell) जैसी कंपनियां, उत्पाद जीवनचक्र के सभी चरणों में नवाचार और दक्षता बढ़ाने के लिए पहले से ही एआई और रोबोटिक्स जैसी तकनीकों का उपयोग कर रही हैं। इन तकनीकों का प्रयोग करने से कारखानों में फील्ड सेवा कर्मियों (Field Service Personnel) और परिसंपत्ति प्रबंधन को अनुकूलित करने में मदद मिल रही है। औद्योगिक मेटावर्स, एआई और रोबोटिक्स जैसी प्रौद्योगिकियों को अपनाने से उत्पादकता, दक्षता और स्थिरता के अभूतपूर्व स्तर खुलेंगे।
कुल मिलाकर भले ही विनिर्माण क्षेत्र कठिन दौर से गुज़र रहा है, लेकिन श्रमिकों की कमी और नए कौशल की आवश्यकता को उन्नत प्रौद्योगिकियां बड़ी ही कुशलता से पूरी कर सकती हैं। एआई से कारखानों में होने वाले काम को बढ़ावा और समर्थन मिलने की उम्मीद है। यह भी संभावना है कि विनिर्माण क्षेत्र में भविष्य का कार्यबल मनुष्यों और मशीनों का अनोखा मिश्रण होगा। हालाँकि, कंपनियों को इस भविष्य के लिए तैयारी करने की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े मौजूदा मुद्दे, जैसे कुशल श्रमिकों और डिजिटल विशेषज्ञों की कमी, इस डिजिटल बदलाव में बाधा न बनें। विनिर्माण क्षेत्र में काम का परिदृश्य महत्वपूर्ण रूप से बदलने वाला है। यहाँ पर हम कई ऐसी नई नौकरी भूमिकाओं की उम्मीद कर सकते हैं जो अभी तक मौजूद नहीं हैं। इसलिए कंपनियों को सफलतापूर्वक डिजिटल होने के लिए, उन्हें नई तकनीकों का स्वागत करने और ऐसे कर्मचारियों को नियुक्त करने या प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है जो उनका उपयोग करना जानते हों।
संदर्भ
https://tinyurl.com/hhnyjjm8
https://tinyurl.com/yrjnuhyu
https://tinyurl.com/f7y2wuxx
https://tinyurl.com/3u3trw45
चित्र संदर्भ
1. एक 3D संरचना बनाते व्यक्ति को दर्शाता एक चित्रण (BINUS UNIVERSITY)
2. एक विनिर्माण इकाई को दर्शाता एक चित्रण (pxhere)
3. एक खाली पड़ी विनिर्माण इकाई को दर्शाता एक चित्रण (pxhere)
4. एक विनिर्माण इकाई में काम करते रोबोट को दर्शाता एक चित्रण (Rawpixel)
5. विनिर्माण लाइन के ऐतिहासिक परिवर्तन दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
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