जन्माष्टमी के पावन पर्व पर जानते हैं, श्री कृष्ण से संबंधित स्थानों के बारे में

विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)
06-09-2023 10:39 AM
Post Viewership from Post Date to 06- Oct-2023 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
3498 500 3998
जन्माष्टमी के पावन पर्व पर जानते हैं, श्री कृष्ण से संबंधित स्थानों के बारे में

श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा!
आप सभी को कृष्ण जन्माष्टमी की बहुत शुभकामनाएं! जन्माष्टमी श्री कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन को भारत में हिंदू धर्म के लोग बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। जन्माष्टमी के महत्वपूर्ण अवसर पर आधी रात तक उपवास किया जाता है और फिर भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। जन्माष्टमी को कृष्णाष्टमी भी कहा जाता है और इसको पूरे भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कई स्थानों पर हर्ष और उल्लास से मनाया जाता है।
बात करें भारत कि तो यहां पर ऐसे कई स्थान हैं, जहां इस उत्सव का भव्य रूप होता है। भारत के विभिन्न शहरों का भगवान कृष्ण से गहरा संबंध है। इन स्थानों को धार्मिक और तीर्थ स्थल माना जाता है, जो कृष्ण के बचपन, किशोरावस्था और वयस्कता सहित, उनके जीवन के विभिन्न चरणों की गाथा गाते हैं। आइए, आज कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर इन स्थानों के बारे में जानते हैं। मथुरा: “मथुरा” भगवान कृष्ण का जन्म स्थल माना जाता है। ब्रज या ब्रज-भूमि के केंद्र में स्थित “मथुरा” को कृष्ण जन्म-भूमि भी कहा जाता है। मथुरा में जन्माष्टमी गहरी भक्ति और बहुत उत्साह के साथ मनाई जाती है। इस पवित्र शहर में भगवान कृष्ण के कई मंदिर हैं। “रासलीला” मथुरा में सबसे प्रसिद्ध गतिविधि है, जो भगवान कृष्ण की कहानी को दर्शाती है।
गोकुल: कुछ किंवदंतियों के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा की जेल में हुआ था और तब उनके पिता वासुदेव जी उन्हें गोकुल ले गए थे। इस स्थान पर भगवान कृष्ण का बचपन बीता है और उन्होंने यहां अपने मामा कंस द्वारा भेजे गए कई राक्षसों का वध भी किया है। कृष्ण ने गोकुल में कई चमत्कार भी किए हैं।
वृंदावन: भगवान कृष्ण ने अपनी किशोरावस्था के दौरान यहीं थे। तथा यहीं पर राधा-कृष्ण के पवित्र प्रेम की शुरुआत हुई थी। इस सुंदर धार्मिक स्थल पर राधा-कृष्ण को समर्पित कई मंदिर हैं, जहां जन्माष्टमी भव्य रूप से मनाई जाती है। इस अवसर पर पूरा शहर भगवान कृष्ण के पवित्र गीतों और संगीत से मंत्रमुग्ध हो जाता है। द्वारका: गुजरात राज्य के इस लोकप्रिय शहर को द्वारका साम्राज्य, अर्थात “भगवान कृष्ण के राज्य” के रूप में पहचाना जाता है। माना जाता है कि, भगवान कृष्ण के आदेश पर विश्वकर्मा ने केवल दो दिनों में ही इस स्थान का निर्माण किया था। कृष्ण ने इस स्थान पर काफ़ी समय व्यतीत किया था। राजा कंस को हराने के बाद वह मथुरा से द्वारका चले गए थे।
बरसाना: “बरसाना” श्री कृष्ण की पसंदीदा सहचारिणी राधा का जन्मस्थान है, जो मथुरा से कुछ ही दूरी पर स्थित है। मान्यता है कि, कृष्ण ने अपने बचपन का कुछ समय राधा के साथ बरसाना में ही व्यतीत किया था।
कुरुक्षेत्र: हरियाणा राज्य में स्थित “कुरुक्षेत्र” वह स्थान है, जहां महाभारत का युद्ध लड़ा गया था। इसी स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को अपने विराट रूप के दर्शन देने के साथ ही, संपूर्ण भगवद्गीता का उपदेश दिया था। भगवान श्री कृष्ण से संबंधित इन प्रसिद्ध एवं महत्त्वपूर्ण स्थानों के अलावा दुनिया में कई कृष्ण मंदिर भी हैं। इन कृष्ण मंदिरों की आध्यात्मिक आभा ने उन्हें उपासकों के लिए एक शांत तीर्थ बना दिया है। हमारा देश भारत भी कई खूबसूरत कृष्ण मंदिरों का घर हैं। आइए, अब भगवान कृष्ण के सबसे अद्भुत मंदिरों के बारे में जानते हैं। प्रेम मंदिर, वृंदावन: वृंदावन में स्थित भक्ति और कला का अद्भुत मिश्रण “प्रेम मंदिर” की स्थापना आध्यात्मिक गुरु कृपालु महाराज ने की थी। सफेद संगमरमर से निर्मित इस मंदिर की मुख्य संरचना बहुत आकर्षक लगती है। मुख्य मंदिर में भगवान कृष्ण और उनके अनुयायियों की मूर्तियां हैं, जो विभिन्न प्रमुख घटनाओं को दर्शाती हैं।
इस्कॉन (ISKCON) मंदिर: इस्कॉन मंदिर दुनिया में कई जगहों पर स्थित हैं तथा भारत में भी हमें ऐसे कुछ मंदिर देखने को मिल जाते हैं। इस्कॉन का मतलब है “इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (International Society for Krishna Consciousness)”। यह एक तरह का भक्ति आंदोलन है, जो पूरी दुनिया में फैला हुआ है। भगवान कृष्ण के इन अद्भुत मंदिरों में विभिन्न जातियों और धर्मों के भक्त आते हैं। भारत में दिल्ली, मुंबई, वृंदावन, बैंगलोर, कोलकाता, अहमदाबाद, बड़ौदा और कई अन्य शहरों में इस्कॉन मंदिर मौजूद हैं।
द्वारकाधीश मंदिर, गुजरात: द्वारका में स्थित यह मंदिर भक्तों के लिए एक प्रसिद्ध एवं पवित्र तीर्थ है। कृष्ण को समर्पित इस मंदिर में, 72 स्तंभों की नींव पर खड़ी 5 मंजिला संरचना शामिल है। इस मंदिर को ‘जगत मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार, यह मंदिर लगभग 2,500 वर्ष पुराना है।
गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर, गुरुवायुर: केरल राज्य में स्थित इस मंदिर को ‘भूलोक वैकुंठ’ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। इस मंदिर के मुख्य देवता भगवान विष्णु हैं, जिनके अवतार के रूप में भगवान कृष्ण इस धरती पर आए थे, अतः यहां कृष्ण की भी पूजा की जाती हैं। यह मंदिर ‘दक्षिण भारत की द्वारका’ के रूप में भी प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि, भगवान ब्रह्मा ने स्वयं यहां भगवान कृष्ण की मूर्ति की पूजा की थी।
जुगल किशोर मंदिर, मथुरा: पवित्र शहर मथुरा में स्थित, जुगल किशोर मंदिर एक शांतिपूर्ण और पवित्र स्थान है। इस मंदिर को ‘केसी घाट’ के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। कहते हैं कि विशेष अवसरों पर कृष्ण भक्तों की यहां भीड़ देखने को मिल जाती है।
जगन्नाथ मंदिर, पुरी: ओडिशा राज्य में स्थित, जगन्नाथ मंदिर भगवान कृष्ण का एक प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में भगवान कृष्ण की जगन्नाथ के रूप में तथा उनके भाई-बहन बलराम और सुभद्रा की लकड़ी की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। हर 12 या 19 वर्षों में इन लकड़ी की मूर्तियों को लकड़ी से बनी समान प्रतिकृति का उपयोग करके बदल दिया जाता है।
बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन: “बांके बिहारी मंदिर” भी वृंदावन में ही स्थित है। यहां कृष्ण की मूर्ति त्रिभंग मुद्रा में देखी जा सकती है। इस मंदिर में कई पवित्र उत्सव आयोजित होते हैं।
उडुपी श्री कृष्ण मठ, उडुपी : उडुपी श्री कृष्ण मठ, कर्नाटक के उडुपी शहर में स्थित है। यह मंदिर एक ‘द्वैत मठ’ है, जो एक जीवित आश्रम जैसा प्रतीत होता है। संत जगद्गुरु श्री माधवाचार्य ने 13वीं शताब्दी में इस मंदिर की स्थापना की थी।
श्रीनाथजी मंदिर, नाथद्वारा: “श्रीनाथजी मंदिर” राजस्थान राज्य के प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। मंदिर के मुख्य देवता श्रीनाथजी हैं, जो कि भगवान कृष्ण का ही एक रूप हैं। कुछ लोग, श्रीनाथजी के चरित्र को स्वयंभू कहते हैं। यहां भगवान कृष्ण की मूर्ति को 17वीं शताब्दी के अंत में लाया गया था। गोविंद देव जी मंदिर, जयपुर : जयपुर शहर में स्थित “गोविंद देव जी मंदिर” एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। मंदिर के मुख्य देवता गोविंद देव है, जो कि भगवान कृष्ण का ही एक रूप है। भगवान कृष्ण के इस प्रसिद्ध मंदिर में कृष्ण की वही छवि है, जो उनके अवतार के दौरान थी।

संदर्भ
https://tinyurl.com/yt44pxr7
https://tinyurl.com/2zrptd2a

चित्र संदर्भ 
1. एक मंदिर और श्री कृष्ण की प्रतिमा को दर्शाता एक चित्रण (Rawpixel, Wallpaper Flare)
2. प्रेम मंदिर मथुरा को दर्शाता एक चित्रण (Wikimedia)
3. द्वारकाधीश मंदिर को दर्शाता एक चित्रण (Wikimedia)
4. वृंदावन में कृति मंदिर को दर्शाता एक चित्रण (Wikimedia)
5. श्री गोविंद देव जी मंदिर जयपुर राजस्थान को दर्शाता एक चित्रण (Wikimedia)

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.