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सार्वजनिक परिवहन, एक ऐसी यातायात सुविधा होती है, जो सभी लोगों (यात्रियों) के लिए उपलब्ध होती है। आमतौर पर इस प्रकार की सुविधाओं के मार्ग और समय दोनों पूर्व निर्धारित होते हैं। बसों या रेल सुविधा जैसे सार्वजनिक परिवहन के कई रूप, दशकों से प्रयोग हो रहे हैं। लेकिन रैपिड ट्रांज़िट (Rapid Transit) तुलनात्मक रूप से एक नई अवधारणा या सुविधा है। दरसल रैपिड ट्रांज़िट भी एक प्रकार का सार्वजनिक परिवहन ही होता है, लेकिन इसके तहत यात्रा सेवाएं पारंपरिक सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं की तुलना में अधिक तेज़, अधिक विश्वसनीय और बेहतर गुणवत्ता की प्रदान की जाती है। इसके कई रूप और प्रकार हो सकते हैं, जो समय के साथ बदलते और आधुनिक होते रहते हैं।
बस रैपिड ट्रांज़िट या बीआरटी (Bus Rapid Transit Or BRT) भी एक प्रकार की तीव्र पारगमन सुविधा है, जिसे विशेष सुविधाओं से लैस बसों के माध्यम से प्रदान किया जाता है। बस रैपिड ट्रांज़िट की पूरी व्यवस्था को लोगों का समय बचाने और उनके यातायात अनुभव को अधिक आसान बनाने के लिए डिज़ाइन किया जाता है।
बीआरटी प्रणाली के तहत आमतौर पर निम्नलिखित सुविधाएं दी जाती हैं:
समर्पित बस लेन (Dedicated Bus Lane): ये लेन केवल चयनित बसों के लिए होती हैं, ताकि वे यातायात में या ट्रैफिक जैम में न फंसें।
प्लेटफ़ॉर्म-स्तरीय बोर्डिंग (Platform-Level Boarding): इस सुविधा के तहत बस प्लेटफ़ॉर्म (Bus Platform), बस के फर्श के बराबर ऊंचाई पर होते हैं, जिस कारण इसमें चढ़ना और उतरना आसान हो जाता है।
ऑफ-बोर्ड किराया संग्रहण (Off-Board Fare Collection): इस सुविधा के तहत यात्रियों को अपने किराए का भुगतान बस में चढ़ने से पहले करना पड़ता है, जिस कारण बाद में टिकट जमा करने का समय भी बच जाता है।
चौराहों पर बस को प्राथमिकता: बीआरटी बसों में विशेष सिग्नल (Signal) और अन्य विशेषताएं दी जाती हैं, जिस कारण उन्हें चौराहों पर अन्य वाहनों की तुलना में प्राथमिकता दी जाती हैं।
बीआरटी प्रणाली लोगों को अधिक तेजी से और कुशलता के साथ इधर-उधर ले जाने में बहुत प्रभावी हो सकती है। इन्हें बनाना और संचालित करना भी अपेक्षाकृत सस्ता पड़ता है, इसलिए इन्हें कई शहरों के लिए एक अच्छा विकल्प माना जाता है। बीआरटी बसों के लिए विशेष बीआरटी कॉरिडोर (BRT Corridor) या गलियारे बनाए जाते हैं। बीआरटी स्टेशन (BRT Station) आमतौर पर सड़क के केंद्र में या केवल-बस गलियारे पर स्थित होते हैं। आम यातायात को इस बस लेन से मुड़ने भी नहीं दिया जाता है। इससे ट्रैफिक जाम लगने की समस्या भी टल जाती है। इसके अलावा बस लेन और स्टेशन, सड़क के बीच में होते हैं, जिस कारण कारों की पार्किंग या मोड़ से भी इन बसों की गति धीमी नहीं होती।
यात्रियों को बेहतर अनुभव देने और उनका समय बचाने के लिए, बस रैपिड ट्रांज़िट के साथ-साथ लाइट-रेल ट्रांज़िट (Light-Rail Transit (LRT) नामक एक दूसरी तेज़ परिवहन प्रणाली भी बेहद कारगर साबित हो रही है। लाइट-रेल ट्रांज़िट एक प्रकार की रेल बस होती है, लेकिन यह पारंपरिक रेल की तुलना में छोटी और हल्की होती है। एलआरटी ट्रेनें आमतौर पर एक समर्पित राइट-ऑफ-वे (Dedicated Right-Of-Way) पर चलती हैं, जिस कारण वे नियमित यातायात से प्रभावित नहीं होती हैं। इस प्रकार एलआरटी ट्रेनों में बैठे यात्रियों को बसों की तुलना में तेज़ और अधिक विश्वसनीय रूप से यात्रा करने की सुविधा मिल जाती है।
बस रैपिड ट्रांज़िट प्रणाली की तरह, लाइट-रेल ट्रांज़िट प्रणाली भी अलग-अलग संख्या में यात्रियों को ले जा सकती हैं। एलआरटी ट्रेनों में सबवे या मेट्रो (Subway) जैसी भारी ट्रेनों की तुलना में कम यात्री होते हैं। मज़े की बात यह है कि लाइट रेल ट्रांजिट प्रणाली बिजली से चलती है। चूंकि एलआरटी विद्युत चालित होती है, इसलिए इनके कारण कार्बन उत्सर्जन और ध्वनि प्रदूषण भी कम होता है। यह मेट्रो ट्रेन से छोटी, और एक आम ट्रैम / स्ट्रीटकार (Tram / Streetcar) से तेज़ होती है। एलआरटी ट्रेनें राजमार्गों के बीच में या सड़क पर चल सकती हैं, लेकिन आमतौर पर इनकी अपनी समर्पित लेन होती है। महानगरीय क्षेत्र में अंतर नगरीय परिवहन के लिए लाइट रेल ट्रांज़िट (एलआरटी) एक बढ़िया विकल्प मानी जाती हैं। भारी भरकम रेल की तुलना में इनकी निर्माण लागत भी कम आती है। एलआरटी से यात्रा करना एक आरामदायक और सुविधाजनक अनुभव होता है, जिस कारण कई लोग अपनी गाड़ी से जाने के बजाय एलआरटी का उपयोग करना पसंद करते हैं। एलआरटी ट्रेनों का उपयोग उपनगरों को शहर के केंद्र से जोड़ने के लिए भी किया जा सकता है। कुल मिलाकर एलआरटी ट्रेनें किसी भी शहर में घूमने का एक अच्छा विकल्प मानी जाती हैं, क्योंकि वे तेज़, सस्ती, विश्वसनीय और पर्यावरण के अनुकूल होती हैं।
त्वरित परिवहन के माध्यमों में हेवी या भारी रेल प्रणाली (Heavy Rail System) भी बहुपयोगी साबित होती हैं। हेवी रेल प्रणाली के तहत मेट्रो रेल (Metro Rail), सबवे (Subway), रैपिड ट्रांज़िट (Rapid Transit) या रैपिड रेल (Rapid Rail) आती हैं। ये भी इलेक्ट्रिक रेलवे प्रणालियां होती है, जो कि एक समर्पित मार्ग पर चलती है और एक साथ कई यात्रियों को ले जा सकती है। हेवी रेल प्रणाली आमतौर पर शहरों में देखी जाती है। भारी रेल पटरियाँ आमतौर पर ज़मीन पर, भूमिगत या उचाई पर बनाई जाती हैं में होती हैं। उन्हें हमेशा आम यातायात से दूर रखा जाता है, इसलिए वे बहुत सुरक्षित मानी जाती हैं। इन सभी सुविधाओं के मद्देनजर हमारे मेरठ शहर में भी रीजनल रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम (Regional Rapid Transit System (RRTS) सेवा शुरू करने का काम ज़ोर शोर से चल रहा है। रीजनल रैपिड ट्रांज़िट प्रणाली एक नई, तेज़ और आरामदायक ट्रेन सेवा है, जो भारत के कुछ चयनित शहरों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से जोड़ेगी। यह मेट्रो ट्रेनों से अलग होती है, क्योंकि इनके स्टॉप की संख्या कम होती है और इसे उच्च गति के साथ लंबी दूरी की यात्रा के लिए डिज़ाइन किया जाता है। आरआरटीएस परियोजना को एनसीआर के लिए बेहतर परिवहन प्रणाली विकसित करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा 2005 में शुरू किया गया था। इस परियोजना के तहत बनने वाले पहले तीन आरआरटीएस कॉरिडोर (RRTS Corridor): “दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर” हैं। आरआरटीएस ट्रेनें अधिकतम 180 किमी/घंटा की गति से चलेंगी, लेकिन उनकी औसत गति 100 किमी/घंटा होगी। इसका मतलब है कि आप मेरठ से दिल्ली के बीच की 100 किमी की दूरी केवल 60 मिनट में तय कर लेंगे।
संदर्भ
https://tinyurl.com/4z8e92ym
https://tinyurl.com/y7hbnajz
https://tinyurl.com/2ja84hwt
https://tinyurl.com/yckw2c3x
https://tinyurl.com/y8y4buks
https://tinyurl.com/33n87tce
चित्र संदर्भ
1. दिल्ली-मेरठ, आरआरटीएस कॉरिडोर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikipedia)
2. रैपिड ट्रांज़िट लाइन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikipedia)
3. बस रैपिड ट्रांज़िट को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
4. ट्रेफिक जाम और बस रैपिड ट्रांज़िट को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
5. ईस्ट 1 स्ट्रीट पर गोल्ड लाइन ट्रेन को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
6. लाइन ट्रेन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikipedia)
7. मेट्रो मेट्रो को संदर्भित करता एक चित्रण (wikipedia)
8. रीजनल रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम के मानचित्र को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
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