समयसीमा 245
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 942
मानव व उसके आविष्कार 740
भूगोल 219
जीव - जन्तु 273
Post Viewership from Post Date to 18- Oct-2023 (31st Day) | ||||
---|---|---|---|---|
City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
2270 | 541 | 2811 |
201 ईसा पूर्व के समय, चीन (China) के हान राजवंश (Han Dynasty) के दौरान, कागज का आविष्कार किया गया, जिसके बाद इसका प्रयोग तेजी से पूरी दुनिया में फैल गया। वर्तमान में कागज का उपयोग कई प्रकार से किया जाता है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि कागज को विभिन्न मानक आकारों में अलग-अलग प्रकार से उपयोग किया जाता है। विभिन्न समय और विभिन्न देशों में कई प्रकार के कागज के मानक आकार मौजूद हैं, लेकिन आजकल एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय आईएसओ (ISO) मानक का उपयोग किया जाता है। इस लेख में हम आपको कागज के विभिन्न मानकों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
इतिहासकारों के अनुसार, भारत में कागज का निर्माण और प्रयोग सबसे पहले सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान हुआ था। जिसके बाद भारत में कागज का अनेक रूपों एवं आकारों में उत्पादन एवं उपयोग किया गया। हालांकि, भारत में कागज बनाने का पहला कारख़ाना "सुल्तान जैनुल आबेदीन" (1417-1467 ईसवी) ने कश्मीर में स्थापित किया। 1870 के दौरान भारत में कोलकाता के निकट 'बाली' नामक स्थान पर हुगली नदी के किनारे प्राचीन तकनीक पर आधारितआधुनिक कागज़ बनाने का कारखाना स्थापित हुआ था, इसके बाद अन्य प्रदेशों में भी कागज बनाने के कारखाने स्थापित किए गए।
विश्व भर में स्टेशनरी (Stationery), कार्ड और कुछ मुद्रित दस्तावेजों के लिए उपयोग किए जाने वाले कागज की शीट के आकार अलग अलग देखने को मिलते हैं। इन मानक कागज़ आकारों को आईएसओ मानक कागज़ आकार कहा जाता है, और उन्हें 1975 में ‘अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन’ (International Organisation for Standardisation (ISO) के अंतरराष्ट्रीय मानक ‘आईएसओ 216’ द्वारा द्वारा स्थापित किया गया था। ये आकार प्रत्येक कागज़ की लंबाई और चौड़ाई के बीच अनुपात की एक श्रृंखला पर आधारित होते हैं। कागज़ का सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला आकार A4 है। अधिकांश दस्तावेज़ों के लिए A4 को "डिफ़ॉल्ट" आकार माना जाता है, और इसका माप 210 मिमी x 297 मिमी है। आईएसओ 216 का आधार जर्मन डीआईएन 476 (German DIN 476) मानक है। डीआईएन (Deutsches Institut für Normung) मानकीकरण के लिए जर्मन राष्ट्रीय संगठन है जिसका मुख्यालय बर्लिन (Berlin) में है। प्रत्येक आईएसओ कागज का आकार उसी श्रृंखला में अगले बड़े आकार के कागज के क्षेत्रफल का आधा होता है। कागज के सभी आईएसओ मानक आकार 2 के वर्गमूल के एक पहलू या लगभग 1:1.41421 के अनुपात पर आधारित होते हैं।
यह अनुपात पूरी श्रृंखला में बनाए रखा जाता है। इससे दस्तावेज़ों के अनुपात को बनाए रखते हुए उन्हें छोटा या बड़ा करना आसान हो जाता है। कागज के मूल A0 आकार को एक वर्ग मीटर क्षेत्रफल के साथ परिभाषित किया जाता है। मिलीमीटर में मापन करते समय, काग़ज़ का A0 आकार 841 x 1,189 मिलीमीटर (33.1 इंच × 46.8 इंच) होता है। कागज के आकारों की अलग-अलग श्रृंखलाएं होती हैं। A3, A4, A5, B4, B5 अंतर्राष्ट्रीय कागज आकार ‘कैस्केडिंग स्टाइल शीट्स’ (सीएसएस) (Cascading Style Sheets (CSS) में शामिल हैं। कैस्केडिंग स्टाइल शीट्स (सीएसएस) एक स्टाइल शीट भाषा है जिसका उपयोग HTML या XML (SVG, MathML या XHTML सहित) में लिखे दस्तावेज़ की प्रस्तुति का वर्णन करने के लिए किया जाता है।
ISO 216, का उपयोग उत्तरी अमेरिका (North America) और लैटिन अमेरिका (Latin America) के कुछ हिस्सों को छोड़कर दुनिया भर में किया जाता है। यह ध्यान देने योग्य है कि उत्तरी अमेरिका उत्तरी अमेरिकी पेपर आकार नामक एक अलग मानक का उपयोग करता है, और यह मिलीमीटर के बजाय इंच पर आधारित है। दो पूरक मानक, आईएसओ 217 और आईएसओ 269, संबंधित कागज के आकार को परिभाषित करते हैं; ISO 269 "C" श्रृंखला को आमतौर पर A और B आकारों के साथ सूचीबद्ध किया जाता है।
क्या आप जानते हैं कि विश्व का सबसे पहला दस्तावेजीकृत कागज का मानक आकार, इटली देश के बोलोना (Bologna, Italy) में 1389 में पत्थर पर दर्ज हुआ था और इसमें चार मानक आकार दिखाए गए थे। कागज के आकारों की ए सीरीज (A series) को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि जब आप एक को आधा काटते हैं, तो आपको अगले छोटे आकार के दो टुकड़े मिलते हैं, और प्रत्येक आकार में समान अनुपात में लंबाई और चौड़ाई होती है। गणित फार्मूला sqrt(2):1, या लगभग 1.414:1 इसकी पुष्टि करता है। कागज आकार की A सीरीज में, कागज का एक A0 माप बिल्कुल 1 वर्ग मीटर का होता है, जिसकी चौड़ाई 84.1 सेमी और लंबाई 118.9 सेमी (निकटतम मिमी तक) होती है। A1 माप के कागज की लंबाई A0 की चौड़ाई के समान या 84.1 सेमी, और चौड़ाई 84.1 सेमी / वर्ग (2) = 59.5 सेमी होती है। आप देखेंगे कि यह A0 आकार (118.9 सेमी) की आधी ऊंचाई है।
‘A’ श्रंखला के कागजात A0 जितने बड़े से लेकर A10 जितने छोटे आकार में पाए जा सकते हैं, लेकिन A4 मानक, सामान्यतः कार्यालय दस्तावेज़ आकार है। आईएसओ प्रणाली का लाभ यह है कि यह प्रत्येक आकार को उसके निकटवर्ती कागज के आकार से दोगुना बड़ा या आधा आकार देता है। उदाहरण के लिए, A4 कागज, A5 से बिल्कुल दोगुना बड़ा है लेकिन A3 का आधा आकार है। कागज के "लेटर", "लीगल", "लेजर" और "टैबलॉयड" आकार (Letter, Ledger, Tabloid), दैनिक गतिविधियों के लिए अब तक आम तौर पर सबसे अधिक इस्तेमाल किये जाते रहे हैं।
संदर्भ:
https://shrturl.app/XK0WD9
https://shrturl.app/o3nqPj
https://shrturl.app/YOIgT-
चित्र संदर्भ
1. कागज के मानकों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. चीन में कागज के निर्माण को दर्शाता एक चित्रण (World History Encyclopedia)
3. कागज के मानकों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. कागज के ढेर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. DIN A प्रारूप को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.