मेरठ में बढ़ते ट्रैफिक के शोर से सभी हैं तनावग्रस्त, और बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है असर

ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि
09-10-2023 09:38 AM
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मेरठ में बढ़ते ट्रैफिक के शोर से सभी हैं तनावग्रस्त, और बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है असर

हमारे मेरठ शहर में ट्रैफिक (Traffic) की समस्या, केवल वाहनों के धुएं से होने वाले प्रदूषण या जाम के कारण हुई समय की बर्बादी तक ही सीमित नहीं है। बल्कि इस ट्रैफिक जाम के बीच गाड़ियों के हार्न (Horn) से निकलने वाले तेज़ शोर से उत्पन्न होने वाला ध्वनि प्रदूषण भी शहरवासियों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। ध्वनि प्रदूषण तब होता है, जब अवांछित और तेज़ ध्वनियाँ हमारे आसपास के परिवेश में फ़ैल जाती हैं। ध्वनि प्रदूषण हमें तनावग्रस्त कर सकता है, हमारी नींद में खलल डाल सकता है, या यहां तक कि हमारी सुनने की क्षमता को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
ध्वनि प्रदूषण कई कारकों से उत्पन्न होता है, जैसे:
१. भवन निर्माण कार्य का शोर
. कार और अन्य वाहनों का शोर
३. लोगों की भीड़ का शोर
. संगीत समारोह की तेज़ आवाजों का शोर
५. विमानन गतिविधियों से उत्पन्न होने वाला शोर
ध्वनि प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य, वन्य जीवन और पर्यावरण की गुणवत्ता पर बहुत ही हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। शोर-शराबे वाली जगहों पर रहने वाले लोग झुंझलाहट, घबराहट या अधिक गुस्से का अनुभव कर सकते हैं। लंबे समय तक शोर के संपर्क में रहने से हमारे हृदय और मेटाबोलिज्म “Metabolism” (हमारे शरीर में भोजन को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया) पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। तेज़ आवाज़ सीधे तौर पर हमारी सुनने की क्षमता को प्रभावित करती हैं। शोर से उत्पन्न, ध्वनि प्रदूषण से प्रभावित होने पर हमें ऊंचा सुनाई दे सकता है, या हमारे कानों में लगातार झनझनाहट सुनाई देती है। इसके अलावा ध्वनि प्रदूषण के कारण अस्थायी रूप से रक्तचाप बढ़ सकता है और रक्त गाढ़ा हो सकता है। लंबे समय तक शोर के संपर्क में रहने से हृदय रोग की दर भी बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए हो सकता है, क्योंकि ध्वनि प्रदूषण तनाव हार्मोन (Stress Hormone) के स्तर और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है, जो समय के साथ गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। ध्वनि प्रदूषण के कारण विशेष रूप से बच्चों की सुनने की क्षमता पर बड़ा असर पड़ता है।
ध्वनि प्रदूषण प्रत्येक स्तर (गर्भावस्था, शैशवावस्था और किशोरावस्था) के बच्चे की सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकता। स्कूल या घर में तेज़ अथवा अवांछित शोर, बच्चों के लिए सीखने की प्रक्रिया को बाधित कर सकता है। इससे उनके लिए ध्यान केंद्रित करना, भाषण और संचार कौशल विकसित करना और संज्ञानात्मक रूप से प्रदर्शन करना (सोचना और समझना) कठिन हो सकता है। ध्वनि प्रदूषण के कारण उनका व्यवहार, रिश्ते बनाने की उनकी क्षमता और उनका आत्मविश्वास भी प्रभावित हो सकता है। जनवरी 2023 में Earth5r नाम के एक समूह ने एक शोध किया था। इस शोध के लिए उन्होंने भारत के 15 शहरों से 45 स्वयंसेवकों की मदद ली। इस शोध के तहत उन्होंने शांत और रिहायशी इलाकों में शोर के स्तर की जांच की। अपने निष्कर्षों में उन्होंने पाया कि इन शहरों में शोर का स्तर, सुरक्षित माने जाने वाले शोर के स्तर 50 डीबी (50 dB) से लगभग 50% अधिक था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization (WHO) के अनुसार 65 डीबी से ऊपर का शोर, ध्वनि प्रदूषण की श्रेणी में आता है। 75 डीबी का शोर हमारे लिए हानिकारक और 120 डीबी पर शोर हमारे लिए बेहद दर्दनाक हो सकता है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि अच्छी नींद के लिए दिन में शोर 65 डीबी से कम और रात में शोर 30 डीबी से कम होना चाहिए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार “यातायात परिवहन से उत्पन्न शोर का स्तर 53 Db से कम होना चाहिए। हालांकि जैसे-जैसे शहर बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे यातायात के शोर से उत्पन्न ध्वनि प्रदूषण भी हमारे पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है। कार के हॉर्न 90 डीबी, और बस के हॉर्न 100 डीबी तक होते हैं। हवाई जहाज 130 डीबी का शोर करते हैं। लेकिन मात्र 45 डीबी से अधिक स्तर का शोर होने पर हमें नींद न आने की समस्याएं और एकाग्रता की कमी हो सकती हैं। ध्वनि प्रदूषण का प्रभाव वन्य जीवन पर भी पड़ता है। यह पक्षियों के संचार और प्रजनन में बाधा उत्पन्न कर सकता है। यह कैटरपिलर (Caterpillars) की हृदय गति को भी प्रभावित कर सकता है और ब्लूबर्ड (Bluebird) की प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है। परिवहन या ट्रैफिक से उत्पन्न होने वाले शोर का हमारे स्वास्थ पर बहुत अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यूरोपीय संघ में लाखों लोग परिवहन के शोर से प्रभावित हैं। एक शोध के अनुसार 2017 में, अनुमानित 18 मिलियन लोग ट्रैफ़िक के शोर से अत्यधिक परेशान थे, और इस कारण 5 मिलियन लोगों की नींद प्रभावित हुई थी। हालाँकि इस संबंध में पहल करते हुए यूरोपीय संघ (European Union) ने 2030 तक यातायात के शोर से प्रभावित लोगों की संख्या को 30% तक कम करने का लक्ष्य रखा है।
सड़क यातायात से उत्पन्न होने वाला शोर, ध्वनि प्रदूषण का सबसे प्रमुख कारणों में से एक है, और यह सबसे अधिक लोगों को प्रभावित करता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से हानिकारक है, जो मेरठ जैसे प्रगतिशील शहरों में रहते हैं। भारत सरकार भी ध्वनि प्रदूषण से निपटने के लिए कुछ बड़े कदम उठा रही है। उदाहरण के लिए, मुंबई पुलिस और आवाज़ फाउंडेशन (Awaaz Foundation) नामक एक धर्मार्थ ट्रस्ट ने 2008 में मुंबई में पहला "नो हॉन्किंग डे (No Honking Day)" आयोजित किया था। इसके अलावा 2022 में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस (Delhi Traffic Police) ने प्रेशर हॉर्न और संशोधित साइलेंसर का उपयोग करने वाले ड्राइवरों को दंडित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया था। ध्वनि प्रदूषण के संबंध में कार्यवाही करते हुए 2022 में, बेंगलुरु पुलिस ने भी मस्जिदों, मंदिरों, चर्चों और अन्य 301 स्थानों को अपने लाउडस्पीकर (Loudspeaker) के शोर को अनुमत स्तर के भीतर रखने के लिए कहा।
इन सभी सरकारी उपायों के अलावा ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए कई अन्य उपाय भी अपनाए जा सकते हैं जैसे:
शोर कम करने वाली सड़कें: पश्चिमी नीदरलैंड (Eastern Netherlands) के एक शहर डेल्फ़्ट (Delft) में यातायात से उत्पन्न शोर कम करने के लिए सडकों पर एक विशेष प्रकार के डामर का उपयोग किया, जिससे सड़क यातायात का शोर 6 डीबी तक कम हो गया।
कम गति: भले ही हम कारों से छुटकारा नहीं पा सकते हैं, लेकिन कम से कम हम उन्हें धीमी गति से चला सकते हैं। इससे शोर कम होता है और सड़कें भी सुरक्षित हो जाती हैं।
इलेक्ट्रिक वाहन: इलेक्ट्रिक वाहन कम गति से चलने पर शांत होते हैं लेकिन उच्च गति पर शोर कर सकते हैं।
सड़क किनारे पेड़-पौंधे उगाना: सड़क के किनारे उगे पौधे शोर को कम करने में मदद कर सकते हैं।
हाई-टेक बाइक (Hi-Tech Bike): इलेक्ट्रिक सहायता, स्वचालित डॉक (Automatic Dock) और सौर पैनल वाली बाइक शांत होती हैं और यातायात के शोर को कम कर सकती हैं।
इन सभी उपायों के साथ-साथ शहरों को शांत बनाने के लिए हमें कई अलग-अलग तकनीकी और वैज्ञानिक समाधानों की आवश्यकता है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/mryzmzmh
https://tinyurl.com/vvvr5j8s
https://tinyurl.com/3xkccc95
https://tinyurl.com/bdzzvchn

चित्र संदर्भ
1. शांति से पढाई करते एक छोटे बच्चे को दर्शाता एक चित्रण (freerangestock)
2. लाउडस्पीकर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. मुंबई के काला घोड़ा उत्सव 2012 में ध्वनि प्रदूषण के प्रति जागरूकता प्रतिमाओं को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. जोर शोर से निकलती आवाजों को दर्शाता एक चित्रण (rawpixel)
5. हवा में उड़ते पक्षियों को दर्शाता एक चित्रण (pxhere)
6. नो हॉन्किंग प्रतीक को दर्शाता एक चित्रण (wallpaperflare)

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