ज्योग्राफिका: प्राचीन भारत के दुर्लभ इतिहास को उजागर करता बहुमूल्य विश्वकोश

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ज्योग्राफिका: प्राचीन भारत के दुर्लभ इतिहास को उजागर करता बहुमूल्य विश्वकोश

ज्योग्राफिका (Geographica), रोमन साम्राज्य के यूनानी विद्वान “स्ट्रैबो” (Strabo) द्वारा लिखित और प्राचीन विश्व के भौगोलिक ज्ञान से भरपूर 17-पुस्तकों वाला एक दुर्लभ विश्वकोश (Encyclopedia) है। इस पुस्तक को अपने समय की एकमात्र उपलब्ध संरक्षित कृति माना जाता है। यह कृति प्राचीन विश्व के बारे में जानकारी का एक मूल्यवान स्रोत मानी जाती है। इन 17 पुस्तकों की सबसे प्रारंभिक (1 से 9) पांडुलिपियाँ दसवीं शताब्दी पुरानी हैं और 13वीं शताब्दी की पांडुलिपि में संपूर्ण पाठ शामिल है।
इस कृति के लेखक “स्ट्रैबो” एक यूनानी भूगोलवेत्ता, दार्शनिक और इतिहासकार थे, जो रोमन साम्राज्य के दौरान पश्चिम एशिया के एक बड़े प्रायद्वीप एनैटोलिया (Anatolia), जिसे एशिया माइनर (Asia Minor) भी कहा जाता है, में रहते थे। उनका जन्म 64 या 63 ईसा पूर्व में हुआ था और उनकी मृत्यु 24 ईसवी के आसपास हुई थी। स्ट्रैबो का जन्म पोंटस “Pontus” (आधुनिक कैपेडोसिया) में अमेसिया (Amaseia) के एक धनी परिवार में हुआ था। अपने जीवनकाल में स्ट्रैबो ने मिस्र (Egypt), इथियोपिया (Ethiopia) और रोम (Rome) सहित पूरे भूमध्यसागरीय क्षेत्र की बड़े पैमाने पर यात्राएं की। इन यात्राओं के संस्मरणों के रूप में उन्होंने ज्योग्राफिका के साथ-साथ हिस्टोरिकल स्केच (Historical Sketches) जैसी अन्य प्रमुख रचनाएं भी लिखी। चूंकि, स्ट्रैबो एक सम्पन्न परिवार से थे, इसलिए अपने प्रारंभिक जीवन में उन्हें कई प्रमुख शिक्षकों द्वारा शिक्षा प्रदान की गई थी। उनके पहले शिक्षक अरिस्टोडेमस (Aristodemus) थे, जो अलंकार और व्याकरण के विशेषज्ञ थे। अरिस्टोडेमस ने स्ट्रैबो को होमरिक साहित्य (Homeric Literature) और प्राचीन यूनानी महाकाव्यों की व्याख्या के बारे में बहुत कुछ सिखाया। अरिस्टोडेमस के अलावा स्ट्रैबो ने भूगोल के एक सम्मानित प्राधिकारी एमिसस (Amisus) के टायरिनियन (Tyrannion) के तहत व्याकरण भी सीखा। स्ट्रैबो के अंतिम उल्लेखनीय गुरु एथेनोडोरस कैनानाइट्स (Athenodorus Cananites) थे, जो एक स्टोइक दार्शनिक (Stoic Philosopher) थे। इस प्रकार स्ट्रैबो को व्यापक स्तर पर, विविध क्षेत्रों से शिक्षा प्राप्त हुई थी। इसी कारण वह एक अच्छे भूगोलवेत्ता, इतिहासकार और दार्शनिक के तौर पर उभरे। अपनी कृति ‘ज्योग्राफिका’ में स्ट्रैबो ने अपने जीवनकाल के दौरान ज्ञात दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों और स्थानों का एक वर्णनात्मक इतिहास प्रस्तुत किया है। इसमें उन्होंने अपनी यात्राओं के साथ-साथ उस समय के विश्वसनीय स्रोतों के आधार पर, भारत के भूगोल, इतिहास और संस्कृति का भी विस्तार से वर्णन किया है। ज्योग्राफिका में भारत का वर्णन करते हुए स्ट्रैबो लिखते हैं: भारत बहुत दूर बसा एक विशाल देश है और यहाँ (यूनान) के लोग उस क्षेत्र के बारे में बहुत कम जानते हैं। यहां तक कि जो लोग वहां गए हैं, उन्होंने भी इस क्षेत्र के केवल कुछ ही हिस्से देखे हैं, और वे जो कुछ भी कहते हैं वह दूसरों से सुनी गई बातों पर आधारित है। इसके अलावा, स्ट्रैबो का मानना था कि “बाद के लेखक और भारत की यात्रा पर गए लोग, हमेशा सटीक जानकारी प्रदान नहीं करते हैं।” उन्होंने यहाँ पर अपोलोडोटस (Apollodotus) का भी उल्लेख किया है, जिन्होंने इस क्षेत्र (भारत) में यूनानी प्रभाव के बारे में लिखा था। स्ट्रैबो ने यह भी उल्लेख किया कि, जो व्यापारी मिस्र से भारत के लिए रवाना हुए वे केवल कुछ क्षेत्रों तक ही पहुंचे, और उनके विवरण भी इस पूरे क्षेत्र को समझने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। इस पुस्तक के माध्यम से स्ट्रैबो भारतीय शासकों द्वारा सीज़र ऑगस्टस (Caesar Augustus) को उपहार भेजने के उदाहरणों को भी सामने लाते हैं। साथ ही वह उस प्रसिद्ध भारतीय सोफिस्ट (Sophist) का भी उल्लेख करते हैं, जिसने एथेंस (Athens) में आत्मदाह किया था। अपनी पुस्तक “जियोग्राफिया" में स्ट्रैबो ने साइरस और सेमीरामिस (Cyrus And Semiramis) जैसे लोगों द्वारा भारत के बारे में बताई गई पुरानी कहानियों की सटीकता पर भी सवाल उठाया। यहाँ पर उन्होंने मेगस्थनीज (Megasthenes) का भी जिक्र किया, जिसने इन पुरानी कहानियों पर पूरी तरह भरोसा न करने की सलाह दी थी। मेगस्थनीज का मानना था कि “किसी भी बाहरी सेना ने कभी भी भारत पर विजय नहीं पाई थी।” स्ट्रैबो ने तर्क दिया कि “हेराक्लीज़ और डायोनिसस (Heracles And Dionysus) द्वारा कुछ स्थानों पर हमला करने की कहानियाँ संभवतः सिकंदर का महिमामंडन करने के लिए गढ़ी गई थीं।” उन्होंने यह भी कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि इन लोगों ने ग्रीस और भारत के बीच की भूमि से यात्रा की होगी। अंततः स्ट्रैबो का मानना था कि “प्राचीन इतिहास के बारे में राय बनाते समय हमें अधिक विश्वसनीय अभिलेखों पर भरोसा करना चाहिए।” उन्होंने एराटोस्थनीज़ (Eratosthenes) द्वारा सिकंदर के समय के भारत के वर्णन को सबसे भरोसेमंद स्रोत बताया। इसमें सिंधु नदी को भारत की सीमा बताया गया था। उन्होंने आगे उल्लेख किया कि उस समय, एरियाना (Ariana) भारत के बगल में था और फारस के नियंत्रण में था, लेकिन बाद में, एरियाना के कुछ हिस्सों पर भारतीयों ने नियंत्रण हासिल कर लिया। स्ट्रैबो ने भारत की भौगोलिक स्थिति का वर्णन करते हुए लिखा है कि, “भारत उत्तर दिशा की ओर मौजूद है। स्ट्रैबो ने भारत के आकार को रॉमबॉइडल (Rhomboidal) या हीरे के आकार का बताया, जिसमें पूर्वी और दक्षिणी किनारे पश्चिमी और उत्तरी किनारों की तुलना में अधिक लंबे थे। उन्होंने अनुमान लगाया कि काकेशस पर्वत (Caucasus Mountains) से दक्षिणी समुद्र तक का किनारा सबसे लंबा लगभग 13,000 स्टेडियम (Stadium) के बराबर लंबा था, और इसकी चौड़ाई लगभग 16,000 स्टेडियम के बराबर थी, दक्षिण पूर्वी कोना बाकी तट की तुलना में 3,000 स्टेडियम आगे तक फैला हुआ था। यहाँ पर "स्टेडियम" शब्द प्राचीन ग्रीस और रोम में उपयोग की जाने वाली लंबाई की एक इकाई को संदर्भित करता है। स्टेडियम की सटीक लंबाई अलग-अलग हो सकती है, लेकिन यह लगभग 185 मीटर (607 फीट) के बराबर थी।
स्ट्रैबो का यह भी कहना है कि भारत के दक्षिणी और पूर्वी तट अटलांटिक महासागर तक फैले हुए हैं, जिससे देश को एक समचतुर्भुज आकार मिलता है। स्ट्रैबो ने भारत की जलवायु के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए दो यूनानी खोजकर्ताओं, अरिस्टोबुलस और निअर्चस (Aristobulus And Nearchus) के वृत्तांतों पर भरोसा किया, जिन्होंने चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में भारत का दौरा किया था। अरिस्टोबुलस ने कहा था कि “भारत के पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी दोनों होती है, लेकिन यहाँ के मैदानों में दोनों (बारिश और बर्फबारी) नहीं होती है।” सर्दियों में पहाड़ों पर बर्फबारी और बारिश के कारण नदियों का स्तर बढ़ जाता है और मैदानी इलाकों में बाढ़ आ जाती है। बारिश वसंत ऋतु में शुरू होती है, और शरद ऋतु तक जारी रहती है।
अरिस्टोबुलस और निअर्चस, दोनों इस बात पर सहमत थे कि भारत के शहरों को बाढ़ से बचाने के लिए टीलों पर बनाया गया था। वे इस बात पर भी सहमत थे कि यहाँ की मिट्टी बहुत उपजाऊ है और फसलें साल में दो बार उगाई जा सकती हैं। इस संदर्भ में स्ट्रैबो अन्य यूनानी लेखकों को भी उद्धृत करते हैं, जिन्होंने भारत की उर्वरता और यहाँ के अजीब पौधों तथा जानवरों का वर्णन किया है।
स्ट्रैबो का मानना था कि सूर्य की मध्यम गर्मी और पानी की प्रचुरता के कारण भारत की जलवायु आर्द्र और पौष्टिक थी। स्ट्रैबो ने आगे लिखा कि “भारत में उपचारात्मक और विषैली दोनों तरह की जड़ी-बूटियाँ और जड़ें प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत में एक कानून था, जिसके तहत जो व्यक्ति किसी घातक चीज की खोज करता था, उसे मौत की सजा दी जाती थी। लेकिन मौत से पहले यदि वह व्यक्ति इसका इलाज खोज लेता था तो उसे राजा से इनाम मिलता था। स्ट्रैबो का मानना था कि भारत में भूमि और जलीय जानवर अन्य देशों की तुलना में बड़े हैं। स्ट्रैबो का मानना था कि भारत में भरपूर बारिश और धूप के साथ आर्द्र और पौष्टिक जलवायु, भारतीय जानवरों के बड़े आकार और देश में पाई जाने वाली फसलों और पशुधन की विस्तृत विविधता के लिए जिम्मेदार थी। विश्वकोश में स्ट्रैबो ने भारत, मिस्र और इथियोपिया के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतरों पर भी बात की है। उदाहरण के लिए, उन्होंने पाया कि भारत की जलवायु मिस्र और इथियोपिया की तुलना में अधिक गर्म और अधिक आर्द्र है। उन्होंने यह भी लिखा कि भारत के लोग मिस्र और इथियोपिया के लोगों की तुलना में अधिक विविध हैं। आगे उन्होंने यह भी कहा कि भारत में नदियां मिस्र और इथियोपिया की नदियों की विपरीत दिशा में बहती हैं। स्ट्रैबो ने सिकंदर के भारत अभियान पर चर्चा करते हुए लिखा कि सिकंदर ने कई नदियों को पार किया, जिनमें कोफेस (Cophes), सिंधु और हाइडस्पेस (Hydaspes) शामिल थीं।
विश्वकोश में स्ट्रैबो दिलचस्प रूप से “तक्षशिला” की चर्चा भी करते हैं, जो सिंधु और हाइडस्पेस नदियों के बीच स्थित था। उन्होंने कहा कि तक्षशिला एक उपजाऊ क्षेत्र वाला एक बड़ा और समृद्ध शहर है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि तक्षशिला के राजा और सिकंदर महान मित्र थे। कुल मिलाकर, स्ट्रैबो द्वारा दिए गए भारत के विवरण को प्राचीन इतिहास के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है। हालांकि, इसमें भी कुछ तथ्यात्मक त्रुटियां हैं, जिन्हें ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।

संदर्भ
Https://Tinyurl.Com/4s9cf25p
Https://Tinyurl.Com/4a7wcvxz
Https://Tinyurl.Com/53vw5nkp
Https://Tinyurl.Com/28avhu3v

चित्र संदर्भ
1. ज्योग्राफिका को दर्शाता एक चित्रण (worldhistory, wallpaperflare)
2. स्ट्रैबो को दर्शाता एक चित्रण (Wikimedia)
3. जेरार्ड मर्केटर को दर्शाता एक चित्रण (creazilla)
4. संपूर्ण पृथ्वी के भौगोलिक और हाइड्रोग्राफिक मानचित्र को दर्शाता एक चित्रण (Wikimedia)
5. युद्ध में सिकंदर को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
6. एक एटलस को दर्शाता एक चित्रण (creazilla)
7. तक्षशिला को दर्शाता एक चित्रण (Wikimedia)

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